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जमीन बेच कर करता था मौज-मस्ती, मना किया तो गला दबा कर पत्नी को ही मार डाला
पटना : राजीव नगर थाने के रोड नंबर 14 में अखिलेश साह ने अपनी पत्नी शोभा देवी की गला दबा कर हत्या कर दी और फरार हो गया. उसने रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे फोन कर अपने ससुराल वालों को केवल यह जानकारी दी कि बच्चे काफी रो रहे हैं और पत्नी की तबीयत […]
पटना : राजीव नगर थाने के रोड नंबर 14 में अखिलेश साह ने अपनी पत्नी शोभा देवी की गला दबा कर हत्या कर दी और फरार हो गया. उसने रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे फोन कर अपने ससुराल वालों को केवल यह जानकारी दी कि बच्चे काफी रो रहे हैं और पत्नी की तबीयत खराब है. वे लोग जल्दी चले आएं. शोभा देवी के परिजन जब वहां पहुंचे, तो पाया कि वह मृत पड़ी है और गले पर निशान है. इसके बाद अखिलेश के मोबाइल पर कॉल किया, तो वह स्विच ऑफ था. इसके बाद राजीव नगर पुलिस को मामले की जानकारी दी गयी और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. शोभा की मां फुलो देवी के बयान पर अखिलेश के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.
पिता की हत्या के मामले में जा चुका है जेल : अखिलेश साह अपराधी चरित्र का रहा है और उसने दो साल पहले अपने पिता बालेश्वर साह की भी गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस मामले में वह जेल भी गया था. लेकिन, फिर जमानत पर छूट गया था. इसके बाद वह एक मिनरल वाटर बनानेवाली फैक्ट्ररी में काम कर रहा था. उसकी दो बेटी व एक बेटा है. शोभा से उसकी शादी दस साल पहले हुई थी. अखिलेश साह मूल रूप से पुनपुन के पैमार गांव का रहनेवाला है और उसका ससुराल बेऊर इलाके में है. थानाध्यक्ष रमाकांत तिवारी ने बताया कि अखिलेश अपनी पैतृक जमीन की बिक्री कर रहा था और इसी बात को लेकर पत्नी से विवाद होता रहता था. हालांकि, अन्य बिंदुओं पर भी जांच चल रही है.
जमीन को लेकर पति-पत्नी में अक्सर होता था विवाद : अखिलेश साह काफी एय्याश किस्म का है और अपनी पैतृक जमीन को बेच कर उससे मिले पैसे से एेय्याशी करता था. इसका विरोध उसकी पत्नी शोभा हमेशा करती थी और इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होता था. लेकिन, वह औने-पौने दाम में ही जमीन की बिक्री कर देता था. संभवत: शनिवार की रात भी ऐसा ही कुछ विवाद हुआ और उसने घटना को अंजाम दे दिया. फिर रविवार की सुबह उसके परिजनों को वहां आने को कहा. उसके पिता बालेश्वर साह भी जमीन बेचने के लिए मना करते थे और इसी को लेकर उसने अपने पिता की दो साल पहले हत्या कर दी थी.
मां के आंचल को खींचते रहे मासूम पर कातिल बाप को नहीं आयी दया
पटना. बेबसी का मंजर था, मासूम आंखों से आंसू टपक रहे थे. मां का गला बाप के पंजों में जकड़ा था. सांसोें की डोर वक्त के साथ टूटती जा रही थी. मां शोभा कभी छह माह की बेटी को देखती, तो कभी ढाई साल के बेटे को. लेकिन, वह कातिल बाप था, जो जान लेने पर उतारू था. न मासूम बच्चोें की परवाह, न पत्नी को खोने का गम. हाथ के पंजे कसते गये, शोभा हाथ-पैर पटकती रहीं. उसे मौत आने का एहसास तो हो ही रहा था, पर जब भी उसे मौका मिला, तो उसकी जुबान पर बच्चों के नाम आते थे. पंजों के दबाव उसके गले पर बढ़ते गये, उसकी आंखें और जीभ बाहर निकलने लगे, फिर भी वह अपने कलेजे के टुकड़ों को एक बार गले से लगा लेना चाहती थी, पर मुनासिब नहीं था. मां की ममता और मासूम बच्चाें की छटपटाहट के बीच वह बाप दीवार बन गया था, जो सब कुछ बिखेर देने पर लगा था. इस संघर्ष की घड़ी में बच्चे फूट-फूट कर रोते रहे और मां देखते-देखते हमेशा के लिए खामोश हो गयी. इस ह्दय विदारक घटना के बाद कातिल बाप ने बेऊर अपने ससुरालवालों को बताया कि बच्चे घर में रो रहे हैं, जब वे पहुंचे, तो शोभा मर चुकी थी और उसके आंचल से लिपट कर दोनों बच्चे रो रहे थे. नानी फुलो देवी के साथ पांच साल की बेटी भी आयी थी. अखिलेश साह ने दो साल पहले अपने बाप को मार दिया था. इसके बाद बड़ी बेटी नानी के घर रहती थी, जबकि ये दोनों बच्चे मां-बाप के साथ.
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