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जेइइ मेन में अब 11वीं से सवाल नहीं

नीट अध्यादेश पर अंतरिम रोक से कोर्ट का इनकार पटना : ज्वाइंट एंट्रांस एग्जामिनेशन (जेइइ) मेन का सिलेबस वर्ष 2017 से बदल जायेगा. इसको लेकर सीबीएसइ ने तैयारी शुरू कर दी है. जेइइ मेन का आधार अब सिर्फ 12वीं का सिलेबस होगा. 12वीं के सिलेबस से ही जेइइ मेन में प्रश्न पूछे जायेंगे. अभी तक […]

नीट अध्यादेश पर अंतरिम रोक से कोर्ट का इनकार
पटना : ज्वाइंट एंट्रांस एग्जामिनेशन (जेइइ) मेन का सिलेबस वर्ष 2017 से बदल जायेगा. इसको लेकर सीबीएसइ ने तैयारी शुरू कर दी है. जेइइ मेन का आधार अब सिर्फ 12वीं का सिलेबस होगा. 12वीं के सिलेबस से ही जेइइ मेन में प्रश्न पूछे जायेंगे. अभी तक जेइइ मेन में 12वीं के साथ 11वीं के सिलेबस से भी प्रश्न आते थे.
प्लस टू के पूरे सिलेबस को जेइइ मेन में लागू किया गया था. लेकिन, 2017 से इसमे बदलाव किया जायेगा.12वीं बोर्ड देने वाले अभ्यर्थी को होगा फायदा : इस बदलाव के बाद जेइइ मेन का सिलेबस कम हो जायेगा. इसका सबसे ज्यादा फायदा 2017 में 12वीं बोर्ड देनेवाले परीक्षार्थियों को होगा.
चूंकि 12वीं बोर्ड परीक्षा देने के एक महीने के बाद ही जेइइ मेन लिया जाता है. इससे 12वीं के परीक्षार्थी की 12वीं का सिलेबस तो तैयार रहता है, लेकिन उन्हें 11वीं के सिलेबस का रिवीजन करने का समय नहीं मिल पाता है. ऐसे में इस बदलाव का फायदा जेइइ मेन में एपियरिंग कैंडिडेट्स को काफी होगा. उन्हें अब अलग से 11वीं की पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी.
दो बार ही दे सकते हैं जेइइ मेन : जेइइ मेन एक परीक्षार्थी दो बार से अधिक नहीं दे सकता है. एक बार एपियरिंग कैडिडेट्स के रूप में दे सकते हैं. अगर उस साल अच्छे रैंक नहीं आया, अगले साल भी इसमें बैठ सकते हैं. दूसरी बार जेइइ मेन देनेवालों के लिए 11वीं और 12वीं सिलेबस को रिवीजन करना आसान होता है. सीबीएसइ के अनुसार जेइइ में यह बदलाव जेइइ मेन और जेइइ एडवांस दोनों में ही किया जायेगा.
सीबीएसइ के सिटी कोर्डिनेटर राजीव रंजन सिन्हा ने कहा कि जेइइ मेन में अगले साल से चेंज हाेने की बातें चल रही हैं. 2017 में जेइइ मेन में यह बदलाव किया जायेगा. इसकी जानकारी जल्द ही जेइइ मेन के अभ्यर्थियों को मिल जायेगी. जेइइ मेन के आवेदन के साथ ही सिलेबस का भी डिटेल्स दिया जायेगा.
नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एनइइटी के संबंध में लागू एक अध्यादेश के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने और तत्काल सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. यह अध्यादेश राज्यों को शिक्षण सत्र 2016-17 में एमबीबीएस तथा बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए उनकी अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति देता है. कोर्ट ने इस मुद्दे पर इंदौर के एक डॉक्टर की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, ‘चिकित्सा प्रवेश परीक्षा पर आगे संदेह पैदा नहीं होना चाहिए और छात्रों के लिए कुछ निश्चिंतता बनी रहे. इसके अलावा यह (अध्यादेश) केवल एक साल के लिए है.’
807 सीटों पर राज्य कोटे से होगा एडमिशन
पटना : राज्य की 950 मेडिकल सीटों पर नामांकन की तैयारी शुरू हो गयी है. इनमें से 15 फीसदी सीटों पर केंद्र सरकार की ओर से, जबकि 85 फीसदी सीटों पर राज्य कोटे के तहत नामांकन लिया जायेगा.
राज्य सरकार की कोटे में कुल 807 सीटें आती हैं. इन सीटों पर आरक्षण के प्रावधानों के तहत नामांकन लिया जायेगा. राज्य सरकार को नीट के आधार पर सीबीएसइ द्वारा बिहार के विद्यार्थियों की सूची प्राप्त होगी. कुल सीटों में राज्य सरकार अपने आरक्षण के प्रावधानों के अनुसार सीटों का बंटवारा करेगी. बिहार राज्य संयुक्त प्रतियोगिता पर्षद (बीसीइसीइबी) के विशेष कार्य पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि राज्य में नियमानुसार सामान्य वर्ग की 50 फीसदी सीटों के अलावा अनुसूचित जाति की 16 फीसदी, अनुसूचित जनजाति की एक फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग की 18 फीसदी, पिछड़ा वर्ग की 12 वर्ष और आरक्षित वर्ग की लड़कियों के लिए तीन फीसदी का आरक्षण दिया जायेगा. अभी तक निजी मेडिकल कालेजों में नामांकन को लेकर काउंसेलिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है कि उनकी काउंसेलिंग कौन करेगा.

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