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इंडस्ट्री के लिए लोन पॉलिसी पर विचार
बीमार क्षेत्र के रिवाइवल पर खास तौर पर फोकस करेंगे : कलराज मिश्र पटना : सूक्ष्म और लघु उद्योगों के केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कहा है कि केंद्र सरकार इंडस्ट्री के लिए लोन पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है. हम सोच रहे हैं कि बीमा होने से सुरक्षा होगी और फिर सुरक्षा से […]
बीमार क्षेत्र के रिवाइवल पर खास तौर पर फोकस करेंगे : कलराज मिश्र
पटना : सूक्ष्म और लघु उद्योगों के केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कहा है कि केंद्र सरकार इंडस्ट्री के लिए लोन पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है. हम सोच रहे हैं कि बीमा होने से सुरक्षा होगी और फिर सुरक्षा से लोगों को उद्योग की ओर ज्यादा से ज्यादा मुखातिब किया जा सकेगा. वे बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सभागार में उद्योगपतियों से रूबरू होने के बाद बोल रहे थे.
उन्होंने आगे कहा कि इसके साथ ही हम लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग के लिए पूरी पॉलिसी बनाने पर भी गंभीरता से सोच रहे हैं. इसमें हम बीमार क्षेत्र के लिए रिवाइवल पर खास तौर पर फोकस करेंगे. इसके पहले बीआइए की ओर से अध्यक्ष रामलाल खेतान ने समस्याएं गिनायीं. उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए वित्त की उपलब्धता आज बहुत बड़ी समस्या है.
ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें एमएसएमइ सेक्टर को बैंक से लोन लेने में समस्या न हो. उसके लिए समय निर्धारण की आवश्यकता है. आज होम लोन या कार लोन लेने में एक से सात दिन लगता है पर एमएसएमइ केकैश फ्लो में होने के बावजूद 3 महीना से 6 महीना लग जाता है. बैंक द्वारा इस संदर्भ में समय निर्धारण की आवश्यकता है.
बीआइए ने दिया सुझाव
उपाध्यक्ष संजय गोयनका ने कहा कि हमारा सुझाव है कि एक ऐसी व्यवस्था देश में बने जिसमें यह प्रावधान हो कि कोई बैंक यदि उद्योग के किसी प्रपोजल को अस्वीकार करना है, तो अधिकतम 30 दिनों के अंदर ऐसा करें, जिससे कि उद्यमी अपना प्रस्ताव दूसरे बैंक के समक्ष रख सके तथा उससे बात कर सके.
यदि बैंक को प्रपेाजल को स्वीकार करना है, तो अधिकतम 60 दिनों की समय सीमा के अंतर्गत होनी चाहिए. ऋण पर ब्याज व्यवस्था में सुधार की जरूरत है. आज कार लोन तथा होम लोन बेस रेट पर उपलब्ध है, जबकि एमएसएमइ सेक्टर को प्लस 5 प्रतिशत देना पड़ता है. एमएसएमइ सेक्टर में करोड़ों को रोजगार मिलता है. उद्योगों को मिलने होने वाला वित्त उत्पादक एवं राष्ट्रीय विकास से
प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा होता है. लेकिन इतने ऊंचे ब्याज दर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंपीट करना नामुमकिन हो रहा है.
उद्योगों के बीमार होने की बहुत बड़ी वजह ऊंचा ब्याज दर है. बीआए की मांग है कि एमएसएमइ को कम ब्याज दर पर लोन मिल सके. इस पर केन्द्र सरकार को तुरन्त विचार करनी चाहिए जिससे कि एमएसएमइ को सस्ते में ऋण उपलब्ध हो या फिर एमएसएमइ मंत्रालय यह सुनिश्चित करें कि एमएसएमई प्रक्षेत्र के उद्योगों को सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध हो सके. इसके लिए ऋण बीमा की व्यवस्था की सीमा जो वर्तमान मेें एक करोड़ है को बढ़ा कर तीन करेाड़ करने की आवश्यकता है.
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ध्यान में रखकर तैयार करें कोर्स
पटना. केंद्रीय लघु , सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने शनिवार को पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र स्थित उनके विभाग द्वारा संचालित टूल रूम का दौरा किया . श्री मिश्र वहां के अधिकारियों व प्रशिक्षणार्थियों से भी मिले. उन्होेंने अधिकारियों से कहा कि रेलवे, शिपिंग कॉरपोरेशन सहित सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों की जरूरत के हिसाब से कोर्स तैयार करें.
श्री मिश्र ने टूल रूम के अधिकारियों से कहा कि प्रशिक्षण में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. जिस उपकरण की जरूरत हो उसे खरीदें. कौशल विकास पर सरकार का खासा ध्यान है. रोजगार का अधिक से अधिकअवसर पैदा हो इसका खास ख्याल रखना होगा. जरूरत पड़ने पर टूल रूम का विस्तार किया जाएगा. टूल रूम के अधिकारी डीके सिंह ने विस्तार से टूल रूम , चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी.
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