35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एनबीएफसी की जांच का अधिकार डीएम को

कार्यक्रम. डीजीपी पीके ठाकुर ने दी जानकारी पटना : राज्य में अगर सही तरीके से एनबीएफसी (नन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) काम करती हैं, तो यह गरीब और पिछड़े लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का बेहतरीन माध्यम बन सकती है. इनके माध्यम से गरीबों को बिना किसी सिक्योरिटी या गिरवी या गारंटी के लोन मिल […]

कार्यक्रम. डीजीपी पीके ठाकुर ने दी जानकारी
पटना : राज्य में अगर सही तरीके से एनबीएफसी (नन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) काम करती हैं, तो यह गरीब और पिछड़े लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का बेहतरीन माध्यम बन सकती है.
इनके माध्यम से गरीबों को बिना किसी सिक्योरिटी या गिरवी या गारंटी के लोन मिल सकता है, जिससे वे अपना छोटा कारोबार शुरू कर सकते हैं. इससे उन्हें अपना परिवार चलाने में सहयाता िमलेगी. परंतु इनकी आड़ में काफी संख्या में लोग फर्जीवाड़ा भी करते हैं. ये बातें डीजीपी पीके ठाकुर ने बुधवार को अधिवेशन भवन में आयोजित ‘एनबीएफसी-एफएफआइ की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम सह एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि फर्जी तरीक से चलने वाले किसी भी एनबीएफसी या चिट फंड कंपनियों पर कार्रवाई करने का पूरा अधिकार संबंधित जिले के डीएम के पास है. पुलिस के पास भी ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है. पुलिस को कार्रवाई तत्परता से करनी चाहिए.
डीएम इन कंपनियों की मॉनीटरिंग और नियमित जांच भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिस जिले में कोई भी एनबीएफसी या चिटफंड कंपनी काम करती है, तो उन्हें इसकी जानकारी डीएम को देनी होगी.
कोई कंपनी इसकी जानकारी नहीं देती है, तो इसकी छानबीन डीएम अपने स्तर से कर सकते हैं. डीजीपी ने ऐसी फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई करने के लिए सभी पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए विशेष बीपीआइडी (बिहार प्रोटेक्शन ऑफ डिपॉजिटर्स) कानून 2002 में बनाया है.
इसके तहत ज्यादा से ज्यादा एफआइआर दर्ज करवाये, ताकि लोगों को उनका पैसा वापस मिल सके और आरोपियों को 10 साल तक की सजा दिलायी जा सके. पुलिस को इस कानून की पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए.
इस कार्यक्रम में आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक एमके वर्मा ने बैंकिंग सुविधा और इससे जुड़ी तमाम बातों को विस्तार से बताया. इओयू के एएसपी सुशील कुमार ने एक प्रस्तुति देकर पुलिस वालों को बीपीआइडी एक्ट से जुड़ी तमाम अहम बातों की जानकारी दी और बताया कि इसके तहत कैसे कार्रवाई करें, जिससे लोगों को उनका डूबा पैसा मिल सके. इस मौके पर एमफिन की सीइओ रतना विश्वनाथन, शशि रंजन सिन्हा के अलावा तमाम डीएसपी और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
पुलिस वालों को बैंक और एनबीएफसी का अंतर समझना चािहए :आइजी गंगवार
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के आइजी जितेन्द्र सिंह गंगवार ने कहा कि पुलिस वालों को बैंक और एनबीएफसी के बीच अंतर समझना चाहिए, तभी सही तरीके से कार्रवाई कर सकते हैं. गरीब और निर्धनों को रोजगार मुहैया कराने में एनबीएफसी की भूमिका काफी अहम है. गरीबों को महाजनों से लोन लेने से छुटकारा दिलाने में इनकी भूमिका बेहद अहम है.
इससे नागरिकों को लाभ होता है और वे शोषण होने से बच जाते हैं. कुछ शहरों जैसे मधेपुरा, भागलपुर समेत कुछ जिलों में महाजनों का गुंडा बैंक भी चलता था, जिससे लॉ एंड ऑर्डर की समस्या भी होती थी. अब इन्हें खत्म कर दिया गया है, लेकिन ये फिर से नहीं पनपे इसके लिए सही काम करने वाले एनबीएफसी को सहायता प्रदान करके सशक्त बनाने की जरूरत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें