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बच्चों को फिट करनेवाला जिम खुद अनफिट

वर्ष 2006 में जिले के 150 से अधिक स्कूलों में छात्रों के लिए खोले गये थे जिम्नेजियम पटना : स्कूल में स्टूडेंट्स फिट रह कर पढ़ाई कर सकें, इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से लाखों रुपये की लागत से जिम्नेजियम की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन फिजिकल टीचर के अभाव में स्कूलों में खोले […]

वर्ष 2006 में जिले के 150 से अधिक स्कूलों में छात्रों के लिए खोले गये थे जिम्नेजियम
पटना : स्कूल में स्टूडेंट्स फिट रह कर पढ़ाई कर सकें, इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से लाखों रुपये की लागत से जिम्नेजियम की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन फिजिकल टीचर के अभाव में स्कूलों में खोले गये जिम्नेजियम के कमरे बंद पड़े-पड़े बीमार हो गये. इससे बच्चों को फिट करनेवाली मशीनें खुद ही अनफिट हो गयी हैं. मालूम हो कि जिले के हाइस्कूल और पल्स टू विद्यालयों में बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए वर्ष 2006 में जिम्नेजियम खोले गये थे.
जानकारी के अनुसार कुल 150 विद्यालयों में उस समय जिम्नेजियम खोले गये थे. इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को साढ़े तीन लाख का बजट आवंटित किया गया था. बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से हर विद्यालय में इसका पूरा सेट अप तैयार किया गया था. बच्चों को एक्सरसाइज करने की मशीन खरीदी गयी थी.
शुरुआती दिनों में फिजिकल टीचर की मदद से जिम्नेजियम का लाभ बच्चों को मिला, पर धीरे-धीरे टीचर के अभाव में कमरे बंद हो गये और आज इसकी मशीन तक खराब हो गयी हैं. वहीं रेसिंग व साइकिलिंग आदि के लाखों रुपये के उपकरण भी धूल फांक रहे हैं. शिक्षा विभाग की ओर से जिन विद्यालयों में खेल के मैदान की सुविधा नहीं थी. उन विद्यालयों के बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए जिम खोले गये थे. साथ ही यह भी उद्देश्य था कि बच्चे इसके इस्तेमाल कर खुद को स्वस्थ और फिट रख सकें.
हमारे स्कूल में फिजिकल शिक्षक नहीं होने के कारण जिम का संचालन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में सुविधाओं के बावजूद बच्चे इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं. इसे जल्द श्ुरू कराने का प्रयास किया जायेगा.
– माधुरी द्विवेदी, प्राचार्य, पटना कॉलेजिएट
कई स्कूलों में जिमनाज्यिम की व्यवस्था की गयी थी. पर कहीं शिक्षक के अभाव में तो कहीं स्कूल प्रशासन की लापरवाही से जिमनाजियम की इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. शिक्षक के साथ-साथ स्कूल प्रशासन को भी पहल करने की जरूरत है.
डॉ अशोक कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी

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