पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एससी-एसटी अत्याचार मामले को तुरंत निबटाने का निर्देश दिया है. उन्होंने गृह व विधि विभाग को निर्देश दिया कि समीक्षा कर तुरंत निर्णय लें कि एससी-एसटी अत्याचार मामले को निबटाने के लिए कहां- कहां विशेष न्यायालय स्थापित करने की जरूरत है.
वह शुक्रवार को एससी-एसटी अत्याचार निवारण के लिए राज्यस्तरीय सतर्कता व अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.जिलों में सतर्कता व अनुश्रवण समिति की नियमित बैठक नहीं होने पर सीएम ने नाराजगी जतायी. बांका, जमुई व अरवल में समिति की बैठक साल में एक बार होने को गंभीरता से लिया गया.
जिलास्तरीय समिति की नियमित बैठक के लिए सभी डीएम को निर्देश देने के लिए कहा गया. जिलों में प्रत्येक तीन माह पर समिति की बैठक का प्रावधान है. बैठक के दौरान सभी महत्वपूर्ण मामलों का ठोस सकारात्मक परिणाम आना चाहिए. सीएम ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे डीएम के साथ हर माह होने वाले वीडियो कांफ्रेंसिंग में एससी-एसटी अत्याचार के मामले को मुख्य एजेंडे में शामिल करें.
एससी-एसटी के लोगों को प्रताड़ित करने के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को सजा दिलाने का भी निर्देश दिया. दलित व महादलित वासरहित परिवारों को आवास के लिए भूमि वितरण की समीक्षा की गयी. बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, एससी-एसटी कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी, योजना व विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव आदि थे.
राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रमई राम, सांसद हरि मांझी, विधायक दिनकर राम, रामलखन राम रमण, कृष्णनंदन पासवान, मनोहर प्रसाद सिंह, भागीरथी देवी, सोने लाल हेम्ब्रम, रत्नेश सदा, श्याम बिहार राम, संतोष कुमार निराला, अमला देवी, मुख्य सचिव एके सिन्हा, डीजीपी अभयानंद, गृह सचिव आमिर सुबहानी, सीएम के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव सी अशोकवर्धन, एससी-एसटी कल्याण सचिव एसएम राजू, पटना प्रमंडल के आयुक्त इएलएसएन बाला प्रसाद, सीएम के सचिव अतीश चंद्रा, कारा महानिदेशक आनंद किशोर सहित समिति के अन्य सदस्य व अधिकारी मौजूद थे.