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उपेंद्र कुशवाहा और अरुण ने एक-दूसरे पर खींची तलवार
पीएम मोदी व ईरानी को पत्र लिखकर जांच कराने की भी मांग की हवाला कारोबारियों से साठगांठ का अारोप लगाने वालों का इलाज मेरे पास नहीं : उपेंद्र नयी दिल्ली/पटना : रालोसपा की प्रदेश कमेटी भंग होने और अरुण कुमार की प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी होने के बाद पार्टी का विवाद सुलझने के बजाय […]
पीएम मोदी व ईरानी को पत्र लिखकर जांच कराने की भी मांग की
हवाला कारोबारियों से साठगांठ का अारोप लगाने वालों का इलाज मेरे पास नहीं : उपेंद्र
नयी दिल्ली/पटना : रालोसपा की प्रदेश कमेटी भंग होने और अरुण कुमार की प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी होने के बाद पार्टी का विवाद सुलझने के बजाय और उलझता जा रहा है. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर उनकी ही पार्टी के सांसद सह लोकसभा में पार्लियामेंटरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार ने आपस में तलवार खींच ली है.
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार ने दिल्ली में बजाप्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा पर हवाला के आरोपियों के साथ विदेश भ्रमण करने और सांठगांठ का आरोप लगाया है, वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनके आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. डॉ. अरुण ने पीएम मोदी व स्मृति को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की.
शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि वे हवाला का कौन कारोबारी है, नहीं जानते. वे गरीब परिवार से आते हैं. एक-दो बार उन्हें प्रदीप मिश्रा के साथ विदेश जाने का मौका मिला, तो इसमें अपराध क्या है? उन्होंने कहा है कि आरोप लगाने वालों का इलाज उनके पास नहीं है.
इस बीच पटना में पार्टी का विक्षुब्ध खेमा ने तीन की बैठक की तैयारियों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. विक्षुब्धों का बैठक पहले पटना के पंचायत-भवन में कराने का निर्णय लिया गया था, किंतु अब बैठक विद्यापति-भवन या गर्दनीबाग लाइब्रेरी में आयोजित करने का योजना बनायी जा रही है. विक्षुब्ध खेमे का बैठक में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है. पार्टी की प्रदेश कमेटी को भंग कर प्रदेश अध्यक्ष पद से अरुण कुमार को हटाये जाने के मुद्दे पर पार्टी में खेमेबाजी का दौर शुरू हो गया है.
विधायक ललन पासवान ने कहा कि कभी अरुण कुमार और मैंने उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाये जाने का नारा बुलंद किया था. आज उन्हीं अरुण कुमार के खिलाफ उपेंद्र जी कोई-न-कोई षड्यंत्र कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे उपेंद्र जी और पार्टी के साथ बुरे दिनों में भी एक पांव पर खड़े रहे हैं. आज उनके साथ हवाला और मुंबई वाले खड़े हो गये हैं. उन्होंने कहा कि वे अरुण कुमार की तीन जून की बैठक में शामिल होंगे.
इस बीच पार्टी का पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सीमा सक्सेना और युवा रालोसपा के पूर्व राष्ट्रीय महा सचिव नीलमणि पटेल ने पार्टी की प्रदेश कमेटी को भंग करने के फैसले का समर्थन किया है. नीलमणि पटेल ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा पर अनर्गल आरोप लगाने वाले कभी पार्टी में पद बेचने का काम करते थे. रालोसपा में विवाद किस करवट लेगा, इसको ले कर सबकी निगाहें पटना में तीन जुलाई को होने वाली बैठक पर टिकी है
नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल में संभवत: यह पहली बार हुआ है जब उनके सहयोगी दल के किसी मंत्री पर हवाला करोबारी से संबंध रखने का आरोप लगा हो. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(रालोसपा) कोटे से मंत्री बने मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर उनकी ही पार्टी के सांसद सह लोकसभा में पार्लियामेंटरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार ने आरोप लगाया है. आरोप के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर अपने अधीनस्थ मंत्री की जांच कराने की भी मांग की है.
