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स्मार्ट होगा शहर का सफाई सिस्टम

नये सिरे से डेवलप होगा सफाई का मैकेनिज्म, एक्सपर्ट बनायेंगे प्लान नगर आयुक्त के अनुसार स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग सिस्टम के लिए अक्तूबर में एजेंसी का चयन होगा. कचरा प्वाइंट व उठाव से लेकर मेन डंपिंग यार्ड में रिसाइकिलिंग तक का ब्लू प्रिंट बनेगा पटना : आनेवाले पांच से 10 वर्षों में शहर की सफाई व्यवस्था कैसे […]

नये सिरे से डेवलप होगा सफाई का मैकेनिज्म, एक्सपर्ट बनायेंगे प्लान
नगर आयुक्त के अनुसार स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग सिस्टम के लिए अक्तूबर में एजेंसी का चयन होगा. कचरा प्वाइंट व उठाव से लेकर मेन डंपिंग यार्ड में रिसाइकिलिंग तक का ब्लू प्रिंट बनेगा
पटना : आनेवाले पांच से 10 वर्षों में शहर की सफाई व्यवस्था कैसे सुधरेगी, पूरे सफाई सिस्टम को आधुनिक तरीके से कैसे डेवलप किया जाये, अब नगर निगम इस पर बेहतर प्लान बनाने जा रहा है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि मॉनसून के बाद शहर में नये सिरे से सफाई का मैकेनिज्म डेवलप किया जायेगा. इसके लिए नगर निगम एक्सपर्ट एजेंसियों का सहारा लेगी. उन्होंने बताया कि निगम अक्तूबर तक निविदा कर एजेंसी का चयन करेगा. एक्सपर्ट एजेंसी शहर की पूरी सफाई का आधुनिक मॉडल स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करेगी.
मॉडल में कचरा प्वाइंट से कचरे के उठाव से लेकर मेन डंपिंग यार्ड में कचरे की रिसाइकिलिंग तक का ब्लू प्रिंट बनेगा. फिर ब्लू प्रिंट के अनुसार नगर निगम पूरी सफाई सिस्टम में उपकरणों की खरीद से लेकर अन्य आवश्यक सुधार होंगे.
बनेगा मेकैनिकल डिवीजन : नगर आयुक्त ने बताया कि शहर के बड़े शहरों के नगर निगम में मेकैनिकल डिवीजन होता है, लेकिन अब तक पटना नगर निगम में इस तरह का कोई विभाग नहीं बनाया गया है.
उन्होंने बताया कि नगर निगम में बरसात के बाद इस तरह का एक अलग डिवीजन बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी, ताकि सफाई उपकरणों के उपयोग से लेकर उनके रखरखाव की जिम्मेवारी तय हो सके. नगर आयुक्त ने बताया कि अभी निगम वाहन जैसे काॅम्पैक्टर, टीपर से लेकर अन्य उपकरणों की क्या जरूरत है, किस जगह पर किस उपकरण को लगाया जाये, शहर मेें सेकेंड्री कचरा डंपिंग यार्ड कहां रहे, इस पर भी एजेंसी अपनी राय देगी, ताकि निगम के पूरे सफाई सिस्टम को स्मार्ट किया जा सके.
150 टीपर और दो फॉगिंग मशीनों की होगी खरीद : नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम एक माह के भीतर 150 ऑटो टीपर और दो फॉगिंग मशीन की खरीद करने जा रहा रहा है.
साढ़े चार लाख और साढ़े पांच लाख की दो फॉगिंग मशीनों की वाहन सहित खरीदारी की जायेगी. उन्होंने बताया कि वाहन तीन और चार पहिये वाले होंगे. दोनों को परीक्षण के तौर पर निगम उपयोग करेगा. इसके बाद जो बेहतर होगा उसकी खरीद की जायेगी. चार जुलाई को सशक्त स्थायी समिति की बैठक में इसका निर्णय होगा.
मुख्य अभियंता ने सफाई उपकरणों की मांगी रिपोर्ट : निगम के मुख्य अभियंता ने चारों अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारी से अंचल में काम कर रहे मशीनों व उपकरणों की सूची मांगी है. मुख्य अभियंता ने किस प्रकार के उपकरण, किस अंचल में कितने और किस स्थिति में काम कर रहें है, इसकी जानकारी देने को कहा है. मुख्य अभियंता ने किस अंचल को किस प्रकार के कितने उपकरणों की जरूरत है, इसकी जानकारी भी भेजने को कहा है. ताकि नये उपकरणों की खरीद की जा सके.
