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नेपाल से सटे बॉर्डर इलाके में सड़क निर्माण की जगी आस
पटना : बिहार में नेपाल सीमा से सटे इलाके में टू लेन सड़क निर्माण की आस जगी है. जमीन नहीं मिलने के कारण सड़क निर्माण में आयी बाधा दूर होगी. सड़क निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करायी गयी है. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने 433 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी है. विभाग द्वारा पश्चिम चंपारण […]
पटना : बिहार में नेपाल सीमा से सटे इलाके में टू लेन सड़क निर्माण की आस जगी है. जमीन नहीं मिलने के कारण सड़क निर्माण में आयी बाधा दूर होगी. सड़क निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करायी गयी है. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने 433 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी है.
विभाग द्वारा पश्चिम चंपारण व पूर्वी चंपारण में जमीन की व्यवस्था की है. भारत-नेपाल सीमा के समानांतर पथ निर्माण योजना के तहत 552 किलोमीटर टू लेन सड़क का निर्माण होना है. बिहार में यह सड़क पश्चिमी चंपारण जिले में यूपी से सटे बॉर्डर इलाके मदनपुर से आरंभ होकर सात जिले से गुजरते हुए किशनगंज के गलगलिया तक जायेगी. सड़क निर्माण के दौरान 121 पुल का भी निर्माण होगा. सड़क के निर्माण पर 3536 करोड़ खर्च होंगे. सड़क के हिस्से में 258 किलोमीटर सड़क के लिये जमीन का अधिग्रहण करना है. जमीन के अभाव में सड़क का निर्माण काम बाधित हो गया था. जमीन उपलब्ध कराने का काम राज्य सरकार को कराना है.
433 एकड़ मिली जमीन: सड़क निर्माण के लिए जमीन मिलने के बाद अब फिर काम शुरू हो पायेगा.राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने सड़क निर्माण के लिए जमीन की व्यवस्था की है. पश्चिम चंपारण जिले में 111 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है. सड़क निर्माण के लिए 196 एकड़ जमीन अधिग्रहण हुआ है. इसके अलावा और जमीन की तलाश हो रही है. पूर्वी चंपारण में जिले में 77 किलोमीटर सड़क निर्माण होना है. राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने सड़क निर्माण के लिए 237 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी है. इसके अलावा सड़क का निर्माण सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया व किशनगंज जिले में होना है. ग्रामीण पथ की लंबाई लगभग 205 किलोमीटर है.
जमीन उपलब्ध होने के बाद 168 किलोमीटर में मिट्टी का काम हुआ है.नेपाल से सटे बॉर्डर इलाके में सड़क निर्माण पर 3536 करोड़ खर्च होंगे. सड़क निर्माण में केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी है. केंद्र 1655 करोड़ व राज्य सरकार 1880 करोड़ खर्च करेगी. सड़क निर्माण होने से नेपाल से सटे बॉर्डर इलाके में क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा. साथ ही व भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा की चौकसी और अधिक प्रभावकारी ढंग से करने में सहायता होगी. नेपाल से सटे बॉर्डर इलाके में टू लेन सड़क का शिलान्यास तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने किया था.
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