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रोजगार से लेकर पैसों तक का लेन-देन
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चला रहीं जमा समृद्धि योजना पटना : स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का काम देखने लायक है. कुछ महिलाएं बकरीपालन कार्य से जुड़ी हैं, तो कोई सत्तू, पापड़, बरी बना कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. ऐसे में फुलवारीशरीफ के हरनीचक की ग्रामीण महिलाएं न केवल समूह से जुड़ कर आत्मनिर्भर […]
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चला रहीं जमा समृद्धि योजना
पटना : स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का काम देखने लायक है. कुछ महिलाएं बकरीपालन कार्य से जुड़ी हैं, तो कोई सत्तू, पापड़, बरी बना कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. ऐसे में फुलवारीशरीफ के हरनीचक की ग्रामीण महिलाएं न केवल समूह से जुड़ कर आत्मनिर्भर हो रही हैं. बल्कि, छोटे-छोटे बचतों का सहारा लेकर परिवार के लोगों की भी मदद कर रही हैं.
फुलवारी के हरनीचक में जीविका के माध्यम से नयी दिशा नारी शक्ति महिला स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड की ओर से संचालित स्वयं सहायता समूृह की महिलाओं की ओर से ‘ जमा समृद्धि योजना ‘ के अंतर्गत महिलाएं बचत खाता खोल कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं.
परिवार में करती हैं मदद : समूह की हेड बबीता बताती हैं कि इसके जरिये महिलाएं बचत करना सीख गयी हैं. साथ ही अपने बचत के साथ समूह की सभी सदस्यों को मोटी रकम का लोन देकर उन्हें आर्थिक मदद भी कर रहीं हैं.
इसके जरिये अब तक सौ से अधिक महिलाआें को 20 से 50 हजार तक लोेन दिया जा चुका है. इसके अलावा इलाज व बच्चों की पढ़ाई के लिए भी महिलाएं मदद ले रही हैं. अब तक समूह के माध्यम से एक लाख 30 हजार का लोन भुगतान किया गया है.
इसके अलावा लोन से जो समूह को इनसेंटिव के रूप में अतिरिक्त राशि मिलती है, उससे 2500 तक का मानदेय पैसों का लेखा-जोखा रखनेवाले सदस्यों को दिया जाता है.
साथी महिलाओं को कर रहीं आर्थिक मदद
पूरी तरह से महिलाओं का बैंक हैं. इसमें महिलाएं छोटी-छोटी बचत कर अपने पैसों को जमा करती हैं. साथ ही अपने साथी महिलाओं को एक मोटी रकम देकर आर्थिक मदद भी कर रही हैं.
अमित कुमार, अध्यक्ष, नयी दिशा, नारी शक्ति महिला स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड
बैंक के तर्ज पर चार फीसदी मिलती है वार्षिक ब्याज
नयी दिशा, नारी शक्ति महिला स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड से जुड़ कर 800 समूह काम कर रही हैं. प्रत्येक समूह में 25 से 35 महिलाएं काम कर रही हैं. समूह की महिलाओं की ओर से वर्ष 2014 में जमा समृद्धि योजना की शुरुआत की गयी थी.
इसके माध्यम से समूह की सभी महिलाओं की ओर से जीरो बैलेंस पर बचत खाता की शुरुआत की गयी है. समूह की सभी महिलाएं आमदनी के अनुसार पैसे जमा करती हैं. उस पैसे से समूह की महिलाओं या उनके परिवार में जब मोटी रकम की जरूरत पड़ती है, तो उससे वे लोन देकर मदद भी करती हैं. लोन देने में किसी प्रकार की देरी किये बगैर महिलाओं को अासानी से लोन दिया जाता है.
इसका संचालन भी स्वयं महिलाएं ही करती हैं. कुल दस महिलाएं पैसों के लेन-देन के कार्य में लगी हैं, जो खाता खोलने से लेकर जमा करने व लोन देने आदि का काम करती हैं. खास बात यह है कि बैंक के तर्ज पर महिलाओं को चार फीसदी का वार्षिक ब्याज तक दिया जाता है.
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