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टॉपर घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की जांच हो : माले

11 के बिहार बंद में माले, इनौस और आइसा ने झोंकी ताकत पटना : टॉपर घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो. बिहार सरकार से उक्त मांग शनिवार को माले के राज्य सचिव कुणाल ने की. वे पार्टी कार्यालय में 11 को बिहार बंद की सफलता को ले कर हुई बैठक में बोल […]

11 के बिहार बंद में माले, इनौस और आइसा ने झोंकी ताकत
पटना : टॉपर घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो. बिहार सरकार से उक्त मांग शनिवार को माले के राज्य सचिव कुणाल ने की. वे पार्टी कार्यालय में 11 को बिहार बंद की सफलता को ले कर हुई बैठक में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार बंद को सीपीआइ, सीपीआइ (एम), एसयूसीआइ (सी), फाॅरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी जैसी राजनीतिक पार्टियों, शिक्षा से सरोकार रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों से भी माले ने समर्थन मांगा है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा टेंपो-बस चालक संघों को पत्र लिखकर भी बंद को समर्थन देने की अपील की गयी है. उन्होंने कहा कि यह बंद इसलिए किया गया है कि सरकार टॉपर घोटाले के केवल आपराधिक पहलू की ही जांच कर रही है और केवल ‘छोटी मछलियों’ को पकड़ा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि ऐसा घोटाला बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है. यह शिक्षा नीति की विफलता को भी दिखलाता है. जो शिक्षा नीति चली आ रही है, उसकी वजह से आज प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा एक खरीद-फरोख्त की वस्तु बन गयी है.
शिक्षा पर माफियाओं ने कब्जा जमा लिया है और महंगे प्राइवेट स्कूलों की बाढ़ आ गयी है. शिक्षा में निजी पूंजी व वित्तरहित शिक्षा को बढ़ावा देने की नीति ने इस तरह के घोटालों को संस्थाबद्ध जदयू-भाजपा से लेकर राजद तक शिक्षा की बर्बादी के लिए जवाबदेह किया है. जदयू-भाजपा से लेकर राजद तक शिक्षा की बर्बादी के लिए जवाबदेह हैं.
भविष्य के साथ खिलवाड़ होने नहीं देंगे
इनौस नेता मनीष कुमार सिंह ने कहा कि हम बिहार के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे. सरकार को टॉपर घोटाले के राजनीतिक संरक्षण की जांच करानी होगी. चितकोहरा में बंद के समर्थन में आयोजित नुक्कड़ सभा में उन्होंने कहा कि दलित व कमजोर वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति काटकर नीतीश सरकार बिहार के जनादेश का अपमान और सामाजिक न्याय से विश्वासघात कर रही है. इसके खिलाफ हम संघर्ष जारी रखेंगे.

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