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डब्ल्यूएचओ झूठा, साफ हुई है राजधानी की हवा

राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का दावा पर्षद ने कहा, आंकड़ों की हेराफेरी कर डब्लूएचओ ने पटना को बताया विश्व का छठा सबसे प्रदूषित शहर पटना : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा पटना को विश्व का छठा सबसे प्रदूषित शहर बताये जाने पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सफाई पेश की है. पर्षद ने सर्वे […]

राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का दावा
पर्षद ने कहा, आंकड़ों की हेराफेरी कर डब्लूएचओ ने पटना को बताया विश्व का छठा सबसे प्रदूषित शहर
पटना : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा पटना को विश्व का छठा सबसे प्रदूषित शहर बताये जाने पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सफाई पेश की है. पर्षद ने सर्वे को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा इस्तेमाल किये गये प्रदूषित कण पीएम 10 व पीएम 2.5 के आंकड़ों पर सवाल उठाया है. कहा गया है कि प्रदूषण का स्तर विभिन्न शहरों के विभिन्न वर्ष के आंकड़ों के आधार पर बनाया गया है. जबकि, रैंकिंग किसी खास समय या अवधि के आधार पर होनी चाहिए थी.
साथ ही दावा किया कि वर्तमान में किये गये प्रयासों के चलते शहर की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. दैनिक आधारित मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है. अप्रैल 2016 में पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 76.1 रही, जबकि नौ से 12 मई तक औसत सांद्रता 77.38 माइक्रोग्राम से 66.25 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही है. पहले यह आंकड़ा काफी ज्यादा था, लेकिन अब इसमें बहुत सुधार आया है.
पीएम 10 का आंकड़ा वर्ष 2012 का : पर्षद ने कहा कि डब्ल्यूएचओ का पीएम 10 से संबंधित आंकड़ा (167 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर) वर्ष 2012 का जबकि पीएम 2.5 से संबंधित आंकड़ा (149 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर) वर्ष 2013 का दर्शाया गया है. वर्ष 2012 के पीएम 10 आंकड़े के आधार पर पटना को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व का 62वां सबसे प्रदूषित शहर चिह्नित किया गया.
पुन: वर्ष 2013 के पीएम 2.5 के आंकड़े के आधार पर पटना को विश्व का छठा प्रदूषित शहर बताया गया है, जबकि वर्ष 2013 में पीएम 2.5 की सांद्रता 121.90 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पायी गयी थी. इस आंकड़े के आधार पर शहर का प्रदूषण स्तर निम्न होता.
फरवरी से शहर की एयर क्वालिटी सुधरी
पर्षद ने कहा कि शहर की परिवेशीय वायु गुणवत्ता का अनुश्रवण तीन जगह बेल्ट्रॉन भवन, बांकीपुर बस डिपो परिसर व तारामंडल के पास नियमित रूप से किया जाता है. वायु प्रदूषण की स्थिति जन सामान्य को समझाने के लिए भारत सरकार ने एयर क्वालिटी इंडेक्स तैयार किया है. इसके तहत वायु प्रदूषण की स्थिति को छह श्रेणियों गुड, सैटिसफैक्टरी, मोडरेट, पुअर, वेरी पुअर एंड सीवियर में बांटा गया है. इंडेक्स के पिछले छह महीने के आंकड़े देखें तो पायेंगे कि फरवरी 2016 से पटना शहर की वायु गुणवत्ता सुधरी है.
हमेशा सीवियर (चिंताजनक) व पुअर कॉलम में आने वाले पटना शहर ने फरवरी व मार्च महीने में सैटिसफैक्टरी व मॉडरेट कॉलम में जगह बनायी है. पिछले छह महीने के दौरान शहर में पीएम 2.5 की सांद्रता भी घटी है. जनवरी में रही पीएम 2.5 सांद्रता औसत रूप से 296.7 रही थी, जबकि उसके मुकाबले फरवरी में औसत सांद्रता 168.4, मार्च में 109.0 व अप्रैल में 76.1 रही.

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