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गांधी सेतु की पाया संख्या 46 का स्पैन धंसा इंजीनियरों ने की मरम्मत, ट्रैफिक चालू

महात्मा गांधी सेतु : केवल हाजीपुर से पटना आनेवाले लेन पर ही हो रहा है दोनों लेनों की गाड़ियों का परिचालन महात्मा गांधी सेतु का सफर दिन-प्रतिदिन खतरनाक होता जा रहा है. शुक्रवार को पाया संख्या 46 के पास स्पैन धंस गया. हालांिक, इंजीनियरों ने मौके पर पहुंच इसे दुरुस्त कर दिया, लेिकन इस दौरान […]

महात्मा गांधी सेतु : केवल हाजीपुर से पटना आनेवाले लेन पर ही हो रहा है दोनों लेनों की गाड़ियों का परिचालन

महात्मा गांधी सेतु का सफर दिन-प्रतिदिन खतरनाक होता जा रहा है. शुक्रवार को पाया संख्या 46 के पास स्पैन धंस गया. हालांिक, इंजीनियरों ने मौके पर पहुंच इसे दुरुस्त कर दिया, लेिकन इस दौरान सेतु पर ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त रही.

पटना सिटी : उत्तर बिहार को जोड़नेवाली लाइफ लाइन महात्मा गांधी सेतु पर पाया संख्या 46 के समीप जोड़ के पास स्लैब धंस गया है. निरीक्षण को पहुंचे अभियंताओं की टोली ने पाया कि पटना से हाजीपुर जानेवाले लेन में पश्चिम की तरफ तीन मीटर गहरा व दस मीटर लंबा स्लैब धंसा है. इसकी जानकारी मिलते ही वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने धंसे स्थल के पास लाल निशान का कपड़ा टांगने के साथ वहां ट्राॅली लगा डिवाइडर बना दिया, ताकि पूरब लेन पर छोटी व यात्री वाहनों की आवाजाही हो सकें. ट्रकों को यात्री शेड के पास हाजीपुर से पटना आनेवाले लेन पर घुमाया जा रहा है.

सेतु पर तैनात यातायात इंस्पेक्टर रमेश सिंह व जमादार पीके सिंह ने बताया कि शुक्रवार की रात में ही यह स्लैव टूट कर धंस गया होगा. शनिवार की सुबह नौ बजे जब उस लेन से ड्यूटी के लिए आ रहे थे, तभी देखा कि स्लैव धंसा है. इसके बाद ट्रैफिक एसपी को इसकी सूचना दी गयी.

ट्रैफिक एसपी के निर्देश पर यात्री शेड के पास से ट्रकों व मालवाहक वाहनों को हाजीपुर से पटना आनेवाले लेन के पश्चिम क्षेत्र का उपयोग कर निकाला जा रहा है. जबकि, धंसे स्थल के पूरब वाले लेन से यात्री वाहनों को निकाला जा रहा है. पुलिस अधिकारियों ने यातायात रोके जाने की बात से इनकार किया है. हालांकि, वाहनों के परिचालन में फेरबदल करने से जाम की समस्या उत्पन्न हो गयी है. राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 19 पर स्थित महात्मा गांधी सेतु के पाया संख्या 46 के समीप में ज्वाइंट पर स्लैव धंसने का मामले प्रकाश में आने के बाद राष्ट्रीय उच्च पथ के कार्यपालक अभियंता व सहायक अभियंता के नेतृत्व में टीम ने स्थल का निरीक्षण किया. अधिकारियों ने संभावना जतायी है कि भारी वाहन की चपेट में आने की वजह से स्लैव धंसा है.

हालांकि, स्लैव मरम्मत कराये जाने की बात अधिकारियों ने कहीं. गांधी सेतु की पाया संख्या 44 का स्पैन पूर्व से ही क्षतिग्रस्त है, जिसको संजीवनी देने का काम चल रहा है. सेतु से पाया संख्या 44 को निर्माण कंपनी के लोगों ने काट दिया है.

अब इसके मरम्मत का कार्य चल रहा है. निर्माण कार्य मुंबई की कंपनी कर रही है. महात्मा गांधी सेतु 34 साल का हो चुका है. हर दिन सेतु पर 50 से 55 हजार वाहनों का दबाव रहता है. वो भी ऐसे समय में जब गांधी सेतु की पाया संख्या 44 ध्वस्त हो चुकी है. ऐसे में 50 से 55 हजार वाहनों के दबाव से हर दिन जाम लगता है.

