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अल्लाह से इनाम लेने का महीना रमजान
फुलवारीशरीफ : इस महीने अल्लाह अपने रोजेदारों पर रहमतों की खूब बारिश करता है. अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाता है और भूखे-प्यासे रह कर खुदा की इबादत करनेवालों के गुनाह माफ हो जाते हैं. इस माह में दोजख (नरक) के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं और जन्नत की राह खुल जाता […]
फुलवारीशरीफ : इस महीने अल्लाह अपने रोजेदारों पर रहमतों की खूब बारिश करता है. अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाता है और भूखे-प्यासे रह कर खुदा की इबादत करनेवालों के गुनाह माफ हो जाते हैं. इस माह में दोजख (नरक) के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं और जन्नत की राह खुल जाता है.
ये बातें इमारत-ए-शरिया के नायब नाजिम मौलाना सुहैल अहमद नदवी ने रमजान की नेमतो के बारे में कहीं. उन्होंने कहा की खुद को खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना रमजान रहमतों और बरकतों की बारिश वाला है. समूची मानव जाति को प्रेम, भाईचारे और इनसानियत का संदेश भी देता है. अमूमन साल में 11 महीनों तक इनसान दुनियादारी के झंझावातों में फंसा रहता है, लिहाजा अल्लाह ने रमजान का महीना आदर्श जीवनशैली के लिए तय किया है.
रमजान का महीना तमाम इनसानों के दुख-दर्द और भूख-प्यास को समझने का महीना है. पूरी दुनिया की कहानी भूख, प्यास और इनसानी ख्वाहिशों के इर्द-गिर्द घूमती है और रोजा इन तीनों चीजों पर नियंत्रण रखने की साधना है. ताकि, रोजेदारों में भले-बुरे को समझने की सहूलियत पैदा हों. असल मकसद महज भूख-प्यास पर नियंत्रण रखना नहीं है.
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