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कुत्तों पर नियंत्रण के लिए बनेगी एनिमल बर्थ कंट्रोल सोसाइटी
पटना : राज्य सरकार आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी व बंध्याकरण अभियान चलायेगी. शुरू में यह अभियान राज्य के सिर्फ चार जिलों पटना, नालंदा, भागलपुर और गया शहर में चलाया जायेगा. कुत्तों की संख्या को कम करने के लिए राज्य में एनिमल बर्थ कंट्रोल सोसाइटी का गठन किया जा रहा […]
पटना : राज्य सरकार आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी व बंध्याकरण अभियान चलायेगी. शुरू में यह अभियान राज्य के सिर्फ चार जिलों पटना, नालंदा, भागलपुर और गया शहर में चलाया जायेगा. कुत्तों की संख्या को कम करने के लिए राज्य में एनिमल बर्थ कंट्रोल सोसाइटी का गठन किया जा रहा है. यह सोसाइटी ही कुत्तों के आबादी नियंत्रण के लिए प्रभावशाली कदम उठायेगी. साथ ही एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट भी लागू करेगी.
राज्य में 10 लाख 37 हजार 720 कुत्तों की संख्या है. शहरों में कुत्तों की संख्या 50 हजार 220 है. हर साल इन कुत्तों के शिकार होने वालों की संख्या तीन लाख से छह लाख के बीच होती है. नगर विकास एवं आवास विभाग के नगरपालिका प्रशासन के निदेशक भरत झा ने कहा कि इसको लेकर राज्य स्तर पर सबसे पहले सोसाइटी का गठन किया जाना है. इसके जिम्मे दो कार्य होंगे. पहला कुत्तों के नसबंदी व बंध्याकरण के लिए संरचना का निर्माण करना व चिकित्सकों को प्रशिक्षित करना और दूसरा कार्य है अभियान को लागू करना.
उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह इसे लेकर विभागीय स्तर पर वार्ता हो चुकी है. यह बात सामने आयी है कि राज्य में कुत्तों की नसबंदी करने के लिए किसी पशु चिकित्सक के पास समुचित प्रशिक्षण नहीं है. ऐसे में चिकित्सकों को प्रशिक्षण देने के लिए जयपुर, जमशेदपुर व देहरादून में प्रशिक्षण कराया जायेगा. जिन कुत्तों का ऑपरेशन हो जायेगा उसकी पहचान के लिए निशान के रूप में रिंग या कोई अन्य चिह्न डाल दी जायेगी. इससे यह पता चल सके किसकी नसबंदी हो चुकी है.
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