पटना: योजना आयोग के संयुक्त सलाहकार केएन पाठक ने कहा है कि तेज विकास के लिए जनसंख्या की वृद्धि दर का कम होना जरूरी है. वे सोमवार को एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद आइसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित क्षमता वर्धन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि अधिकतर बीमारू राज्य इस हकीकत पर खड़ा नहीं उतर रहे हैं. इसकी जानकारी आम लोगों के बीच में जानी चाहिए. संस्थान के पूर्व निदेशक और समाज विज्ञानी प्रो एमएन कर्ण ने कहा कि विकास के मुद्दों पर शोध के लिए शोधार्थी को वास्तविकता पर आधारित तथ्यों को केंद्र में लाना चाहिए.
प्रो कर्ण ने कहा कि पूरे देश में जातीयता के पैमाने पर कौन सी जाति का स्थान कहां है, इस मामले में हर राज्य में स्थितियां अलग-अलग हैं. बिहार में जाति और वर्ग में समानता की ओर इशारा करते हुए कहा कि यहां ऊंची जाति, मध्य जाति, निचली जाति और अनुसूचित जाति के समान ही उच्च वर्ग के किसान, मध्यवर्गीय किसान और निम्नवर्गीय किसान और भूमिहीन होने की समानता है.
इसके पूर्व क्षमता वर्धन कार्यक्रम में शामिल लोगों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ डीएम दिवाकर ने विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सिर्फ भेदभाव पर ही अध्ययन पर्याप्त नहीं है. इस बात का अध्ययन ज्यादा अहम है कि अलग-अलग इलाकों में भेदभाव के पैमाने क्या हैं और इसकी स्थिति क्या है? कार्यक्रम को सीयूबी के प्रो सुनील राय ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में देश के प्रमुख एनइएचयू के डॉ प्रसेनजीत विश्वास, पंजाब विवि के डॉ के गोपाल अय्यर, चर्चित समाज विज्ञानी डॉ भास्कर मजूमदार भाग ले रहे हैं. धन्यवाद ज्ञापन डॉ नीतू चौधरी ने किया.