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‘चंपारण सत्याग्रह’ को पाठ्य पुस्तक में शामिल करे राज्य सरकार
पटना : चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा लिखित पुस्तक ‘चंपारण सत्याग्रह’ को राज्य सरकार पाठ्य पुस्तकों में शामिल करे. साथ ही सत्याग्रह के संचालक रहे डॉ. प्रसाद और मौलाना मजहरूल हक की बिहार विद्यापीठ को शोध केंद्र के रूप में विकसित किया जाये. यह मांग स्वर्गीय डॉ. […]
पटना : चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा लिखित पुस्तक ‘चंपारण सत्याग्रह’ को राज्य सरकार पाठ्य पुस्तकों में शामिल करे. साथ ही सत्याग्रह के संचालक रहे डॉ. प्रसाद और मौलाना मजहरूल हक की बिहार विद्यापीठ को शोध केंद्र के रूप में विकसित किया जाये. यह मांग स्वर्गीय डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पौत्री तारा सिन्हा ने की. राजेंद्र समारक ग्राम विकास निधि द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह में दोनों ने महात्मा गांधी का साथ दिया था. ये हमारे राज्य के गौरव हैं.
पूर्व सासंद व कुलपति रामजी सिंह ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जन्म दिवस को राष्ट्रीय मेधा दिवस के रूप में मनाया जाए. राजेंद्र मेमोरियल ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक चंद्रभूषण ने कहा कि डॉ. प्रसाद का सपना था कि देश के किसान समृद्ध बनें. ऐसे में राज्य सरकार उनकी आमदनी को बढ़ाने की ठोस नीति बनाये. भोजन का अधिकार अभियान एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता रुपेश ने कहा कि सभी बुनियादी विद्यालयों को पुनर्जिवित किया जाए.
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