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डॉ हेमंत वर्मा से एक करोड़ की रंगदारी मांगने वाला गिरफ्तार, मोबाइल मिला

खुलासा. डॉक्टर को बेतिया से किया फोन, रंगदारी के पीछे चुनावी रंजिश पटना/बेतिया : बेतिया के अपराधी रामाकांत यादव ने पटना के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ हेमंत वर्मा और डॉ एके ठाकुर से एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी. इस धमकी भरे फोन ने दोनों डॉक्टरों को तो दहशत में ला ही दिया, साथ में […]

खुलासा. डॉक्टर को बेतिया से किया फोन, रंगदारी के पीछे चुनावी रंजिश
पटना/बेतिया : बेतिया के अपराधी रामाकांत यादव ने पटना के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ हेमंत वर्मा और डॉ एके ठाकुर से एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी. इस धमकी भरे फोन ने दोनों डॉक्टरों को तो दहशत में ला ही दिया, साथ में पटना पुलिस के भी पसीने छुड़ा दिये.
चुनौती थी अपराधियों को दबोचने और दोनों चिकित्सकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने की. पुलिस ने मामले के खुलासे के लिए सबसे पहले उस मोबाइल नंबर की जांच शुरू की, जिससे धमकी भरा फोन आया था. फिलहाल दो दिनों में गुत्थी सुलझी और बेतिया के चुनावी रणक्षेत्र से इस धमकी भरे कॉल का कनेक्शन ढूंढ़ निकाला. पुलिस ने फोन करनेवाले अपराधी रामाकांत यादव को गिरफ्तार किया है और हिरासत में लिये गये अबुलेस को क्लीन चिट दे दी गयी.
पैसा वसूलने की नहीं थी नीयत : दरअसल पटना के डॉ हेमंत वर्मा (डॉ एके सिंह ने प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी थी) से एक करोड़ की रंगदारी मांगने के पीछे पैसा वसूलने की नीयत नहीं थी, बल्कि यह चुनावी चाल थी और निशाने पर विरोधी प्रत्याशी था. हुआ यूं कि बेतिया के जिला पार्षद व राजद नेता रहे मोहम्मद गाजी की 29 अक्तूबर, 2013 में हत्या हो गयी थी. यह हत्या दिनेश यादव और उसके चचेरे भाई रामाकांत यादव ने की थी. हत्या के पीछे चुनावी प्रतिद्वंद्विता थी.
घटना के समय दिनेश यादव अपनी मां को जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव जिताना चाहता था, जबकि मोहम्मद गाजी उसके लिए रास्ते का रोड़ा बन रहे थे. रास्ता साफ करने के लिए मोहम्मद गाजी को मार दिया गया. इस आरोप में दिनेश और रामाकांत को जेल भेज दिया गया.
वर्ष 2014 में रमाकांत को मिली जमानत
वर्ष 2014 में रामाकांत को जमानत मिल गयी, लेकिन दिनेश अभी भी जेल में है. इस बार के पंचायती चुनाव में मोहम्मद गाजी का पुत्र अबुलेस जिला परिषद पद का प्रत्याशी है, जबकि इसी इलाके से दिनेश की मां मुखिया प्रत्याशी है. चुनावी नैया पार करने के लिए एक बार फिर साजिश रची गयी और इस बार अबुलेस दिनेश यादव के टारगेट पर था, लेकिन इस बार हत्या नहीं, बल्कि रंगदारी मांगने के आरोप में जेल भेजवाने की साजिश रची गयी, जिसका पुलिस ने खुलासा कर दिया.
न्यायालय में पेशी के दौरान दिनेश व रामाकांत ने रची थी साजिश
दिनेश यादव बेतिया जेल से न्यायालय में पेश होने के लिए आया था. इस दौरान उसने अपने चचेरे भाई रामाकांत के साथ साजिश रची और तय हुआ कि अबुलेस के आइडी पर सिम कार्ड लिया जाये और पटना के डॉक्टरों से रंगदरी मांगी जाये. जब पुलिस सिम कार्ड के आधार पर जांच करेगी तो अबुलेस को जेल हो जायेगी. इस साजिश के तहत पटना के दोनों डॉक्टरों से 24 मई को रंगदारी मांगी गयी. पुलिस अबुलेस तक पहुंचने के बाद जब उससे सिरिसिया थाने में पूछताछ की, तो रामाकांत पर शक गया. पुलिस ने रामाकांत को पकड़ा और उसके कब्जे से वह मोबाइल फोन बरामद किया. मोबाइल के इएमआइ नंबर से साफ हुआ कि अबुलेस के नहीं, बल्कि रामाकांत के मोबाइल फोन से कॉल किया गया था. अब पटना पुलिस उस दुकानदार को तलाश रही है.
पांच थानों की पुलिस पहुंची थी योगापट्टी : योगापट्टी पहुंची पटना पुलिस के साथ छापेमारी में योगापट्टी, शनिचरी, सिरिसिया व नवलपुर थाने की पुलिस शामिल थी. योगापट्टी थानाध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह ने बताया कि कुछ अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी होनी है, छापेमारी की जा रही है.
अबुलेस के नाम पर लिया था सिम कार्ड
एडीजी सुनील कुमार ने कहा कि पटना के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ हेमंत वर्मा से रंगदारी मांगने वाले रामाकांत यादव को बेतिया के योगापट्टी नामक स्थान से गिरफ्तार कर लिया गया है.
रामाकांत यादव की अबुलेस अंसारी नामक व्यक्ति से किसी बात को लेकर आपसी अदावत चल रही थी. अंसारी ने रामाकांत पर मुकदमा भी कर रखा था. इस अदावत के चलते ही रामाकांत ने उसके नाम पर सिम कार्ड ले लिया था और डॉ हेमंत वर्मा समेत कई अन्य डॉक्टरों से रंगदारी की मांग की थी, ताकि वह अबुलेस को फंसाया जा सके, पर ख्ुलासा हो गया.

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