डॉ कुमार ने दूसरा आरोप लगाया है कि रालोसपा के कोषाध्यक्ष राजेश यादव को मंत्री ने उनका नाम बदलकर अपना एपीएस बना लिया. जबकि नियमत : एक ही आदमी दो जगहों पर नाम बदलकर काम नहीं कर सकता है. यह एक तरह से फ्राड का केस है. कुमार का तीसरा आरोप था कि चुनाव के बीच में ही खुद मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, राजेश यादव, और हवाला कारोबारी प्रदीप मिश्रा विदेश दौरे पर गये. यह वही प्रदीप मिश्रा है जो कांग्रेस उपाध्यक्ष के पीए बनकर झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल सिब्ते रजी को गैरकानूनी कामों में मदद करने का दबाव बनाया था. बाद उनको जेल की हवा खानी पडी. एक हवाला कारोबारी के साथ विदेश यात्रा को अरु ण कुमार ने गंभीर बताते हुए इसकी जांच की मांग की है.
डॉ कुमार ने इसके साथ ही पार्टी में चल रही गतिविधियों पर विस्तार से बताते हुए कहा कि आज के ही दिन एक जुलाई को पार्टी महासचिव विजय कुशवाहा के आरोप को लेकर पार्टी के अंदर चरचा होनी थी, लेकिन उसके एक दिन पहले ही पूरी प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया जाता है.
आखिर इसकी इतनी जल्दी क्या थी?. उन्होंने झारखंड में चारा घोटाले में सजा पाये दीपक वर्मा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की भी आलोचना की. बाद में दीपक वर्मा के जगह पर उनके साले को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. अरुण कुमार ने यह भी कहा कि पार्टी का जनाधार सिर्फ बिहार में है, लेकिन बिहार के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर बाहर के लोगों को राष्ट्रीय महासचिव सहित अन्य पदनामों से नवाजा जा रहा था.
सीमा सक्सेना को राष्ट्रीय पदाधिकारी बनाये जाने पर भी इन्होंने एतराज जताया था. डॉ कुमार ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अलोकतांत्रिक हो गये हैं.
रालोसपा का गठन मूल्यों की पार्टी के रूप में किया गया था, जब पार्टी की विचारधारा में हवाला कारोबारी प्रमुखता पायें, पार्टी के नेता उनके साथ विदेश दौरे पर जायें और और जेल जाने वाले व्यक्ति के साथ केंद्रीय मंत्री की मित्रता हो, तो निशिचत रूप से इसकी जांच की जानी चाहिए. उनसे पूछा जाना चाहिए की उन्होंने विदेश यात्रा के दौरान किसी राष्ट्रीय हितों का समझौता तो नहीं किया है.
प्रदीप मिश्रा को लाभ मिला हो तो जांच करवा ले सरकार: रालोसपा
वहीं रालोसपा की ओर से बताया गया है कि उपेंद्र कुशवाहा ने प्रदीप मिश्रा के साथ विदेश जाने की बात स्वीकार किया है. कुशवाहा के मुताबिक सरकार को जिस एजेंसी से जांच करानी है करा लें. सार्वजनिक जीवन में रहते हुए हर व्यक्ति के विषय में यह जानना बहुत ही कठिन है कि कौन अच्छा है और कौन बुरा है.
उन्होंने कहा कि उनके मंत्री होने से यदि प्रदीप मिश्रा को कोई भी लाभ पहुंचा हो, तो सरकार इसकी जांच करा लें. उन्होंने ऐसा कोई भी काम नहीं किया है जिससे उनके उपर उंगली उठायी जाये. उनके उपर जिस ढंग के आरोप लगाये गये हैं वह राजनीति से प्रेरित और बदनाम करने की नीयत से लगाये गये हैं. ऐसे बेबुनियाद आरोपों का उन्होंने खंडन किया है.
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