पटना: रात में ही बांकीपुर क्लब के बार में सभी गार्डो को इस बात की जानकारी हो चुकी थी कि वीरू बाबू अंदर गिरे पड़े हैं. ये बातें अब धीरे-धीरे खुल कर सामने आ रही हैं. दवा व्यवसायी वीरेश रंजन के शव मिलने के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को एक और गार्ड रंगनाथ सिन्हा से पूछताछ की. सिन्हा ने इस बात की जानकारी दी कि उसने राम भगत, जितेंद्र व सुपरवाइजर को घटना की जानकारी रात में ही दी थी.
बयान में विरोधाभास : जितेंद्र ने पुलिस को बताया था कि उसे साढ़े चार बजे घटना की जानकारी फोन के माध्यम से राम भगत से मिली और उसने पांच बजे इसकी सूचना उनके परिजनों को दे दी. जबकि, राम भगत ने बताया था कि उसने घटना की जानकारी जितेंद्र को पहले ही दी थी. इन तीनों के बयान के बाद यह बात खुल कर सामने आयी कि जितेंद्र, राम भगत व रंगनाथ सिन्हा को घटना की जानकारी रात में ही हो चुकी थी.
पुलिस अब भी अंधेरे में : पुलिस वीरेश रंजन की मौत के मामले में अब भी अंधेरे में है. हालांकि, गांधी मैदान के थानाध्यक्ष राजबिंदु प्रसाद ने बताया कि अनुसंधान में हत्या वाली बात अभी तक सामने नहीं आयी हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है. उधर, दवा व्यवसायी के दामाद पुनीत कुमार ने बताया कि क्लब के गार्ड व मैनेजमेंट परिवार के लोग क्लब के खिलाफ आंदोलन करेंगे.
परिजनों ने उठाये सवाल
आखिर ऐसी कौन सी बात थी, जिसके कारण गार्ड ने समय पर नहीं दी जानकारी?
क्या क्लब के किसी मजबूत व्यक्ति से डर गये थे गार्ड?
क्या वीरेश रंजन इतना ड्रिंक कर लिये कि घर तक नहीं चल कर आ सके?
जब दवा व्यवसायी ने पार्टी में पहले ही ड्रिंक कर लिया, तो बार के अंदर रात 11.45 बजे जाने की क्या जरूरत थी?