पटना. अब निगम में आने वाली आम जनता की शिकायतों पर खास ग्रेडिंग के जरिये समय तय किया जायेगा और उसके अनुरूप ही काम होगा. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह काम की प्राथमिकताओं को देखते हुए ग्रेड देकर निबटारे का समय देंगे और कर्मियों को तय समय पर वह काम पूरा करना होगा. निगम की योजनाओं की फाइलों कानिबटारा भी एेसे ही होगा. नगर आयुक्त ने काम की जरूरत और जरूरी जन शिकायत को जल्द से जल्द दूर करने के उद्देश्य से इस नये सिस्टम को डेवलप किया है. ताकि अधिक से अधिक जन समस्याओं का निबटारा कम समय में हो सके. वहीं कम महत्वपूर्ण और बेवजह के कार्यों पर अधिक वक्त बरबाद न हो. नगर आयुक्त 15 दिनों में एक बार शिकायतों की कार्रवाई की समीक्षा करेंगे. काम पूरा नहीं होने पर कारण के आधार पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी.
एए और ए से लेकर डी
तक की होगी ग्रेडिंग
नगर आयुक्त ने बताया कि सामान्य डाक और अन्य विभागों के माध्यम से प्राप्त पत्र एवं आम लोगों से मिलने वाले शिकायत को हल करने के लिए आवेदन पर ग्रेडिंग सिस्टम बनाया गया है. इसमें जैसे ही नगर आयुक्त के पास कोई शिकायत या अन्य जरूरी कामों की फाइल आयेगी, नगर आयुक्त इस पर एए और ए से लेकर डी तक का मार्क कर देंगे. फिर मार्क के अनुसार संबंधित अधिकारी को काम पूरा करना होगा. वहीं अगर आवेदन पर डी लिख दिया गया, तो निगम स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.
ऐसे होगी कार्यों के समय की ग्रेडिंग
एए- संबंधित शिकायत या फाइल का निबटारा अधिकारी तुरंत कर देंगे, इसे एक से दो दिनों में पूरा करना होगा. इस तरह की ग्रेडिंग निगम कोर्ट के मामले, नगर विकास व आवास विभाग या अन्य विभागों से प्रधान सचिव के तुरंत कार्रवाई का निर्देश व अतिक्रमण से किसी का रास्ता बंद होने जैसी स्थिति में दिया जायेगा.
ए- समस्या या काम को पांच दिनों के भीतर संबंधित अधिकारी को निबटारा करना होगा. ऐसी जन शिकायतों पर बल होगा, जिसे निगम तुरंत निबटारा कर सकता है. इसमें विशेष योजना की जरूरत नहीं है.
बी – संबंधित अधिकारी को दस दिनों के भीतर समस्या दूर करनीहाेगी. इसमें विकास संबंधित काम, किसी निगम संबंधित विशेष शिकायत और आम लोगों की जरूरत के आवेदन होंगे.
सी- इसका मतलब होगा कि फाइल या आवेदन का निबटारा संबंधित अधिकारी को 15 दिनोें के भीतर पूरा करना होगा. नगर आयुक्त के अनुसार इसमें अधिकतर नीतिगत मामले रहेंगे.
डी- निगम स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. नगर आयुक्त गैर जरूरी आवेदनों पर इस तरह की मार्किंग करेंगे.
एजेंसी बनायेगी एकाउंटिंग सिस्टम
पटना. नगर विकास एवं आवास विभाग स्वतंत्र एजेंसी से पटना नगर निगम का डबल इंट्री एकाउंटिंग सिस्टम विकसित कराने जा रहा है. अभी तक पटना नगर निगम क्षेत्र का न तो कोई उचित सर्वे किया गया है और न ही इसकी स्थायी संपत्तियों के बारे में जानकारी है. अब तक लेख रजिस्टर आदि का भी पुराने तरीके से ही रखरखाव किया जा रहा है. इसे देखते हुए विभाग ने पटना नगर निगम के एकाउंटिंग सिस्टम को ठीक करने के लिए स्वतंत्र एजेंसियों के लिए टेंडर जारी किया है. टेंडर डालने की अंतिम तिथि पांच जुलाई निर्धारित की गयी है.
एजेंसी को पटना नगर निगम का वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर वित्तीय वर्ष 2017-18 तक का इनवेंट्री सहित लेखाओं को तैयार करना है. इसमें एजेंसी निगम की स्थायी संपत्ति, इनवेंट्री और रजिस्टर तैयार करेगी. साथ ही निगम का वार्षिक वित्तीय लेखा तैयार करेगी साथ ही त्रैमासिक रिपोर्ट भी तैयार करेगा. संपत्ति कर की पंजी, सभी एकाउंट का लेजर, रजिस्टर, फार्मेट, प्रतिदिन का कैश एंड ट्रेजरी का मैनेजमेंट करना है. जो भी सिस्टम तैयार होगा उसका आधार बिहार म्युनिसिपल एकाउंटिंग मैन्युअल होगा.
आयुक्त ने विभाग से मांगी नाला निर्माण की राशि
पटना. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर शहर में छह जगहों पर भूगर्भ नाला निर्माण के लिए राशि और तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति की मांग की है. नगर आयुक्त ने बताया कि उपयुक्त योजनाएं नगर निगम के कार्यपालक अभियंताओं ने बनाकर भेजी है. इन नालों का निर्माण बरसात में जलजमाव से बचाव के लिए जरूरी है. इन योजनाओं की लागत लगभग एक करोड़ 35 लाख 19 हजार है.

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