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बिहार में लागू हो डोमिसाइल नीति : सुशील मोदी

पटना : विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार से राज्य में अविलंब डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की है. डोमिसाइल नीति लागू नहीं होने के कारण राज्य के 80 प्रतिशत सहायक शिक्षकों के पदों पर दूसरे राज्यों के लोगों को मौका मिल रहा है. वे विप स्थित अपने […]

पटना : विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार से राज्य में अविलंब डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की है. डोमिसाइल नीति लागू नहीं होने के कारण राज्य के 80 प्रतिशत सहायक शिक्षकों के पदों पर दूसरे राज्यों के लोगों को मौका मिल रहा है.
वे विप स्थित अपने कार्यालय कक्ष में सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य में 13 साल बाद हो रहे सहायक प्रोफेसरों की 3400 पदों के लिए हुई बहाली में अब तक के विषयों में 82 से 90 प्रतिशत सीटों पर बाहरी छात्रों को मौका मिला है. इसके लिए बिहार सरकार को जिम्मेवार बताते हुए मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने यूजीसी के 2009 के रेगूलेशन को लागू नहीं किया.
इसके कारण राज्य के 36 हजार पीएचडी डिग्री धारकों को सहायक प्रोफेसर के पदों के लिए साक्षात्कार में शामिल होने का मौका ही नहीं मिला. जब छात्र लालू प्रसाद से मिलने गये तो छात्रों काे भगा दिया गया था. अब वे इनके हित पर बयानबाजी कर लफ्फाजी कर रहे हैं. यूजीसी के गाइड लाइन लागू नहीं हाेने के कारण एससी-एसटी के पद खाली रह गये हैं, क्योंकि इन पदों पर दूसरे राज्यों के लोगों को बहाल नहीं किया जा सकता है. सिर्फ 50 प्रतिशत सामान्य सीट पर ही बाहरी की बहाली हो सकती है.
उन्होंने कहा कि सरकार अविलंब साक्षात्कार रोककर नये सिरे से यूजीसी के गाइड लाइन को लागू करे. साथ ही जिन विषयों में साक्षात्कार हो चुका है, उन विषयों के भी परिणाम को रोककर साक्षात्कार लिया जाये.
उन्होंने कहा कि सबौर कृषि विवि में जूनियर साइंटिस्ट की बहाली में 80 प्रतिशत सीटों पर दूसरे राज्यों के लोगों की बहाली हुई. तत्कालीन कुलपति ने बहाली किया था. इसकी जांच चल ही रही है. संविदा पर पर बहाल तीन लाख लोगों की सेवा को नियमित करने के लिए 28 अप्रैल 2015 को एके चौधरी की अध्यक्षता में कमेटी बनाया गया था. तीन महीना में रिपोर्ट देना था, पर 15 माह में कोई रिपोर्ट तक नहीं आयी है.

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