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थर्मल पावर के लिए सस्ती दर पर मिले कोयला: बिजेंद्र

मंत्री की पहल : अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के लिए कोल ब्लॉक एलॉट की मांग पटना : गोवा में देश भर के ऊर्जा मंत्रियों के दो दिनों के सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बिजली के क्षेत्र में काम के लिए बकाया राशि के साथ सस्ते दर पर कोयला उपलब्ध कराये जाने का […]

मंत्री की पहल : अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के लिए कोल ब्लॉक एलॉट की मांग
पटना : गोवा में देश भर के ऊर्जा मंत्रियों के दो दिनों के सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बिजली के क्षेत्र में काम के लिए बकाया राशि के साथ सस्ते दर पर कोयला उपलब्ध कराये जाने का केंद्र से मांग की. उन्होंने कहा कि देश में चौबीस घंटे सातों दिन बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को सम्मेलन करने पर आभार व्यक्त किया.
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत में 120 यूनिट से बढ़ कर 203 यूनिट हो गया है . बिहार में बिजली के लिए केंद्रीय सेक्टर के आवंटन पर निर्भर है. केंद्रीय सेक्टर से 3078 मेगावाट की जगह 2100 से 2200 मेगावाट मिलती है. बिजली कमी के लिए अन्य उत्पादन इकाइयों से सस्ती बिजली आवंटित के लिए केंद्र से अनुरोध किया. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कांटी व बरौनी थर्मल पावर को इसीएल से कोयला मिलता है. इसीएल से कोयला महंगा है.
इसलिए इसीएल के बदले सीसीएल से कोयला सस्ते दर पर उपलब्ध कराया जाये. इससे बिजली की लागत में एक रुपये प्रति यूनिट कम होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में कोयला मंत्री को जनवरी 2016 में पत्र लिखा था. उन्होंने कहा कि बरौनी थर्मल पावर के लिए 250 मेगावाट की दो यूनिट के विस्तार के लिए इसीएल से कोयला लिंकेज पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रोक लगायी गयी है. केंद्र ने कांटी व बरौनी थर्मल पावर के रिपेयरिंग व मेंटेनेंस काम के लिए बीआरजीएफ के तहत 1053 करोड़ स्वीकृत हुआ था.
केंद्र ने मात्र 925 करोड़ रुपये जारी किया. शेष राशि केंद्र सरकार शीघ्र उपलब्ध कराये. बरौनी थर्मल पावर को समय सीमा के भीतर चालू करने के लिए भेल को 128 करोड़ दी जाये. उन्होंने कहा कि बांका में अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के लिए जमीन व पानी की व्यवस्था हो गयी है. प्रोजेक्ट के लिए पीरपैंती-बाराहाट कोल ब्लॉक आवंटित किया जाये. 100 एमएम भी बारिश हुई, तो डूबेगा शहर
प्रभात पड़ताल. कागज पर सभी अंचलों में उड़ाही पूरी, धरातल पर अधूरी, सेैदपुर व बाइपास नाले अब भी जाम
मॉनसून की बारिश में जलजमाव की समस्या नहीं बने, इसको लेकर अप्रैल के प्रथम सप्ताह से चारों अंचलों में नाला उड़ाही कार्य शुरू किया गया. 10 जून तक छोटे-बड़े व भूगर्भ नाले, मेनहोल व कैचपीट की शत-प्रतिशत उड़ाही कर लेनी थी. हालांकि, निगम प्रशासन का दावा है कि चारों अंचलों में 90 प्रतिशत नालों की उड़ाही हो गयी है.
लेकिन, हकीकत यही है कि 24 घंटे में अगर 100 एमएम बारिश भी हुई, तो शहर के दर्जनों मुहल्ले व इलाके डूब जायेंगे. इसकी मुख्य वजह निगम क्षेत्र के दो प्रमुख सैदपुर नहर व न्यू बाइपास नाले का जाम होना है. वे जगह-जगह अवरुद्ध हैं और इनसे समुचित पानी का बहाव नहीं हो रहा है. इससे कंकड़बाग और राजेंद्र नगर के दर्जनों इलाकों में बारिश होने पर जलजमाव की समस्या बनेगी.
नगर निगम के चारों अंचलों में सबसे अधिक 22 बड़े नाले नूतन राजधानी अंचल में है. साथ ही यह क्षेत्र भी बड़ा है. अंचल के नालों की शत-प्रतिशत उड़ाही हो, इसको लेकर 2.57 करोड़ रुपये आवंटित किये गये. अधिकारियों का दावा है कि मंदिरी नाला छोड़ सभी नालों की 95 प्रतिशत उड़ाही कर ली गयी है, जबकि हकीकत यह है कि सर्पेंटाइन नाला, आनंदपुरी नाला, राजीव नगर नाला, पटेल नगर नाला आदि में सिल्ट जमा है, जिससे पानी की निकासी नहीं हो रही है.
