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व्यवसायी के तीनों बेटों को छोड़ा, एक के हस्ताक्षर एफएसएल जांच को भेजे
पटना : डॉक्टर एके सिंह से 50 लाख रुपये के रंगदारी मांगे जाने के मामले में पुलिस को फिलहाल कोई जानकारी हाथ नहीं लगी है. पुलिस ने इस मामले में पटना सिटी के व्यवसायी विजय प्रसाद के बेटे प्रमोद कुमार, सुजीत कुमार व पीयूष से पूछताछ की, लेकिन रंगदारी से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिला. […]
पटना : डॉक्टर एके सिंह से 50 लाख रुपये के रंगदारी मांगे जाने के मामले में पुलिस को फिलहाल कोई जानकारी हाथ नहीं लगी है. पुलिस ने इस मामले में पटना सिटी के व्यवसायी विजय प्रसाद के बेटे प्रमोद कुमार, सुजीत कुमार व पीयूष से पूछताछ की, लेकिन रंगदारी से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिला.
इन तीनों को सोमवार की रात छोड़ दिया गया. हालांकि पुलिस ने एफएसएल जांच के लिए प्रमोद के हस्ताक्षर के नमूने लिये. रंगदारी मामले में उस समय नया मोड़ आ गया, जब विजय प्रसाद मंगलवार को एसएसपी से मिले व उन्होंने डॉक्टर पर झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि प्रमोद के हस्ताक्षर का नमूना लेकर जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है.
किराया विवाद का भी मामला आया सामने
विजय प्रसाद ने एसएसपी को बताया कि उनका पटना सिटी के पश्चिम दरवाजा स्थित मकान को डॉ एके सिंह ने दस साल के लिए किराये पर लिया था और एक लाख 27 हजार किराया तय हुआ था.
इस संबंध में बने एग्रीमेंट में अंकित है कि अगर तय समय सीमा से पहले भी मकान छोड़ेंगे, तो भी पूरे दस साल का किराया देंगे. उन्होंने बताया कि तीन साल पहले यह एग्रीमेंट बना और फिर डॉ एके सिंह ने वहां क्लिनिक खोलने के लिए मकान को तोड़ कर अपने अनुसार बनाया. पहले वे किराया ठीक समय पर देते थे, लेकिन तीन-चार माह से किराया देना बंद कर दिया है. मांगने के बाद भी टालमटोल कर रहे थे. उन्होंने एसएसपी को बताया कि गुहार के बाद भी डॉक्टर पहले की तरह भी मकान नहीं बनवा रहे हैं.
उनकी पत्नी इंदू देवी के नाम से तीन साल पहले एग्रीमेंट बनाया गया था. विजय प्रसाद ने बताया कि वे लोग निर्दोष हैं और उन लोगों को झूठे केस में फंसाया जा रहा है. उन्होंने पत्रकार नगर पुलिस पर पुत्र प्रमोद कुमार की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया है.
आइएमए व भासा ने की बढ़ती घटनाओं की निंदा : आइएमए बिहार शाखा व भासा की कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को आइएमए अध्यक्ष डॉ सचिच्दानंद कुमार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में चिकित्सकों के खिलाफ रंगदारी व भयादोहन की बढ़ती घटनाओं पर घोर चिंता व्यक्त की गयी. वहीं भासा के अध्यक्ष डाॅ अखिलेश प्रसाद सिंह ने स्टेट हॉस्पिटल सेक्यूरिटी फोर्स (एसएचएसएफ) गठित करने की सरकार से मांग की तथा कहा कि अपराधी तुरंत पकड़े जाएं.
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