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हेल्थ फूड के रूप में मड़ुआ को मिलेगा बढ़ावा
सरकार जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए भी करेगी मड़ुआ का उपयोग पटना :राज्य से विलुप्त हो रहे मड़ुआ की व्यापक पैमाने पर खेती होगी. इसकी खेती से जहां जलवायु परिवर्तन के कारण पानी की समस्या से निबटा जायेगा वहीं इसकी पौष्टिकता का प्रचार-प्रसार किया जायेगा. मड़ुआ को स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक होने के साथ-साथ […]
सरकार जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए भी करेगी मड़ुआ का उपयोग
पटना :राज्य से विलुप्त हो रहे मड़ुआ की व्यापक पैमाने पर खेती होगी. इसकी खेती से जहां जलवायु परिवर्तन के कारण पानी की समस्या से निबटा जायेगा वहीं इसकी पौष्टिकता का प्रचार-प्रसार किया जायेगा. मड़ुआ को स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक होने के साथ-साथ इसके व्यवसायिक लाभ के बारे में भी किसानों और आम लोगों को जानकारी दी जायेगी. इससे किसानों को अतिरिक्त लाभ होगी.
फिलहाल विलुप्त हो रहे मड़ुआ का उपयोग छोटे पैमाने पर बिस्कुट व्यवसाय में हो रहा है. इसका उपयोग बिस्कुट बनाने में काफी हो रहा है. लोगों में इसकी हलुआ का प्रचलन भी बढ़ रहा है. लोग काफी चाव से हलुआ के रूप में इसका सेवन करते हैं. मड़ुआ शरीर के के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. इससे आयरन की कमी दूर होती है. इसलिए आयरन की कमी को दूर करने के लिए आम लोगों में इसकी जानकारी दी जायेगी. इसके लिए टीम तैयार हो रहे हैं.
लोगों में मड़ुआ की खेती को बढ़ावा देने के िलए अभियान चलाया जाएगा. इससे लोगाें में पारंपरिक खेती से अधिक लाभ मिलेगा और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निबटा जायेगा. िवशेषज्ञों का मानना है कि मड़ुआ जलवायु परिवर्तन की समस्या से भी निजात दिलाने में लाभकारी है.
रोपनी से लेकर कटनी और अंतिम रूप से तैयार किया जायेगा. विभागीय अधिकारी ने बताया कि मड़ुआ 120 दिनों में तैयार होता है. कम वर्षा के बावजूद इसकी खेती में कोई परेशानी नहीं होती है. प्रति एकड़ चार क्विंटल तक इसकी उपज होती है. पटना और सारण प्रमंडल के सभी जिले, तिरहुत प्रमंडल के मुजफ्फरपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण, दरभंगा प्रमंडल के दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर में इसकी खेती होगी. शेष अन्य जिलों में बाजरे और मक्के की खेती के लिए चुना गया है.
कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश ने कहा कि फिलहाल इसका उपयोग बिस्कुट के रूप में हो रहा है. सरकार इसकी खेती से होने वाली लाभ समेत अन्य व्यवसायिक लाभ की जानकारी देने के लिए प्रचार-प्रसार करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार मड़ुआ के अलावा बाजरा और मक्के की खेती को भी प्रोमोट करेगी.
कृषि विभाग के निर्देशन में छह हजार एकड़ में होगी मड़ुआ की खेती
कृषि विभाग ने पहले चरण में 27 जिलों में छह हजार एकड़ में मड़ुआ की खेती कराने का निर्णय किया है. यह खेती कृषि विभाग के निर्देशन में होगा. विभाग हर तरह की मदद करेगा, जिससे किसानों को परेशानी न हो. किसानों को इसकी खेती के लिए 535 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जायेगा. किसानों को प्रशिक्षण देने की मकसद से होने वाली मड़ुआ की खेती कृषि विभाग के विशेषज्ञ की देखरेख में होगी.
मड़ुआ को व्यापक पैमाने पर सरकार प्रोमोट करने की तैयारी कर रही है. यह फसल जलवायु परिवर्तन की समस्या से निबटने में मदद करेगा. लोगों काे इसकी पौष्टिकता के बारे में जानकारी दी जायेगी.
विजय प्रकाश, कृषि उत्पादन आयुक्त
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