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राज्यसभा व विधान परिषद के लिए उठा-पटक शुरू
राजनीति : अंतिम सप्ताह में खुलेगा पत्ता, अधिकतम नामांकन 30-31 को संभव, राज्यसभा की चार सीटें महागंठबंधन के खाते में जानी तय पटना : राज्यसभा की पांच और विधान परिषद की सात सीटों के लिए सत्ताधारी दल जदयू, राजद और कांग्रेस के अंदर उठा-पटक शुरू हो गयी है. चुनाव हारे तीनों दलों के दर्जनों नेता […]
राजनीति : अंतिम सप्ताह में खुलेगा पत्ता, अधिकतम नामांकन 30-31 को संभव, राज्यसभा की चार सीटें महागंठबंधन के खाते में जानी तय
पटना : राज्यसभा की पांच और विधान परिषद की सात सीटों के लिए सत्ताधारी दल जदयू, राजद और कांग्रेस के अंदर उठा-पटक शुरू हो गयी है. चुनाव हारे तीनों दलों के दर्जनों नेता किसी भी सूरत में ऊपरी सदन पहुंचना चाहते हैं. जदयू के समक्ष अपने दिग्गज नेताओं को दोबारा सदन में भेजने की चुनौती है.
वहीं, राजद कोटे की एक सीट पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के लिए सुरक्षित मानी जा रही है. ऊपरी सदन के लिए मारामारी भाजपा में भी नजर आ रही है. पर, भाजपा और कांग्रेस की खिचड़ी दिल्ली में ही पकेगी. वहीं विधानसभा में राज्य की दो बड़ी पार्टियां जदयू और राजद के बड़े नेता दल के भीतर उम्मीदवारों की बढ़ती कतार को देखते हुए चुप हैं. राज्यसभा की पांच सीटों में चार सीटें महागंठबंधन के खाते में जानी तय है. तीनों दलों में राजद अपने को सबसे अधिक सुरक्षित मान कर चल रहा है. विधानसभा में 80 विधायकों के दम पर राजद के लिए राज्यसभा की दो सीटें हासिल कर पाना आसान दिखता है.
इसके लिए उसे मात्र दो अतिरिक्त विधायकों के वोट की जरूरत होगी. विधान परिषद में भी चार अतिरिक्त मतों के जुगाड़ से राजद तीन सीट पर कब्जा पा सकता है. विधान परिषद की सात सीटों पर 10 जून को मतदान होगा. सात सीटों में चार जदयू कोटे की हैं. एक राजद और दो भाजपा की सीटें हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए जो फाॅर्मूला है, उसके मुताबिक जदयू को दो सीटों पर जीत के लिए अपने 71 विधायकों के मत के अलावा 11 अतिरिक्त मतों की दरकार होगी. एक सीट के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए.
इस गणित से जदयू को दो सीटों के लिए 82 विधायकों के वोट चाहिए. बाकी के वोट उसे कांग्रेस से मिल सकता है. विधानसभा में कांग्रेस के 27 विधायक हैं. अपने दम पर वह राज्यसभा की एक सीट भी नहीं जीत सकती है. फिलहाल, तीनों पार्टियां बीच का रास्ता निकालने में व्यस्त है.
एक फार्मूला यह भी : तीनों दलों के बीच तालमेल का एक और फाॅर्मूला चर्चा में है. इसके मुताबिक राजद राज्यसभा की एक सीट पर तैयार हो सकता है. बशर्ते, उसे विधान परिषद की चार सीटें दी जाये. महागंठबंधन कोटे की बाकी तीन सीटों में एक कांग्रेस को और दो जदयू को मिल जायेंगे. इस फाॅर्मूले के तहत विधान परिषद की सीटों पर कांग्रेस का दावा नहीं होगा.
लेकिन इस फार्मूले को लेकर किसी भी दलीय नेता ने अपनी जुबान नहीं खोली है आर न ही इसकी पुष्टि की है. राज्यसभा की खाली हो रही सभी पांच सीटें जदयू कोटे की है. जदयू को दो सीटें मिली तो एक पर शरद यादव को भेजे जाने कि चर्चा है. जबकि, दूसरी सीट के लिए केसी त्यागी और अारसीपी समेत कई नाम चर्चा में हैं.
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