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दस साल में महज दस फेल वे भी स्क्रूटनी में हो गये पास

कुल 9,984 परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें 4,048 परीक्षार्थी फर्स्ट डिवीजन से हुए पास पटना : परीक्षा में कदाचार हो या परीक्षा कदाचार मुक्त हो वीआर काॅलेज, वैशाली के रिजल्ट पर कोई फर्क नहीं पड़ता था. हर साल परीक्षार्थी के बढ़ने के साथ इस कॉलेज का रिजल्ट भी उसी रेशियो में बढ़ता […]

कुल 9,984 परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें 4,048 परीक्षार्थी फर्स्ट डिवीजन से हुए पास
पटना : परीक्षा में कदाचार हो या परीक्षा कदाचार मुक्त हो वीआर काॅलेज, वैशाली के रिजल्ट पर कोई फर्क नहीं पड़ता था. हर साल परीक्षार्थी के बढ़ने के साथ इस कॉलेज का रिजल्ट भी उसी रेशियो में बढ़ता गया. वर्ष 2007 से 2016 तक के वीआर कॉलेज के रिजल्ट बताते हैं कि कुल 9,984 परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल हुए. इनमें से 4,048 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए. वहीं इन 10 वर्षों में महज 10 परीक्षार्थी फेल हुए, वह भी कहने को.
वे फेल परीक्षार्थी भी स्क्रूटनी में पास कर दिये गये. समिति सूत्रों की मानें तो हर साल इस कॉलेज का रिजल्ट बढ़िया करवाया जाता था. कई बार तो सेकेंड और थर्ड डिवीजन को भी स्क्रूटनी करवा कर अंक बढ़ा दिये गये और प्रथम श्रेणी करवाया गया.
रिजल्ट भी बदलता रहता था कॉलेज का : वीआर कॉलेज का जो रिजल्ट बोर्ड द्वारा पहली बार घोषित किया जाता था, वह कुछ दिनों के बाद बदल जाता था. इसके अलावा परीक्षार्थियों की संख्या भी बढ़ जाती थी.
2016 के वीआर काॅलेज के रिजल्ट में परीक्षार्थियों की तीन तरह की संख्या सामने आयी. हसन वारिस जांच कमेटी की मानें तो 2016 में वीआर कॉलेज से 445 परीक्षार्थी केवल साइंस स्ट्रीम में शामिल हुए. वहीं बोर्ड द्वारा जारी रिजल्ट में यह संख्या 647 हो गयी. वहीं क्राॅस लिस्ट में 639 परीक्षार्थी के नाम आये.

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