पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के नये अध्यक्ष आनंद किशोर बोर्ड कार्यालय की कार्यप्रणाली को सुधारने में जुट गये हैं. इसी क्रम में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद किशोर ने बोर्ड के वैसे 218 कर्मचारियों का तबादला कर दिया है, जो तीन साल से ज्यादा समय से कार्यालय में बने हुए थे. आनंद किशोर ने टॉपर घोटाला सामने आने के बाद वैसे कर्मचारियों को पहले ही निलंबित कर दिया है, जिनका जरा सा भी कनेक्शन घोटाले में सामने आया था. आनंद किशोर की इस कार्यवाही के बाद बोर्ड ऑफिस के कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है.
बच्चा राय दो दिनों के रिमांड पर
उधर एसआइटी की टीम ने बच्चा राय को दो दिनों के रिमांड पर लेकर शुक्रवार को पहले दिन पूछताछ की. एसआइटी की टीम व बच्चा राय आमने-सामने बैठे और फिर पूछताछ का दौर शुरू हुआ. एसआइटी की टीम ने इंटर मेधा घोटाले के संबंध में पूछा तो उसने पहले ही तरह ही रटा-रटाया जबाव दिया कि वह निर्देाष है और उसे फंसाया जा रहा है. जिस दिन बच्चा राय पकड़ा गया था, उस समय पुलिस के पास उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं था और बच्चा राय यह कह कर निकल गया कि वह निर्देाष है और उसे फंसाया जा रहा है.
बच्चा राय के खिलाफ पुख्ता सबूत
वहीं एसआइटी ने जैसे ही पुलिस की टीम ने विशुन राय कॉलेज परिसर व अन्य ठिकानों से बरामद समानों की जानकारी देने के साथ ही उसे जब दिखाया तो उसकी बोलती बंद हो गयी और उसके मुंह से जवाब तक नहीं निकला. इसके बाद एसआइटी टीम ने प्रश्नों की बौछार कर दी. एक तरह से एसआइटी टीम ने उससे पूछताछ के बाद मान लिया कि बच्चा राय ही इंटर मेधा घोटाले का मुख्य आरोपित है और वह बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह के साथ मिलकर गोरखधंधा कर रहा था.