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एफआइआर की दी चेतावनी, तो करने दिया सर्वे

बड़ी समस्या. तीन निश्चयों को लेकर सर्वे शुरू, सर्वेयरों को हो रही भारी परेशानी कहीं सर्वेयर ही कम पहुंचे, तो कहीं लोगों को समझाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी. पटना : शहर में तीन निश्चयों के सर्वे का काम शुरू हो गया है. लेकिन, असली परेशानी अपार्टमेंटों में हो रही है. लोग सर्वे कराने को […]

बड़ी समस्या. तीन निश्चयों को लेकर सर्वे शुरू, सर्वेयरों को हो रही भारी परेशानी
कहीं सर्वेयर ही कम पहुंचे, तो कहीं लोगों को समझाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी.
पटना : शहर में तीन निश्चयों के सर्वे का काम शुरू हो गया है. लेकिन, असली परेशानी अपार्टमेंटों में हो रही है. लोग सर्वे कराने को तैयार नहीं हो रहे हैं. कहीं सर्वेयर को एफआइआर की चेतावनी देनी पड़ रही है, तो कहीं लोगों को समझा-बुझा कर फॉर्म भरवाया जा रहा है. बुधवार को वार्ड नंबर 25 और 26 में कुछ ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ा. सूत्रों की मानें तो यह समस्या कमोबेश हर वार्ड में है, जिससे लक्ष्य के अनुरूप सर्वे फॉर्म नहीं भरे जा सके हैं.
निगम प्रशासन ने सर्वेयर को अंचल के साथ-साथ वार्ड स्तर पर बांट दिया गया, लेकिन सर्वे के शुरुआती दिन बुधवार को अंचल स्तर पर निर्धारित सर्वेयर नहीं पहुंचे. बांकीपुर अंचल में सभी 145 सर्वेयर पहुंच कर वार्ड स्तर पर सर्वे का काम किया. वहीं, नूतन राजधानी अंचल में 425 सर्वेयरों के बदले 379, कंकड़बाग अंचल में 160 सर्वेयर के बदले 92 और पटना सिटी अंचल में 131 की जगह सिर्फ 108 सर्वेयर ही पहुंचे. अंचल अधिकारियों ने बताया कि सर्वेयरों की कमियों को निगम स्टाफ से दूर किया गया है.
बुधवार को वार्ड नंबर 26 में उत्तरी मंदिरी स्थित पुष्पांजलि अपार्टमेंट में तीन निश्चयों के तहत सर्वे करने सर्वेयर पहुंचा, तो अपार्टमेंट के सचिव ने फटकार लगाते हुए कहा कि यहां सर्वे करने की कोई जरूरत नहीं है. सर्वेयर की शिकायत पर सफाई निरीक्षक हरिकेश जी श्रीवास्तव अपार्टमेंट पहुंचे और कहा कि सर्वे कार्य को रोकेंगे, तो अाप पर एफआइआर दर्ज करायेंगे. सफाई निरीक्षक की चेतावनी पर सचिव ने सर्वे कार्य शुरू कराया.
वार्ड नंबर 25 के होलसेल गली स्थित अपार्टमेंटों में सर्वे करने पहुंचे, तो अपार्टमेंट में रहने वाले लोग सर्वेयर से कह रहे थे कि सर्वे की कोई जरूरत नहीं है. यहां से जाइये. सर्वे से हमें क्या लाभ मिलेगा. सुपरवाइजर उदय पासवान ने लोगों को सर्वे से होनेवाले लाभ की जानकारी दी. इसके बाद लोग सर्वे फॉर्म भरने को तैयार हुए. इसके बाद वे फॉर्म के सवालों को लोगों ने नियमानुसार जवाब दिये.
पहले आइ कार्ड तो दिखाओ
घर-घर सर्वे कार्य के लिए वार्ड स्तर पर पांच-सात टीमें बनायी गयी हैं. इस टीम के सर्वेयर लोगों के घर पहुंच कर दरवाजा खटखटा रहे हैं. दरवाजा खुलता है और पूछता है, कौन है. इसके जवाब में सर्वेयर कहते हैं कि सर्वे करने पहुंचे हैं. घरवाले आइ कार्ड दिखाने को कहते हैं, तो उन्हें नियुक्ति पत्र दिखाया जाता है. नियुक्ति पत्र देखते ही दरवाजा बंद कर लिया जाता है. यह समस्या कोई एक-दो वार्ड में नहीं, बल्कि पूरे निगम क्षेत्र में सर्वेयर को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है.
सात दिनों में सर्वे होना मुश्किल
निगम क्षेत्र में चार लाख से अधिक मकान हैं और एक-एक मकान का सर्वे करना है. निगम प्रशासन के अनुसार इसके लिए 1200 सर्वेयर की जरूरत है, जो प्रतिदिन कम-से-कम 60 हजार फॉर्म भरें. जबकि, हकीकत है कि 861 सर्वेयर ही मिले, जिनमें से 724 सर्वेयरों ने ही योगदान दिया. ऐसे में सर्वे के पहले दिन सिर्फ 7500 फॉर्म ही भरे गये हैं, जो निर्धारित लक्ष्य से 36 हजार कम है. इस स्थिति में सात दिनों में सर्वे कार्य पूरा करना निगम प्रशासन के लिए मुश्किल भरा काम है.
पहला दिन होने से थाेड़ी परेशानी हुई
सर्वे शुरू हो गया है. पहले दिन जिला प्रशासन से उपलब्ध कराये गये सर्वेयर शत-प्रतिशत योगदान नहीं दिया. इसके साथ ही पहले दिन होने के कारण लक्ष्य के अनुरूप फॉर्म नहीं भरा जा सका है. हालांकि, अगले दिन से लक्ष्य के अनुरूप फॉर्म हर हाल में भरा जायेगा.
शीर्षत कपिल अशोक, नगर आयुक्त, नगर निगम

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