स्थिति यह है कि लगन, रैली व चुनाव के समय में वाहनों की तादाद गांधी सेतु पर 60 से 65 हजार तक पहुंच जाती है. जिससे भी लोगों को परेशानी होती है. महात्मा गांधी सेतु को संजीवनी देने व सुपर स्ट्रक्चर को बदलने के लिए आइआइटी रूड़की की टीम सेतु की स्थिति का आकलन कर रही है. सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर सेतु में स्टील के सुपर स्ट्रक्चर का उपयोग हो सकता है कि नहीं, इसी विषय में सेतु की नींव व पिलर की मजबूती को जांचने के लिए टीम आयी है.

टीम दो माह के अंदर मंत्रालय को रिपोर्ट देगी. दरअसल सुपर स्ट्रक्चर हावड़ा ब्रिज की तरह गांधी सेतु का कायाकल्प होना है. इसकी के लिए टीम कार्य कर रही है.

एक्सपेंशन ज्वाइंट में गड़बड़ी से धंसा स्लैब

स्पैन संख्या 46 के समीप एक्सपेंशन ज्वाइंट में गड़बड़ी के कारण स्लैब धंसा है. एक्सपेंशन ज्वाइंट में गड़बड़ी की वजह से पुल के ऊपरी हिस्से का कंक्रीट टूट कर गिरा है. गड़बड़ी की सूचना मिलते ही सड़क परिवहन मंत्रालय व पथ निर्माण विभाग के एनएच विंग के अधिकारी सेतु पर जाकर निरीक्षण किया. अभियंताओं ने सेतु की स्थिति देखी. अभियंताओं ने ऐसी कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं पायी, जिससे यातायात रोका जा सके.

महात्मा गांधी सेतु पर जहां स्लैब धंसा है उसका निरीक्षण किया गया. एक्सपेंशन ज्वाइंट में गड़बड़ी की वजह से स्लैब धंसा है. उन्होंने बताया कि स्लैब के एक कोने में ओवरलोडेड वाहन के दवाब पड़ने से कंक्रीट टूटा है. टूटे हुए स्लैब को दुरुस्त कर लिया गया है.

राजेश कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन मंत्रालय

टूटे हुए स्लैब की जगह स्टील प्लेट रख कर उसे वेल्डिंग किया गया है. उस पर वाहनों का आवागमन चालू हो गया है. उन्होंने बताया कि पाये में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है.

अवधेश कुमार,

मुख्य अभियंता राम, पथ निर्माण विभाग के एनएच विंग

वनवे है परिचालन

महात्मा गांधी सेतु के अप स्ट्रीम लेन पटना से हाजीपुर जानेवाले मार्ग की पाया 38 से 46 के बीच में वाहनों का परिचालन वनवे हाजीपुर से पटना आनेवाले लेन पर होता है. दरअसल मामला यह है कि पाया संख्या 46 से 39 तक पटना की तरफ आठ स्पैन पर झुकाव आया था. इसके बाद लगभग चार साल पहले सेतु पर परिचालन वनवे किया गया. हालांकि, इससे पहले पाया संख्या 46, 45 व 44 पर वाहनों का परिचालन स्पैन में आयी गड़बड़ी से बंद थी.

मार्ग बदलने से सेतु पर रेंगते रहे वाहन

पटना सिटी : स्लैब धंसने के बाद पुलिसकर्मियों ने वाहनों का मार्ग परिवर्तित कर दिया है. इस वजह से पटना से हाजीपुर जानेवाले लेन पर जाम की समस्या बन गयीं है. दरअसल, यात्री शेड के पास से हैवी वाहन ट्रक व मालवाहक वाहनों को हाजीपुर से पटना आनेवाले लेन पर परिचालन की अनुमति दी गयी. इस कारण डिवाइडर के पास जाम की समस्या बन गयी. वहीं, यात्री वाहनों को धंसे स्लैब के पूरब के लेन से निकाला जा रहा था. स्थिति यह थी कि सेतु पर पहले से ही कायम जाम की समस्या शनिवार को और गहरा गयी. ऊमस रही गरमी में जाम में फंसे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. जाम की स्थिति जीरोमाइल बड़ी पहाड़ी से शुरू होकर वन-वे परिचालन स्थल तक बनी थी. स्थिति यह थी कि जाम में अधिकारियों व राजनेताओं को भी फंसना पड़ा.

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