पटना : बिहार में इंटर आर्ट्स और साइंस के टॉपरों को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में अब सफाई देने के लिये बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सामने आया है. समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह ने कहा है कि कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान मिले नंबरों के आधार पर ही रिजल्ट घोषित किया गया है. इसमें किसी भी तरह से समिति दोषी नहीं है. बोर्ड ने अपने एक नये आदेश में साइंस और आर्ट्स के टॉपरों के रिजल्ट पर रोक लगा दिया है.
बोर्ड लेगा टॉपरों की टेस्ट
बिहार बोर्ड उन टॉपरों का दोबारा टेस्ट लेगा जिनकी वजह से बोर्ड की बदनामी हुई है. अध्यक्ष के मुताबिक 3 जून को साइंस और आर्ट्स के 14 परीक्षार्थियों को बुलाया गया है. समिति की वरीय अधिकारियों की निगरानी और कदाचार समिति सदस्यों की मौजूदगी में उन परीक्षार्थियों का टेस्ट लिया जायेगा. परीक्षार्थियों से बकायदा पूछताछ की जायेगी उसके बाद ही निर्णय लिया जायेगा. अध्यक्ष ने कहा कि अभी भी इसमें बोर्ड की कोई गलती नहीं है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. इस पर बहुत जल्द फैसला सुनाया जायेगा.
विशेषज्ञों ने जांची कॉपियां
बिहार बोर्ड की माने तो रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका ना मात्र के बराबर है. सभी कॉपियों को विशेषज्ञों ने जांचा था. उसके बाद ही रिजल्ट घोषित किया गया था. सभी को मेरिट के आधार पर मार्क्स दिये गये हैं. गौरतलब हो कि इंटर साइंस और आर्ट्स के टॉपर को लेकर बिहार में विवाद पैदा हो गया है. क्योंकि एक समाचार चैनल ने खुलासा किया है कि इन दोनों टॉपरों को अपने सब्जेक्ट के बारे में भी जानकारी नहीं है. उसके बाद से टॉपरों को लेकर सवाल उठने शुरू हो गये हैं.