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विकास के मुद्दे पर जनता को रिझा रहे प्रत्याशी

मोकामा : पंचायत चुनाव के दसवें चरण में मोकामा और घोसवरी प्रखंडों में मतदान होना है लेकिन ग्राम सरकार के गठन को लेकर चुनावी रंग चढ़ चुका है. दोनों प्रखंडों में चुनावी फिजा में दावे-वादों के साथ साथ असलियतों के पोल-खोल का खेल भी चल रहा है. जनसंपर्क के दौरान विभिन्न पंचायतों के मुखिया प्रत्याशी […]

मोकामा : पंचायत चुनाव के दसवें चरण में मोकामा और घोसवरी प्रखंडों में मतदान होना है लेकिन ग्राम सरकार के गठन को लेकर चुनावी रंग चढ़ चुका है. दोनों प्रखंडों में चुनावी फिजा में दावे-वादों के साथ साथ असलियतों के पोल-खोल का खेल भी चल रहा है. जनसंपर्क के दौरान विभिन्न पंचायतों के मुखिया प्रत्याशी लोगों को पंचायतों के विकास का सपना दिखा रहे हैं. लेकिन दिखाए जा रहे इन सपनों की पोल उनके प्रतिद्वंद्वी खोल रहे हैं.
मोकामा प्रखंड के शिवनार पंचायत को चुनावी दृष्टिकोण से सबसे हॉट पंचायत माना जा रहा है. कारण है कि यहां से दो प्रमुख कद्दावर राजनेताओं के प्रमुख सिपहसालार मुखिया का चुनाव लड़ रहे हैं. शिवनार पंचायत में सात प्रत्याशी मैदान में हैं. सभी प्रत्याशी के समर्थक ज्यादा मुखर हैं. जनसंपर्क के दौरान सभी प्रत्याशियों के समर्थक अपनी जीत का दावा करते हैं, लेकिन जनता विकास के तराजू पर प्रत्याशियों को तौल रही है. शिवनार इलाके का एकमात्र पंचायत है, जहां सबसे अधिक सरकारी योजनाएं आयी. शिवनार गांव के कुछ ग्रामीणों ने सूचना के अधिकार के तहत शिवनार पंचायत की विकास योजनाओं की सूची निकाल ली है.
आरटीआई के तहत मिली योजनाओं की सूची से विकास के दावों का मिलान किया जा रहा है. शिवनार के ललन सिंह कहते हैं कि पंचायत में गंगा किनारे सुरक्षा बांध और तटबंधों के निर्माण के नाम पर लाखों रुपये की निकासी हुई, लेकिन एक भी सुरक्षा तटबंध कहीं कारगर दिख नहीं रहा. ग्रामीणों की मानें तो शिवनार गांव में गंगा से कटाव को रोकने के नाम पर पंचायत की योजनाओं से सुरक्षा बांध और तटबंध निर्माण के नाम पर राशि की निकासी हुई, लेकिन हकीकत में कुछ नजर नहीं आता है.
कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग की एक योजना आने से लोगों को कटाव से निजात मिलने की आस जागी है. शिवनार पंचायत में पौधारोपण के नाम पर 85 लाख की योजनाओं को मंजूरी मिली और पैसे की भी निकासी हुई. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी पैसे से लगाये गये 85 पेड़ भी नजर नहीं आते. ग्रामीणों ने बताया कि कंक्रीट ढलाई वाले भूगर्भ नाला की उड़ाही, पीसीसी सड़क पर मिट्टी भराई, जंजीरा दियारा में पोखर निर्माण, गैर आबादी वाले हिस्सों में ईंट सोलिंग, पुलिया निर्माण जैसी कई योजनाएं हैं, जिनमें पैसे की निकासी हुई, लेकिन काम कहीं नजर नहीं आता.
हालांकि निवर्तमान मुखिया के समर्थक इन आरोपों को गलत बताते हुए कहते हैं कि उनके कार्यकाल में ठीक से उनको काम करने नहीं दिया गया और अनावश्यक परेशान किया गया. शिवनार पंचायत की एक खासियत है कि यहां हर कोई खुल कर अपने प्रत्याशियों के साथ है. पंचायत में चुनावी कसरत तेज हो चुकी है.
प्रशासनिक महकमे में भी शिवनार पंचायत के चुनाव को लेकर काफी गंभीरता है. अधिकारी भी शिवनार पंचायत में नजर बनाये हुए हैं. प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला मतदाताओं द्वारा 30 मई को होगा और अंतिम सात दिनों में सभी प्रत्याशी जोर आजमाइश में लगे हैं.

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