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135 नियोजन ईकाइयों पर भी प्राथमिकी

बीएड संस्थानों की होगी जांच निगरानी की टीम हैदराबाद और दिल्ली जानेवाली है. यह टीम यहां के कई संस्थानों से जारी बीएड की डिग्री की जांच करेगी. इन दोनों स्थानों से काफी की संख्या में शिक्षकों ने डिग्री ले रखी है, जिसमें अधिकतर फर्जी ही समझ में आ रहे हैं. इनकी सत्यता की जांच के […]

बीएड संस्थानों की होगी जांच
निगरानी की टीम हैदराबाद और दिल्ली जानेवाली है. यह टीम यहां के कई संस्थानों से जारी बीएड की डिग्री की जांच करेगी. इन दोनों स्थानों से काफी की संख्या में शिक्षकों ने डिग्री ले रखी है, जिसमें अधिकतर फर्जी ही समझ में आ रहे हैं. इनकी सत्यता की जांच के लिए निगरानी की विशेष टीम इन दोनों शहरों में जाकर संबंधित संस्थानों और उनकी जारी की गयी डिग्री की जांच करेगी.
एफआइआर
उच्च माध्यमिक व माध्यमिक में
भभुआ, समस्तीपुर, मुंगेर, नालंदा, पटना, किशनगंज, सीतामढ़ी, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, अरवल, लखीसराय, नवादा, खगड़िया, भोजपुर समेत अन्य जिलों में मामलों की संख्या ज्यादा है. हालांकि इस तरह की गड़बड़ी के मामले सभी जिलों में हैं.
प्रारंभिक स्तर (अधिकतर नियोजन ईकाइयों पर)
मोतिहारी, नवादा, जमुई, गया, समस्तीपुर, खगड़िया, अरवल, बांका, पटना, जहानाबाद, वैशाली, रोहतास, सुपौल समेत अन्य.
एससी-एसटी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शुरू
निगरानी ब्यूरो ने राज्य में हुए एससी-एसटी छात्रवृत्ति मामले की जांच शुरू कर दी है. इससे संबंधित तमाम फाइलों को संबंधित विभाग से मंगवाया जा रहा है. निगरानी विभाग इस घोटाले से संबंधित तमाम दस्तावेजों को फिलहाल जुटाने में लगा हुआ है. इसके बाद इसकी जांच शुरू की जायेगी.
इस मामले को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ निगरानी की बैठक भी हो रही है. निगरानी मुख्य रूप से उन बिन्दुओं की जांच करेगी, जिसमें यह प्रतित हो रहा है कि सरकार से छात्रवृत्ति के नाम पर पैसे लेकर इसका घोटाला कर लिया गया है. कई फर्जी कॉलेज और संस्थानों को दिखाकर उनके नाम पर छात्रवृत्ति निकाल ली गयी है. कॉलेज को पैसे के भुगतान करने में ही सबसे ज्यादा गड़बड़ी हुई है. इसकी जांच मुख्य रूप से निगरानी कर रही है.
नियोजन इकाई भी काफी दोषी
नियोजित शिक्षक जहां फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी प्राप्त कर ली है. वहीं, नियोजन इकाईयों ने भी जम कर धांधली की है. तमाम नियम-कानूनों को ताक पर रख के व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती है.
कई जिलों में नियोजन ईकाइयों ने निगरानी को अपने यहां से बहाल होने वाले शिक्षकों का सर्टिफिकेट समेत तमाम फोल्डर ही उपलब्ध नहीं कराया है. कहीं-कहीं तो किसी शिक्षकों का पूरा डॉक्यूमेंट या फोल्डर ही गायब है. इस कारण निगरानी ने इन पर भी बड़े स्तर पर एफआइआर दर्ज करायी गयी है. अब तक 135 नियोजन इकाईयों पर अलग-अलग जिलों में एफआइआर दर्ज की जा चुकी है.

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