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पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में 84 व पूर्णिया विवि में होंगे 41 कॉलेज
निर्णय. पाटलिपुत्र विवि में एमयू के पटना व नालंदा के कॉलेज होंगे शामिल पूर्णिया विश्वविद्यालय में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज के कॉलेज होंगे शामिल. पटना : बिहार सरकार की कैबिनेट ने राज्य में दो विश्वविद्यालय को बांट कर दो नये विश्वविद्यालय के साथ-साथ बिहार राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2016 को मंजूरी दे दी है. […]
निर्णय. पाटलिपुत्र विवि में एमयू के पटना व नालंदा के कॉलेज होंगे शामिल
पूर्णिया विश्वविद्यालय में पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज के कॉलेज होंगे शामिल.
पटना : बिहार सरकार की कैबिनेट ने राज्य में दो विश्वविद्यालय को बांट कर दो नये विश्वविद्यालय के साथ-साथ बिहार राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2016 को मंजूरी दे दी है. अब शिक्षा विभाग की ओर से अधिसूचना जारी होने के साथ ही मगध विश्वविद्यालय से अलग होकर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और भूपेंद्र नारायण मंडल विवि मधेपुरा से अलग होकर पूर्णिया विश्वविद्यालय स्थापित हो जायेगा.
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का मुख्यालय पटना में मगध यूनिवर्सिटी के एक्सटेंशन सेंटर को बनाया जायेगा, जबकि पूर्णिया विश्वविद्यालय का मुख्यालय पूर्णिया कॉलेज में होगा. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेज छोड़कर पटना जिला व नालंदा जिले के मगध विवि के सभी कॉलेज शामिल होंगे, वहीं, पूर्णिया विश्वविद्यालय में इस प्रमंडल के जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज के कॉलेज शामिल होंगे.
इस आधार पर मगध विश्वविद्यालय में सिर्फ मगध प्रमंडल के कॉलेज रह जायेंगे, जबकि बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में सिर्फ कोसी प्रमंडल के जिलों के कॉलेज रह जायेंगे. मगध विवि का मुख्यालय बोधगया व बीएन मंडल विवि का मुख्यालय मधेपुरा ही रहेगा. मगध विवि और बीएन मंडल विश्वविद्यालय की ओर से अब तक जो काम किये गये हैं उसे दोनों से अलग हो रहे नये विश्वविद्यालयों में भी माना जायेगा.
विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक से हटेंगे झारखंड के तीन विवि
बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 में झारखंड के भी तीन विश्वविद्यालयों को रखा गया है.इसमें रांची विश्वविद्यालय, सिद्धो-कान्हो विश्वविद्यालय और विनोवा भावे विश्वविद्यालय को रखा गया था. बिहार से झारखंड के बंटवारे के बाद इस एक्ट में संशोधन नहीं किया जा सका है. बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 2016 में इन तीनों ही विश्वविद्यालय को एक्ट से हटाया (विलोपित किया) जा रहा है. इस विधेयक में 1976 के एक्ट के कई उपबंधों को संशोधन किया जायेगा, कुछ एडिशन (जोड़ा) जायेगा और कुछ को विलोपित (हटाया) किया जायेगा.
बंटवारे के बाद इस प्रकार होगा कॉलेजों का स्वरूप
नये विश्वविद्यालयों में खुलेगा पीजी डिपार्टमेंट
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ दोनों में पीजी (स्नातकोत्तर) डिपार्टमेंट खुलेगा. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय कॉलेज ऑफ कॉमर्स या एएन कॉलेज में फिलहाल अपना पीजी डिपार्टमेंट खोल सकती है. साथ ही इन दोनों कॉलेजों को विश्वविद्यालय के प्रिमियम कॉलेज का भी दर्जा मिलने की पूरी संभावना है. वहीं, पूर्णिया कॉलेज वर्तमान में पूर्णिया विश्वविद्यालय का पीजी डिपार्टमेंट होगा.
दोनों ही नये विश्वविद्यालय के लिए अलग से जमीन भी देखी जा रही है, जहां उसकी स्थापना की जायेगी. पूर्णिया में चार जगहों पर जमीन देखी जा चुकी है, जिसमें से एक को फाइनल करना है.
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