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बिल्डर अनिल पर एक और केस
एक और खुलासा. जमानत देनेवाले के नाम और पता जांच में पाये गये फर्जी पटना : बिल्डर अनिल कुमार उर्फ अनिल सिंह पर एक और जालसाजी की प्राथमिकी गांधी मैदान थाने में दर्ज की गयी है. गांधी मैदान थाने में 12 सितंबर, 2014 को दर्ज जालसाजी व मारपीट मामले में (कांड 331/14) में एक जमानतदार […]
एक और खुलासा. जमानत देनेवाले के नाम और पता जांच में पाये गये फर्जी
पटना : बिल्डर अनिल कुमार उर्फ अनिल सिंह पर एक और जालसाजी की प्राथमिकी गांधी मैदान थाने में दर्ज की गयी है. गांधी मैदान थाने में 12 सितंबर, 2014 को दर्ज जालसाजी व मारपीट मामले में (कांड 331/14) में एक जमानतदार की पहचान नहीं हो पायी है. जमानतदार ने जो अपना नाम व पता दिया था, वह पुलिस के सत्यापन में फर्जी निकला. उस नाम का आदमी उस इलाके में नहीं रहता है.
इसके बाद फर्जी जमानतदार के माध्यम से जमानत लेने के मामले में अनिल सिंह के खिलाफ गांधी मैदान थाने में शुक्रवार को मामला दर्ज कर लिया गया. इस मामले में दूसरे जमानतदार के भी नाम व पते का सत्यापन किया गया, तो वह सही निकला. इसके बाद उसके खिलाफ केस दर्ज कराया गया.
सूत्रों के अनुसार अनिल सिंह अभी जिन-जिन केसों में जमानत पर है, उन केसों में जमानत रद्द करने की प्रक्रिया की जा रही है. केस संख्या 331/14 में भी गांधी मैदान पुलिस ने जब जमानतदारों का सत्यापन करना शुरू किया तो उसमें एक जमानतदार नरेंद्र कुमार चौधरी, पिता विश्व राम चौधरी, पता आकाशवाणी रोड, खाजपुरा गलत निकला. इस नाम का कोई भी व्यक्ति उस इलाके में पुलिस को नहीं मिला.
हालांकि दूसरे जमानतदार गौतम कुमार खां, पता मित्रमंडल कॉलोनी सही पाया गया. इस सबंध में डीआइजी सेंट्रल शालीन ने बताया कि एक जमानतदार का सत्यापन करने पर वह गलत निकला है. इस संबंध में एक और केस गांधी मैदान थाने में दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि किसी भी स्थिति में दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. बिल्डर की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है. जल्द ही पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी.
4.25 लाख की ली सब्जी पैसा मांगने पर मारपीट
यह मामला जंदाहा के विशुनपट्टी निवासी वीरेंद्र चौधरी के बयान पर गांधी मैदान थाने में 12 सितंबर, 2014 को दर्ज किया गया था. वीरेंद्र चौधरी ने बयान में बताया था कि वह पाटलिपुत्र एक्जॉटिका होटल में सब्जी की थोक सप्लाइ करता था. एक माह के बाद सब्जी का पैसा मिलता था.
एक बार माह भर चार लाख 25 हजार की सब्जी ली गयी, लेकिन पैसा नहीं दिया गया. जब वह पैसा मांगने गया, तो अनिल सिंह व अन्य ने उसके साथ मारपीट की और अपशब्दों का प्रयोग किया. इस केस में आइपीसी की धारा 420/ 406/ 341/ 323/ 504/ 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
पहले भी जमानत लेने में की गयी थी जालसाजी
आलमगंज थाने में दर्ज केस संख्या 211/13 में भी अनिल सिंह ने फर्जी बेल बांड पर जमानत ली थी. बेल बांंड के लिए जिसके मकान के पेपर और फर्जी हस्ताक्षर पर जमानत ली गयी थी, उसने आलमगंज थाने में शपथ पत्र देकर घोषणा की थी कि उसने अनिल की जमानत नहीं ली थी. वह न तो उन्हें जानता है और न ही कभी मिला है. उसके पेपर का अनिल सिंह द्वारा गलत इस्तेमाल किया गया है. हालांकि इसके बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. यही वजह रही कि बिल्डर अनिल सिंह अन्य मामलों में भी इसी तरह का हथकंडा अपनाते रहा. अब जा कर शुक्रवार को नया मामला उजागर हुआ.
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