पटना : बीट्स पिलानी, राजस्थान में इस बार बिहार का कोटा खाली ही ना रह जायें. इंटर साइंस टॉपर अंशुमान मसकरा की ओर से बीट्स पिलानी में आवेदन तो किया गया है, लेकिन इस संबंध में कोई जानकारी अंशुमान मसकरा को बीट्स पिलानी की ओर से नहीं आया है.30 जून को आवेदन करने का अंतिम […]
पटना : बीट्स पिलानी, राजस्थान में इस बार बिहार का कोटा खाली ही ना रह जायें. इंटर साइंस टॉपर अंशुमान मसकरा की ओर से बीट्स पिलानी में आवेदन तो किया गया है, लेकिन इस संबंध में कोई जानकारी अंशुमान मसकरा को बीट्स पिलानी की ओर से नहीं आया है.30 जून को आवेदन करने का अंतिम तिथि है. इस बीच हर स्टेट के टॉपर्स को 10वीं और 12वीं का ऑरिजनल मार्क्स सीट के साथ बोर्ड द्वारा एप्रूव टाॅपर का सर्टिफिकेट बीट्स पिलानी को उपलब्ध करवाना था. लेकिन अंशूमान मसकरा ने अभी टॉपर होने का सर्टिफिकेट बीट्स पिलानी के पास नहीं भेजा है. ऐसे में बीट्स पिलानी तक अंशुमान मसकरा के पहुंचने पर संशय है.
बोर्ड से नहीं मिला सर्टिफिकेट : इंटर साइंस टॉपर में इस बार तीन छात्र शामिल थे. टॉपर सौरभ श्रेष्ठ का रिजल्ट बोर्ड ने कैंसिल कर दिया था. वहीं बीएन कॉलेज, भपतियाही, सुपौल का टाॅपर लोकचंद्र जेइइ की तैयारी में लगा हुआ है. वो 2017 में होने वाले जेइइ में ही शामिल होगा. अब बचा तीसरा और अंतिम टॉपर जेडीआइ कॉलेज विष्णुपुर, बेगूसराय का अंशुमान मसकरा ने बीट्स पिलानी में नामांकन के लिए आवेदन दिया है. अंशुमान मसकरा ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से अभी तक टॉपर होने का सर्टिफिकेट नहीं मिला है. ऐसे में नामांकन का क्या होगा, कोई जानकार बीट्स पिलानी की ओर से नहीं दिया गया है.
टॉपर घोटाले का असर होगा नामांकन पर : बिहार बोर्ड के इंटर टॉपर घोटाले की बात बीट्स पिलानी तक भी पहुंच चुका है. ऐसे में संस्था की ओर से नामांकन की प्रक्रिया बदला जा सकता है.
जुलाई में बीट्स पिलानी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक होगी, इसमें स्टेट टॉपर के नामांकन संबंधित कुछ नियमों में चेंज होने की संभावना हो सकती है. जो भी बदलाव होगा, उसे 2017 से लागू किया जायेगा. बीट्स पिलानी से मिली जानकारी के अनुसार बदलाव में टेस्ट को जोड़ा जा सकता है. 2017 से स्टेट टॉपर का भी टेस्ट लिये जाने के नियम को लागू किया जा सकता है.
बीट्स पिलानी तक शालिनी राय को पहुंचाने की थी तैयारीपटना. बीट्स पिलानी इंजीनियरिंग कॉलेज में बेटी शालिनी राय पहुंच जाये, इसकी तैयारी बच्चा राय ने कर रखी थी. इसमें बच्चा राय को लालकेश्वर प्रसाद का पूरा साथ मिल रहा था. सारी योजना तैयार हो चुकी थी. स्क्रूटनी की फ्रेश मेरिट लिस्ट आठ जून को निकाले जाने का योजना भी बनायी जा चुकी थी. समिति कर्मचारी की मानें, तो सीबीएसइ ने 10 जून से पहले स्क्रूटनी का रिजल्ट भेजने की तिथि तय की थी.
वहीं, बीट्स पिलानी में आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून है. इसको देखते हुए आठ जून को इस बार ऑरिजनल मेरिट लिस्ट निकाला जाता और उसमें शालिनी राय को साइंस टॉपर मैथ स्टीम घोषित किया जाता.उधर, बायोलॉजी स्ट्रीम में सौरभ श्रेष्ठ का नाम पहले से ही शामिल था. इससे एक मैथ और एक बायोलॉजी स्ट्रीम का टॉपर घोषित होता. कम अंक प्राप्त करने के कारण लोक चंद्र और अंशूमन मसकरा को मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर डाल दिया जाता.
नीट के अचानक आ जाने से फंस गया सौरभ श्रेष्ठ
पूर्व अध्यक्ष ने मेरिट लिस्ट में एक मैथ से और एक बायोलॉजी ग्र्रुप से शामिल करने की तैयारी की थी. इसमें मैथ
स्ट्रीम में बच्चा राय की बेटी और बायोलॉजी स्टीम से सौरभ श्रेष्ठ काे शामिल किया जाता. शालिनी राय का तो रास्ता स्क्रूटनी के माध्यम से साफ था, लेकिन नीट का फैसला अचानक से केंद्र सरकार के आने से सौरभ श्रेष्ठ का मेडिकल काॅलेज में नामांकन का मामला फंस गया. लेकिन शालिनी राय के लिए अभी दरवाजा खुला था. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से 2015 में भी इसी तरीके से विशाल को स्टेट टॉपर बनाया गया था. जब 2015 में साइंस का रिजल्ट घोषित हुआ तो मेरिट लिस्ट में भी विशाल शामिल नहीं था.