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मॉनसून इफेक्ट पटना समेत छह जिलों की 10 नहरों में ओवरफ्लो होने लगा पानी

पटना : चार-पांच दिनों तक झमाझम बारिश क्या हुई, पटना, पश्चिमी और पूर्वी चंपारण के 10 वितरिणयां पानी के लोड झेलने में हांफने लगीं. जबरदस्त बारिश होने के कारण नहरों का लोड कम करने को जल संसाधन विभाग खेतों में पानी भी नहीं छोड़ पा रहा है. नतीजतन पटना, पश्चिमी व पूर्वी चंपारण की 10 […]

पटना : चार-पांच दिनों तक झमाझम बारिश क्या हुई, पटना, पश्चिमी और पूर्वी चंपारण के 10 वितरिणयां पानी के लोड झेलने में हांफने लगीं. जबरदस्त बारिश होने के कारण नहरों का लोड कम करने को जल संसाधन विभाग खेतों में पानी भी नहीं छोड़ पा रहा है. नतीजतन पटना, पश्चिमी व पूर्वी चंपारण की 10 नहरें ओवरफ्लो कर रही हैैं.
जानकारी के अनुसार पटना की मंझौली, फतेहपुर, विक्रम लॉक, नौबतपुर लॉक और खगौल नहर भारी बारिश के कारण ओवर फ्लो कर रही है. पानी का दबाव कम करने के लिए सिंचाई विभाग इन वितरणियों व नहराें से खरीफ सिंचाई के लिए खेतों में न्यूनतम पानी छोड़ रहा है. यही हाल पश्चिमी चंपारण और डिहरी की वितरणियोंका है.
पटना : बाढ़ नियंत्रण कार्य में अभियंताओं की कमी का टोटा झेल रहे जल संसाधन विभाग ने छह जिलों के बाढ़ निरोधक तटबंधों पर 66 कनीय अभियंताअों को प्रतिनियुक्त किया है. तटबंधों पर तैनात कनीय अभियंताओं की तमाम छुट्टियां भी विभाग ने बाढ़ अवधि तक के लिए रद्द कर दी है. जल संसाधन विभाग ने वीरपुर तटबंध पर 12, कटिहार तटबंध पर छह, गोपालगंज तटबंध पर 23, मुजफ्फरपुर तटबंध पर 10, समस्तीपुर तटबंध पर 10 और पटना के तटबंधों पर पांच कनीय अभियंताओं को प्रतिनियुक्त किया है. इन अभियंताओं को भागलपुर, सीवान, मोतिहारी, दरभंगा व नालंदा डिवीजन में तैनात किये गये.
पटना : बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई योजनाओं का काम अब तय समय पर और पुख्ता होगा. जल संसाधन विभाग ने सिंचाई योजनाओं का काम तय मानक के आधार पर निश्चित समय सीमा के अंदर कराने के लिए सभी प्रमंडलों में परामर्शी बहाल किये हैं. यानी अब बिना परामर्शी की सहमति के किसी भी सिंचाई योजना का काम नहीं होगा. जल संसाधन विभाग ने प्रमंडलों में प्रतिनियुक्त परामर्शियों काे कई महती जिम्मेवारी दी है.
बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई योजनाओं को हरी झंडी देने में केंद्रीय जल आयोग और बाढ़ नियंत्रण परिषद कोई-न-कोई तकनीकी या प्रोसिडिंग का पेच फंसा देता है. केंद्रीय जल आयोग और बाढ़ नियंत्रण परिषद की आपत्ति को ले कर बाढ़-सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति दिलाने और काम शुरू कराने में प्राय: हर वर्ष जल संसाधन विभाग के योजना पर्षद को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इस समस्या से जल संसाधन विभाग को परामर्शी निजात दिलायेंगे. केंद्रीय जल आयोग और बाढ़ नियंत्रण परिषद से बाढ़ और सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति दिलाने की जल संसाधन विभाग ने परामर्शियों को जिम्मेवारी दी है. इससे परामर्शियों की टीम अब योजनाओं की स्वीकृति दिलाने में बड़ी भूमिका निभायेगी. ऐसे में योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका कम रहेगी.

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