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अवैध हिस्सा तोड़ने के लिए एक सप्ताह में निकलेगा टेंडर
पटना : नगर निगम के अभियंताओं की बैठक मंगलवार को हुई. इसमें बंदर बगीचा स्थित अपार्टमेंट के अवैध हिस्से तोड़ने को लेकर एजेंसी चयन की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया गया. साथ ही टेंडर की सेवा शर्तें और क्या-क्या सावधानी बरती जायेगी, इस मसले पर भी चर्चा की गयी. मुख्य नगर अभियंता खगेशचंद्र विश्वास ने बताया […]
पटना : नगर निगम के अभियंताओं की बैठक मंगलवार को हुई. इसमें बंदर बगीचा स्थित अपार्टमेंट के अवैध हिस्से तोड़ने को लेकर एजेंसी चयन की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया गया. साथ ही टेंडर की सेवा शर्तें और क्या-क्या सावधानी बरती जायेगी, इस मसले पर भी चर्चा की गयी.
मुख्य नगर अभियंता खगेशचंद्र विश्वास ने बताया कि अवैध हिस्सा तोड़ने के लिए एजेंसी चयन के लिए एक सप्ताह में टेंडर निकाल दिया जायेगा. इसके बाद चयन की प्रक्रिया शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट ने दस मार्च को नगर आयुक्त को सख्त आदेश दिया था कि संतोषा अपार्टमेंट के ऊपर के अवैध तीन फ्लोर को चार माह के भीतर तोड़ कर रिपोर्ट उपलब्ध करायें. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो माह हो गये हैं, लेकिन मुआवजे का वितरण नहीं हो सका है.
छह सप्ताह में देनी थी मुआवजे की राशि : अपार्टमेंट के प्रभावित फ्लैट मालिकों में छह सप्ताह के भीतर मुआवजे की राशि का वितरण करना है. इस राशि को प्राप्त करने के लिए नगर आयुक्त ने दो बार सुप्रीम कोर्ट के रजिस्टार को पत्र लिखा है, लेकिन निगम एकाउंट में मुआवजे की राशि नहीं आयी है. वहीं, मुआवजे की राशि के वितरण होने के एक माह में फ्लैट खाली करना है. मुआवजे की राशि वितरण में जितना विलंब होगा, उतना ही विलंब अपार्टमेंट के अवैध हिस्से को तोड़ने में भी होगा.
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