पटेल नगर के समीप नाला ध्वस्त है, जिससे पटेल नगर रोड नंबर एक से 10 तक जलजमाव के होने की आशंका है. वहीं, वार्ड नंबर 16 के जनता रोड में बिना बारिश के ही जलजमाव की समस्या बनी हुई है. वहीं, मंदिरी नाले से चार वार्ड जुड़े हुए हैं, जबकि सर्पेंटाइन नाले का पानी भी मंदिरी नाले में गिरता है. इसके बावजूद मंदिरी नाले की उड़ाही 15 प्रतिशत भी नहीं हुई है.
बांकीपुर अंचल में दो ही बड़े नाले हैं. इनमें सैदपुर नहर की शत-प्रतिशत उड़ाही कर ली गयी है और शिवम नाले की उड़ाही 80 प्रतिशत से अधिक हो गयी है. इनके अलावा वार्ड स्तर पर छोटे-छोटे नाले हैं, जो सैदपुर नहर और बाकरगंज नाले से लिंक किये गये हैं.
इन नालों की उड़ाही के लिए 1.61 करोड़ रुपये आवंटित किये गये. अंचल क्षेत्र के अधिकतर इलाकों के पानी सैदपुर नहर के माध्यम से ही निकासी होती है, लेकिन शनिचरा पुल अब तक दुरुस्त नहीं हुआ है और बहाव अवरुद्ध हो रहा है. इसके साथ ही रामपुर संप हाउस के समीप बाउंड्री ध्वस्त है, जिससे पानी ओवर फ्लो होने की आशंका है. सीडीए बिल्डिंग से सैदपुर संप हाउस तक भूगर्भ नाला है, जिसकी उड़ाही वर्षों से नहीं की गयी है. मॉनसून तक सैदपुर नहर की समस्या दूर नहीं की गयी, तो बकरी बाजार, न्यू अजीमाबाद, मोइनुल हक स्टेडियम, राजेंद्र नगर, कदमकुआं, साहित्य सम्मेलन, बुद्ध मूर्ति और लोहानीपुर के इलाकों में जलजमाव होना तय है.
कंकड़बाग अंचल में भी दो महत्वपूर्ण नाले हैं. इनमें एनसीसी का ट्रंक चैनल और न्यू बाइपास किनारे का कच्चा नाला शामिल हैं. इसके साथ ही यहां के 11 वार्डों में छोटे-छोटे भूगर्भ नाले हैं. मरजी इन नालों की सफाई को लेकर 1.07 करोड़ आवंटित किया गया. हालांकि, दोनों महत्वपूर्ण नालों की स्थिति नारकीय है.
एनसीसी के ट्रंक चैनल को नंदलाल छपरा के समीप कच्चे नाले में जोड़ा गया है, जो पहाड़ी पंप हाउस तक जाता है. वहीं न्यू बाइपास कच्चा नाला मीठापुर मोड़ से जीरो माइल तक है, जिसमें 100 स्थानों पर नाले की चौड़ाई को कम किया गया है. इतना ही नहीं, जीरो माइल के समीप एनआरएल पेट्रोल पंप के समीप पुल बनाया जा रहा है. इससे पानी का बहाव रुक गया है. रामलखन पथ नाले की भी शत-प्रतिशत उड़ाही नहीं की गयी है. इससे कंकड़बाग अंचल के इंदिरा नगर, पोस्टल पार्क, चांदमारी रोड, अशोक नगर, संजय गांधी नगर, हनुमान नगर, एमआइजी कॉलोनी आदि इलाकों में ज्यादा जलजमाव हो रहे हैं.
पटना सिटी में भी आठ बड़े नालों व दर्जनों छोटे नालों की उड़ाही का काम कराया गया है. इसके बाद भी मॉनसून की बारिश में शहर में जलजमाव लगना तय है, क्योंकि रविवार को हुई बरसात के बाद ही स्थिति नारकीय हो गयी थी. नाला उड़ाही पर सिटी में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं, जिनमें से लगभग 50 लाख रुपये खर्च हुए हैं. हालांकि निगम के कार्यपालक पदाधिकारी अजय कुमार का दावा है कि अक्तूबर माह तक नाला उड़ाही का कार्य आवश्यकता अनुसार होता रहेगा.
इधर स्थिति यह है कि शताब्दी गुरुपर्व को लेकर चल रहे निर्माण कार्य की वजह से अब भी गुरु गोविंद सिंह पथ में नाला उड़ाही कार्य ढंग से नहीं हो पाया है. वहीं, वार्ड संख्या 57 की नीम की भट्ठी, वार्ड संख्या 67 में किला रोड व वार्ड संख्या 66 में मंगल तालाब स्लम बस्ती में नाला उड़ाही का कार्य चल ही रहा है.
सैदपुर से आनेवाले शनिचरा पुल के पास निर्माण कार्य चलने के बाद भी नाला उड़ाही का कार्य कराया गया है, लेकिन यहां पर सिल्ट के उठाने व एक तरफ पायलिंग का कार्य पूरा होने के बाद दोबारा उड़ाही करायी जायेगी.
उधर मोगलपुरा दुरूखी गली, गुरु गोविंद सिंह पथ में काली स्थान दीरा पर, कचौड़ी गली, आइडीएच कॉलोनी, संक्रामक रोग अस्पताल व नशा मुक्ति इकाई परिसर समेत आधा दर्जन से अधिक मुहल्लों में बजबजाते नाले का पानी सड़कों पर बह रहा है.

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