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शिक्षिका के खाते से उड़ा दिये 47500, मैसेज से चला पता
हैकर्स की हेकड़ी : बिना पासवर्ड पूछे ही शातिरों ने दिया घटना को अंजाम पटना छसाइबर क्रिमिलनस की सक्रियता राजधानी में बढ़ गयी है. इस गैंग से जुड़े लोग ऑनलाइन सिस्टम को हैक कर ले रहे हैं. फुलवारी शरीफ से एक ऐसा मामला सामने आया है जो हैरान करने वाला है. हैकर्स फोन पर बैंक […]
हैकर्स की हेकड़ी : बिना पासवर्ड पूछे ही शातिरों ने दिया घटना को अंजाम
पटना छसाइबर क्रिमिलनस की सक्रियता राजधानी में बढ़ गयी है. इस गैंग से जुड़े लोग ऑनलाइन सिस्टम को हैक कर ले रहे हैं. फुलवारी शरीफ से एक ऐसा मामला सामने आया है जो हैरान करने वाला है.
हैकर्स फोन पर बैंक एकाउंट धारक से बात करता रहा और इस बीच उसके खाते से 47 हजार 500 रुपये की आॅन लाइन शॉपिंग कर ली गयी. चौकाने वाली बात यह है कि फोन पर बातचीत के दौरान उसने एटीएम का पासवर्ड भी नहीं पूछा और खाते से पैसे खंगाल दिये.
शिक्षिका का बैंक एकाउंट बेऊर से फुलवारी शरीफ हुआ था ट्रांसफर
चितकोहरा के रहने वाले सत्येंद्र कुमार भट्ठा मालिक हैं. उनकी पत्नी अंजू कुमारी प्रथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं. करीब तीन साल पहले शिक्षा विभाग द्वारा कैंप लगवाकर बेऊर थाना क्षेत्र के अल्लीपुर की एसबीआइ शाखा में करीब 50 शिक्षकों का खाता खुलवाया गया था. उसी समय अंजू का भी खाता खुला था. लेकिन बाद में उनकी पोस्टिंग फुलवारी शरीफ हो गयी. इस पर वह अपने खाते को एसबीआइ की फुलवारी शरीफ शाखा में ट्रांसफर करा लिया. तब से खाता वहीं संचालित हो रहा था.ऐसे हुई ठगी : 13 जून को दिन में 3.45 शिक्षिका अंजू कुमारी के मोबाइल फोन पर कॉल आयी थी.
फोन को उनके पति सत्येंद्र ने रिसीव किया. कॉल करने वाली महिला ने अपना परिचय ब्रांच मैनेजर अल्लीपुर एसबीआइ के रुप में दिया. उसने सवाल किये कि खाता क्यों ट्रांसफर करा लिया, सत्येंद्र ने बताया कि पत्नी का ट्रांसफर हो गया है, फुलवारी शरीफ में सहूलियत रहती है.
उसने रिचेक के नाम पर एकाउंट धारक का नाम-पता पूछा. इसके बाद उसने कहा ठीक है काेई फोन करे तो अपना एटीएम पासवर्ड नहीं बताना. इसी तरह की बातों में वह सत्येंद्र को फोन पर उलझाये रखी. लेकिन जब उसने फोन रखा तो सत्येंद्र के होश उड़ गये. उसके मोबाइल पर निकासी के पांच एसएमएस थे. वे परेशान हो गये. उसने दोबारा उसी नंबर पर फोन किया, तो दो बार रिसीव हुआ और फिर फोन बंद हो गया.
टॉल फ्री नंबर पर फोन करने का असर नहीं
सत्येंद्र का आरोप है कि उसने टॉल फ्री नंबर पर फोन करके खाता बंद करने के लिए टॉल फ्री नंबर पर फोन किया था. बैंक में जाकर आवेदन भी दिया था, लेकिन खाता बंद नहीं हुआ
उनका आरोप है 15 जून को फिर खाते से पैसा निकालने की कोशिश की गयी. उसने तत्काल बैंक को फोन किया, लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो वह अपने खाते में मौजूद 25 हजार रुपये को निकाल लिया. उसने गर्दनीबाग थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. आरोप है कि बैंक कर्मियों के मिलीभगत से यह घटना हुई है.
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