पटना: गर्दनीबाग रोड नंबर पांच निवासी आयुष की शुक्रवार की रात आधा दर्जन लोगों ने बेरहमी से पिटाई की और बेहोशी की हालत में छोड़ कर 25 हजार नगद और जरूरी कागज लेकर फरार हो गये. परिजनों ने उसे हेरिटेज अस्पताल के आइसीयू में भरती कराया. आयुष के मुताबिक पिटाई करनेवाले लोग बिहार पुलिस की वरदी में थे और खुद को एसटीएफ जवान बताया.
पुलिस रिवॉल्वर से थे लैस
क्वार्टर नंबर 7 में रहनेवाले बीएसएनएल कर्मचारी 28 वर्षीय संजय कुमार शुक्रवार की रात अपने घर में टीवी देख रहे थे. रात के 8:45 बजे उनके घर की कॉल बेल बजी. संजय ने दरवाजा खोला, तो छह हथियारबंद लोगों ने खुद को एसटीएफ का जवान बताने हुए वारंट कटने की बात कही और गर्दनीबाग थाने चलने को कहा. जब संजय ने वारंट दिखाने को कहा, तो उन लोगों ने उनकी पिटाई शुरू कर दी और असलहे के बल पर सादे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवाये. शोर सुन कर घर के अंदर पढ़ाई कर रहा संजय का छोटा भाई आयुष कुमार आया और उनसे उलझ गया.
हथियारबंद लोगों ने आयुष की जम कर पिटाई की, जिसके कारण वह बेहोश हो गया. रात के समय गाली गलौज और मारपीट का शोर सुन कर स्थानीय लोग एकत्रित होने लगे. खुद को चारों तरफ से घिरता देख कर उक्त लोग भागने लगे और जाते वक्त संजय और उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी दी.
लूटपाट भी की
इस दौरान उन्होंने मेज पर रखे हुए पासबुक, चेक बुक, जरूरी कागजात और बैग में रखे हुए 25 हजार रुपये लेकर फरार हो गये. संजय कुमार का कहना है कि उक्त अपराधियों के हाथ में पुलिसवाली सर्विस रिवाल्वर थी. उनमें से एक ने बिहार पुलिस की वरदी पहन रखी थी. उसकी बाइक पर पुलिस का मोनोग्राम व नेम प्लेट था. अन्य लोग पुलिस वरदी से मिलता हुआ जैकेट पहने थे.