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लालकेश्वर की लीला. पायलट के फर्जी सर्टिफिकेट को ऑरिजनल करने के लिए हुई थी बड़ी डील

बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने बना दिया था फर्जी रोल नंबर और रोल कोड पटना : बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिर्फ टॉपर बनाने का खेल ही नहीं करते थे, बल्कि इंटर के फर्जी सर्टिफिकेट को ऑरिजनल करने का काम भी करते थे. महाराष्ट्र निवासी एयर इंडिया के एक पायलट […]

बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने बना दिया था फर्जी रोल नंबर और रोल कोड
पटना : बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिर्फ टॉपर बनाने का खेल ही नहीं करते थे, बल्कि इंटर के फर्जी सर्टिफिकेट को ऑरिजनल करने का काम भी करते थे. महाराष्ट्र निवासी एयर इंडिया के एक पायलट अजय खादतले के फर्जी सर्टिफिकेट को ऑरिजनल करने के लिए पूरी कोशिश भी उन्होंने की थी. इसके लिए लाखों रुपये की बड़ी डील भी हुई थी, लेकिन समिति कार्यालय के कुछ कर्मचारियों के विराेध करने के कारण खादतले के फर्जी सर्टिफिकेट को ऑरिजनल नहीं बनाया जा सका.
मालूम हो खादतले अजय ने एयर इंडिया में पायलट की नौकरी इंटर के फर्जी प्रमाणपत्र के तौर पर प्राप्त किया था. एयर इंडिया की इंक्वायरी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास पहुंचे, इससे पहले खादतले अजय ने पूर्व अध्यक्ष से मिल कर फर्जी सर्टिफिकेट को ऑरिजनल बनाना चाहा.
खुद बना डाला रोल नंबर, और तैयार कर दिया सर्टिफिकेट : खादतले अजय को इंटर का छात्र बनाने के लिए पूर्व अध्यक्ष ने खादतले अजय को भगवान बुद्ध महाविद्यालय, मीठापुर से फर्जी रॉल नंबर 10316 बनाया.
इसके बाद उसका मार्क्सशीट तैयार करने लगे. लेकिन जब भगवान बुद्ध महाविद्यालय, मीठापुर का टीआर निकाला गया तो पता चला कि 1995 में इस कॉलेज से 310 ही छात्र इंटर की परीक्षा में शामिल हुए थे. इसके बाद पूर्व अध्यक्ष ने 10310 से 10316 के बीच पांच छात्रों का नाम दुहरा दिया. टीआर में तो कॉलेज के छात्रों की संख्या बढ़ गयी. खादतले अजय को इंटर साइंस में प्रथम श्रेणी में पास भी करवा दिया.
सीडी में अंक चढ़ाने पर फंस गया मामला : खादलते अजय को बिहार बोर्ड के इंटर का छात्र बनाने के लिए पूर्व अध्यक्ष ने काफी कोशिश किया. मार्क्स सीट गुम होने की कहानी रची गयी. मार्क्स सीट फर्जी बनाया गया. मार्क्स सीट से टीआर बना और फिर मार्क्स को सीडी में डलवाने के लिए संचिका बनायी गयी. इस संचिका के फाइल काे आगे बढ़ाया गया. लेकिन कंप्यूटर विभाग और निगरानी विभाग से इस संचिका को अध्यक्ष के पास से यह कह कर लौटा दिया गया कि इस मार्क्स सीट सही नहीं है और यह सीडी में लोड नहीं हो पायेगा. सीडी में मार्क्स लोडिंग कॉलेज से ही आता है और यह काम प्रोसेसर का होता है.
एयर इंडिया ने भेजा सर्टिफिकेट, वेरिफिकेशन में निकला गलत : खादतले अजय की नियुक्ति एयर इंडिया में इंटरनेशनल पायलट के तौर पर हुयी थी. मुंबई से दुबई की फ्लाइट खादतले अजय के जिम्मे था. नियुक्ति के बाद एयर इंडिया खादतले अजय के इंटर के शैक्षणिक प्रमाण पत्र को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास 2014 फरवरी में भेजा. खादतले अजय का जो इंटर सर्टिफिकेट समिति कार्यालय के पास अाया. इंटर के निगरानी विभाग में खादतले के इंटर के प्रमाणपत्र का मिलान टीआर से किया गया. लेकिन इस नाम का कोई छात्र इंटर की परीक्षा 1995 में शामिल ही नहीं हुआ था. इसके बाद समिति की ओर से एयर इंडिया काे इसकी सूचना दी गयी कि खादतले के इंटर का प्रमाणपत्र का अभिलेख समिति के पास मौजूद नहीं है.
इंटर के प्रमाणपत्र पर होता है प्रमाणपत्र का सीरियल नंबर : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी इंटर के प्रमाण पत्र पर रॉल नंबर के साथ रॉल कोड अंकित होता है. इसके अलाव प्रमाण पत्र का सीरियल नंबर भी अंकित होता है. लेकिन खादतले अजय के इंटर प्रमाण पत्र पर ना रॉल नंबर था और नही रॉल कोड था. इसके अलावा सर्टिफिकेट पर इंटरमीडिएट काउंसिल द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र का नंबर भी नहीं था. प्रमाणपत्र पर केवल कॉलेज का नाम भगवान बुद्ध महाविद्यालय, मीठापुर और 1997 में उत्तीर्ण की जानकारी दी हुई थी. जांच में पूरा मामला ही गड़बड़ निकला.

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