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पंप नहर और बांध निर्माण में भूमि अधिग्रहण बड़ी समस्या

पटना : पंप नहर और बांधों के निर्माण के लिए जमीन का संकट बना हुआ है. जमीन न मिलने के कारण आधा दर्जन से अधिक बांध और नहरों का निर्माण कार्य साढ़े तीन वर्षों से ठप है. सरकार ने इस संकट से योजनाओं को मुक्ति दिलाने के लिए ‘बिहार रैयती भूमि लीज नीति’ बनायी, तो […]

पटना : पंप नहर और बांधों के निर्माण के लिए जमीन का संकट बना हुआ है. जमीन न मिलने के कारण आधा दर्जन से अधिक बांध और नहरों का निर्माण कार्य साढ़े तीन वर्षों से ठप है. सरकार ने इस संकट से योजनाओं को मुक्ति दिलाने के लिए ‘बिहार रैयती भूमि लीज नीति’ बनायी, तो धीरे-धीरे बांध-नहरों कि निर्माण का रास्ता साफ हुआ है. भागलपुर-कहलगांव और औरंगाबाद में बांध-नहर निर्माण के लिए लोग 6.92 हेक्टेयर भूमि लीज पर देने को तैयार हो गये हैं. भागलपुर के कहलगांव में बटेश्वर स्थान पंप-नहर और औरंगाबाद में विष्णु बांध निर्माण के लिए साढ़े तीन वर्षों से जमीन नहीं मिल रही थी. भूमि अधिग्रहण न होने के कारण प्रशासनिक स्वीकृति के बावजूद दोनों सिंचाई योजनाओं का काम ठप पड़ा था.
हाल यह था कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में राशि लौट जा रही थी और पंप-नहर व बांध निर्माण के लिए पुन: प्रशासनिक स्वीकृति लेनी पड़ती थी. भागलपुर और औरंगाबाद की सिंचाई योजनाओं के लिए भूमि-अधिग्रहण कराने के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के चप्पल घिस गये, परंतु भूमि आधिग्रहण नहीं हो पाया.
कहलगांव में पंप नहर योजना के लिए स्थानीय निवासी जेपी मंडल 0.49 और औरंगाबाद में स्थानीय निवासी इंद्रदेव यादव 6.43 हेक्टेयर लीज पर अपनी जमीन देने को राजी हो गये हैं.
लीज पर दोनों जिले में जमीन लेने के लिए जल संसाधन विभाग ने लोगों से एक माह के अंदर आपत्तियां मांगी हैं. यदि कोई आपत्ति नहीं मिली, तो दोनों जिलों में बांध और पंप-नहर का काम बरसात बाद शुरू हो जायेगा. लीज टाइम व रेट जल संसाधन विभाग आपत्ति का टाइम पास करने के बाद फाइनल करेगा.

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