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जीएसटी से जीडीपी में 2% बढ़ोतरी की बात भ्रामक

सेमिनार. डॉ एम गोविंद राव ने कहा प्रधानमंत्री के आर्थिक मामलों की सलाहकार कमेटी के पूर्व सदस्य डॉ एम गोविंद राव ने कहा, जीएसटी को लेकर लोग कर रहे तात्कालिक विश्लेषण. पटना : गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के लागू होने के बाद जीडीपी के 1.5 से 2 प्रतिशत बढ़ने की बात भ्रामक है. […]

सेमिनार. डॉ एम गोविंद राव ने कहा
प्रधानमंत्री के आर्थिक मामलों की सलाहकार कमेटी के पूर्व सदस्य डॉ एम गोविंद राव ने कहा, जीएसटी को लेकर लोग कर रहे तात्कालिक विश्लेषण.
पटना : गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के लागू होने के बाद जीडीपी के 1.5 से 2 प्रतिशत बढ़ने की बात भ्रामक है. जो लोग भी ऐसा कह रहे हैं वह तात्कालिक विश्लेषण है. जबकि कानून बनने और उसके लागू होने के बाद जो असर होगा उस पर यह निर्भर करेगा कि जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोतरी होगी या नहीं. यह जानकारी प्रधानमंत्री के आर्थिक मामलों की सलाहकार कमेटी के पूर्व सदस्य डॉ एम गोविंद राव ने दी. वे बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स में जीएसटी पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे.
उन्होंने भारत में टैक्स प्रणाली के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शुरुआत का वक्त ऐसा था कि सरकार ने केवल टैक्स पर फोकस किया. सर्विस इससे दूर रहा. 1982 में झा कमेटी बनी जिसकी सिफारिशें 1987 में लागू हुईं. इसके बाद बदलाव अाना शुरू हुआ. जीएसटी इस कड़ी में एक बड़ा परिवर्तन है. उन्होंने बताया कि कनाडा और यूराेपियन यूनियन में केवल सेंट्रल टैक्स होता है, जबकि आॅस्ट्रेलिया में हर सेक्टर पर जीएसटी जैसा टैक्स है.
बड़े टैक्स रिफाॅर्म की हो चुकी है शुरुआत
कॉमर्शियल टैक्स विभाग की आयुक्त सह प्रधान सचिव सुजाता चक्रवर्ती ने कहा कि जीएसटी देश के सबसे बड़े टैक्स रिफाॅर्म की ओर पहला कदम है. अभी जीएसटी पर काफी ट्रेनिंग की जरूरत होगी. चैंबर भी जुड़ कर काम करेगा. 15 जून से मॉडल जीएसटी लॉ को विभाग की वेबसाइट पर लोड कर दिया गया है. लोग अपने विचार सीधे सबमिट कर सकते हैं या फिर gstbihar@gmail.com पर मेल कर सवाल पूछ सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि एक अप्रैल 2017 से जीएसटी बिल लागू हुआ तो इस साल का कर संग्रहण बेस माना जायेगा. जीएसटी बिहार के लिए लाभकारी है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के प्रोफेसर डॉ पिनाकी चक्रवर्ती ने कहा कि केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी कितनी होगी यह देखने वाली बात होगी. अभी 18 प्रतिशत टैक्स की बात सामने आ रही है.
उन्होंने बताया कि लक्जमबर्ग में सबसे कम 17 प्रतिशत और सबसे ज्यादा जीएसटी हंगरी में 27 प्रतिशत है. कॉमर्शियल टैक्स विभाग के संयुक्त निदेशक अरुण कुमार मिश्रा ने प्रेजेंटेशन के जरिये मॉडल जीएसटी लॉ के बारे में बताया. सेमिनार में व्यवसायियों के सवालों के जवाब भी दिये गये. स्वागत भाषण चैंबर अध्यक्ष आेपी शाह और धन्यवाद ज्ञापन सचिव शशि मोहन ने किया.
पटना : बहुप्रतिक्षित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पास हो जाने पर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने प्रसन्नता जाहिर की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने संसद के दोनों सदनों से इस विधेयक को पारित किये जाने पर सांसदों के साथ ही वित्त मंत्री व प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि यह बिल ऐतिहासिक एवं देश में आर्थिक सुधारों को नयी गति एवं दिशा देनेवाले होगा. जीएसटी लागू करने वाला भारत 166वां देश होगा.
खेतान ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद देश में कारोबार करने के मौजूदा माहौल में भी काफी बदलाव नजर आयेगा. अभी लगभग 17 प्रकार के अप्रत्यक्ष कर लगते हैं, जो जीएसटी के लागू होने से सिर्फ एक कर के रूप में परिवर्तित हो जायेगा. उद्योगों एवं कारोबारियों को बार-बार विभिन्न करों के भुगतान करने का झंझट समाप्त हो जायेगा. इससे उनकी लागत में कमी आयेगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी का लागू होना बिहार के लिए लाभकारी होगा. इससे व्यापारी और उपभोक्ता दोनों वर्गों को फायदा होगा. चूंकि बिहार में औद्योगिक गतिविधियां कम है.
यह एक कंज्यूमर राज्य है. इसलिए, बिहार को इस बिल से ज्यादा फायदा होगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कर का दायरा बढ़ने से फाइनांस कमिशन के माध्यम से राज्य को वर्तमान में मिलने वाली हिस्सेदारी में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी जो राज्य के विकास में सहायक होगा. एसोसिएशन के महासचिव सुबोध कुमार ने कहा कि यह विधेयक देश के कम से कम 15 राज्यों के विधानमंडलों में पारित होने पर ही 1 अप्रैल 2017 से लागू हो सकेगा. इस बीच राज्यों को भी एसजीएसटी पर कानून बनाना है. चूंकि बिहार को जीएसटी से बहुत ज्यादा फायदा होगा, अत: आवश्यक है कि बिहार आगे बढ़ कर इस विधेयक का समर्थन करे और इसे लागू कराने में अपनी सहयोग दे.
उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार अब इस विषय पर अपने स्तर पर आवश्यक तैयारी तेज करेगी और सरकार द्वारा गठित होने वाला एसजीएसटी बिल जल्द से जल्द तैयार कर इसे राज्य विधान मंडल से पास करायेगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी में निर्धारित होने वाले कर का दर 18 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए.

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