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महाजाम से निजात को ‘बाइपास’ सर्जरी
बड़ी पहल. बाइपास से लेकर गांधी सेतु तक जाम की किच-किच होगी दूर, एक्शन में पुलिस मुख्यालय शहर के बाइपास से लेकर महात्मा गांधी सेतु पर रोजाना लगनेवाले महाजाम से निजात के लिए पुलिस मुख्यालय एक्शन में आया है. आइजी (प्रोविजनल) पंकज कुमार दराद को इसका नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया और पूरी स्थिति की […]
बड़ी पहल. बाइपास से लेकर गांधी सेतु तक जाम की किच-किच होगी दूर, एक्शन में पुलिस मुख्यालय
शहर के बाइपास से लेकर महात्मा गांधी सेतु पर रोजाना लगनेवाले महाजाम से निजात के लिए पुलिस मुख्यालय एक्शन में आया है. आइजी (प्रोविजनल) पंकज कुमार दराद को इसका नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया और पूरी स्थिति की समीक्षा कर रणनीति तैयार करने का आदेश दिया गया. इसके मद्देनजर आइजी (प्रोविजनल) की अध्यक्षता में पटना के आइजी, एसएसपी, एसपी के अलावा आरा, गया, वैशाली और औरंगाबाद के एसपी के साथ बैठक की गयी. इसमें जाम के कारणों पर चर्चा की गयी और इसे दुरुस्त करने के लिए कई अहम निर्णय लिये गये.
जाम के कारण
फोर लेन के बाइपास में बाहर जाने वाले दो लेन में एक लेन हमेशा ट्रकों की कतार से भरा रहता है
गंगा सेतु जाते वाले वाहनों की कतार से एक लेन बंद होने से दूसरे वाहनों की गति बेहद धीमी हो जाती
रामकृष्ण नगर से जीरो माइल तक बेहद सघन आबादी के बीच से हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं
इतनी दूरी तक ट्रैफिक की स्थिति बेहद खराब रहती है, वाहन इधर-उधर से गुजरते रहते हैं
इतनी दूरी में कई स्थानों पर फोर लेन पार करने के लिए बीच से डिवाइडर को काट दिया गया है. यहां से दो पहिया व छोटे चार पहिया वाहन निकलते रहते, बड़े वाहनों को गुजरने में दिक्कत होती है
पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाले जहां चाहे वहां गाड़ी रोककर बेखौफ सवारी चढ़ाते और उतारते हैं
खेमनीचक, रामकृष्ण नगर, नंदलाल छपरा, 90 फीट, 70 फीट, ट्रांसपोर्ट नगर आदि स्थानों परसड़क पर अतिक्रमण. इन स्थानों पर स्थानीय लोगों का दिन में काफी आना-जाना होता है, जिससे ट्रैफिक अव्यवस्थित रहती है
जाम की स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाने में बाइपास पर ड्यूटी में तैनात पुलिस वालों की भी लापरवाही कम नहीं है. रामकृष्ण नगर, खेमनीचक, नंदलाल छपरा, 90 फुट, 70 फुट, कछुआरा, पटना सेंट्रल स्कूल, जीरो माइल समेत अन्य ऐसे प्रमुख स्थान हैं, जहां पुलिस की मुस्तैदी की कमी है.
सर्विस लेन में सभी प्रमुख स्थानों या आबादी वाले इलाकों के पास ‘अंडर पास’ भी बनाये गये हैं, परंतु लोग इसका उपयोग नहीं करते हैं.
पहले से होते प्रयास, तो शायद बच जाता लक्ष्य
बाइपास पर ट्रैफिक को व्यवस्थित करने का पहले भी प्रयास किया जाता, तो शायद 10 महीने के लक्ष्य की जान बच जाती. खेमनीचक के पास रॉग साइड डंपर के पास लेने की चपेट में लक्ष्य और उसकी मां मंगलवार की सुबह आ गयी थी. इस हादसे में लक्ष्य की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि उसकी मां बुरी तरह से जख्मी होकर अस्पताल में भर्ती है. लक्ष्य के पहले भी जिन चार-पांच लोगों की जान गयी, वह भी शायद बच जाती. अगर ट्रैफिक की यह पहल पहले से हुई होती तो. क्योंकि जाम की यह भीषण समस्या पिछले एक महीने से चली आ रही है.
देखना है, कितनी कारगर होगी नयी व्यवस्था
महीनों से जाम की अव्यवस्था झेल रहे शहर में अभी तक कोई ठोस ट्रैफिक प्लान नहीं तैयार किया गया है. हर 15 दिन पर जब मर्ज हद से ज्यादा बढ़ जाता है, तो एक बैठक करके एक नयी प्लान तैयार कर ली जाती है. इस तरह प्रशासन अभी तक एक्सपेरिमेंट करने में ही जुटा हुआ है. इससे पहले ट्रकों को शहर के अंदर वाले लेन में एक कतार में खड़ा करने का प्रयोग किया गया, जिससे स्थिति ज्यादा खराब हो गयी. इस बार का प्लान भी कितना सफल होता है, यह देखने की बात होगी.
महात्मा गांधी सेतु व एनएच पर कायम वाहनों का दबाव गुरुवार को भी बना रहा. इस वजह से जाम की समस्या कायम रही.दरअसल वाहनों के बढ़ते दबाव, मालवाहक वाहनों व ठ्रकों को रोके जाने से लगी लंबी कतार के बीच ओवर टेक करते वाहनों ने जाम की समस्या को बनाये रखा. जीरो माइल से गांधी सेतु तक वाहनों की लंबी कतार थी.
स्थिति यह थी कि महात्मा गांधी सेतु पर बालू लदे ट्रकों व मालवाहक वाहनों का दबाव कायम रहने की स्थिति में सुबह व शाम को रुक-रुक कर जाम की स्थिति कायम रही. दोपहर के समय थोड़ी राहत दिखी. पुलिसकर्मी कतार में सड़क किनारे ट्रकों को रोक कर यात्री वाहनों को आगे निकाल रहे थे. महात्मा गांधी सेतु पर पटना से हाजीपुर जानेवाले मार्ग में जाम की समस्या ज्यादा ही गंभीर थी. यातायात थानाध्यक्ष फारुख हुसैन ने बताया कि सुबह व शाम में वाहनों
का दबाव ज्यादा होता है. बताते चलें कि सेतु के पाया संख्या 46 से 38 के बीच में परिचालन एक लेन हाजीपुर से पटना आनेवाले मार्ग पर होता है. इस कारण पहले से ही जाम की समस्या रहती है. उस पर वाहनों के दबाव बढ़ने से परिचालन में मुश्किलें आने लगीं.
सेतु के जाम का असर एनएच की सड़कों पर भी दिखा. महात्मा गांंधी सेतु पर जाम की समस्या धीरे-धीरे बढ़ते हुए जीरो माइल बड़ी पहाड़ी के पास पहुंच गया. नतीजतन राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 30 पर भी वाहनों के परिचालन में मुश्किलें आने लगीं. एनएच की जाम में गुरुवार को एक एंबुलेंस भी फंस गया था.
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