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सूबे को बिजली का पूरा हिस्सा नहीं मिलता है सेंट्रल पूल से
मुद्दा राज्य के ऊर्जा मंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष रखा है राज्य को केंद्र से 3092 मेगावाट बिजली आवंटित है पावर होल्डिंग कंपनी को बाजार से महंगी दर पर बिजली खरीद कर आपूर्ति करनी पड़ती है प्रतिव्यक्ति बिजली की खपत भी बढ़ी है पटना : सेंट्रल पूल से बिहार को आवंटित बिजली में […]
मुद्दा राज्य के ऊर्जा मंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष रखा है
राज्य को केंद्र से 3092 मेगावाट बिजली आवंटित है
पावर होल्डिंग कंपनी को बाजार से महंगी दर पर बिजली खरीद कर आपूर्ति करनी पड़ती है
प्रतिव्यक्ति बिजली की खपत भी बढ़ी है
पटना : सेंट्रल पूल से बिहार को आवंटित बिजली में हकमारी का मुद्दा राज्य के ऊर्जा मंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष रखा है. राज्य बिजली के मामले में सेंट्रल पूल पर ही आश्रित है. केंद्रीय प्रक्षेत्र से कम बिजली मिलने के कारण राज्य को खुले बाजार से बिजली खरीदनी पड़ती है. राज्य को केंद्र से 3092 मेगावाट बिजली आवंटित है. लेकिन आवंटित बिजली कभी आपूर्ति नहीं हुई.
राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने सेंट्रल पूल से आवंटित पूरी बिजली नहीं मिलने का मामला केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयुष गोयल के सामने रखा है. बिजली मंत्री ने गोयल से कहा है कि राज्य को आवंटित 3092 मेगावाट की जगह औसतन 21 से 22 सौ मेगावाट बिजली मिलती है. बिहार पूरी तरह सेट्रल पूल पर ही निर्भर है, एेसे में कम आपूर्ति से परेशानी हो रही है. राज्य में प्रतिव्यक्ति बिजली की खपत भी बढ़ी है.
2012-13 में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 120 यूनिट था जो 2014-15 में बढ़कर 203 यूनिट हो गया है. यादव ने बताया कि बिहार की हकमारी की बात हमने उठायी है. उम्मीद है कि हमें केंद्र से पूरी आवंटित बिजली मिलेगी. एनटीपीसी की जब बाढ़, कहलगांव या फरक्का की किसी यूनिट में खराबी आती है तो रखरखाव के लिए उसे बंद किया जाता है तो राज्य में बिजली संकट गहरा जाता है. पावर होल्डिंग कंपनी को महंगे दर बिजली खरीद कर आपूर्ति करना पड़ता है .
बिजली आपूर्ति के मामले में बिहार 24 घंटे सातों दिन कंसेप्ट पर काम कर रहा है. अगले साल तक लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद है. बिहार का अपना उत्पादन अभी कांटी बिजली घर से हो रहा है. अभी कोयले की कमी के चलते कभी सौ तो कभी 90 मेगावाट बिजली मिल रही है.
राज्य का रोजाना खपत अभी 4000 मेगावाट के करीब है. बिहार सरकार का कहना है कि केंद्र बिजली के मामले में बिहार का हक मार रहा है. सेंट्रल पुल से बिहार को आवंटित पूरी बिजली नहीं मिल रही है. सेंट्रल पुल से बिहार को रोजाना 3092 मेगावाट बिजली आवंटित है लेकिन पिछले ढाई माह में किसी भी दिन पूरी बिजली नहीं मिली. बिजली कंपनी खुले बाजार से बिजली खरीदकर आपूर्ति कर रही है . बाजार से खरीदने के बाद भी लोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है.
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