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तस्कीन को दुकानदारों ने फंसाया, नहीं है बिल्डर
पटना : तस्कीन आलम को दुकानदारों ने झूठे केस में फंसा कर जेल भिजवा दिया. उन्होंने किसी दुकान को नहीं तोड़वाया. वे बिल्डर भी नहीं है. यह कहना है तस्कीन आलम की पत्नी नवाल आलम का. उन्होंने कहा कि यह मामला पूर्णत: मकान मालिक व किरायेदार का है. पटना मार्केट में उनकी अपनी जमीन है […]
पटना : तस्कीन आलम को दुकानदारों ने झूठे केस में फंसा कर जेल भिजवा दिया. उन्होंने किसी दुकान को नहीं तोड़वाया. वे बिल्डर भी नहीं है. यह कहना है तस्कीन आलम की पत्नी नवाल आलम का.
उन्होंने कहा कि यह मामला पूर्णत: मकान मालिक व किरायेदार का है. पटना मार्केट में उनकी अपनी जमीन है और उस जमीन पर बनी दुकान उनकी है. दुकानदार कई वर्षों से वहां हैं और मात्र दो से पांच किराया देते हैं. उन लोगों को खाली कराने के संबंध में न्यायालय में बीस साल पहले से ही केस चल रहा है. न्यायालय द्वारा दो दुकानों का उनके पक्ष में फैसला भी किया गया है और पजेशन भी मिला है. 16 मई को फिर से न्यायालय में सुनवाई है और हो सकता है कि तीसरी दुकान के संबंध में भी उन्हें पजेशन मिल सकता है.
उन्होंने शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दुकानदार इस जमीन को सरकारी जमीन बता रहे हैं, जबकि यह उनकी जमीन और दुकान है. इसका टैक्स वे लोग पटना नगर निगम को वर्षों से देते आ रहे हैं. जब वे लोग टैक्स देते आ रहे हैं, तो फिर यह सरकारी कैसे हुआ? उन्होंने कहा कि जहां तक दुकान को तोड़ने की बात है, तो यह गलत है.
इसके साथ ही यह सवाल उठाया कि अगर तोड़-फोड़ का काम ही उनके पति तस्कीन आलम को करना होता, तो वे वर्षों से न्यायालय के फैसले के इंतजार में क्यों रहते. और, जब न्यायालय द्वारा उन्हें न्याय मिल रहा है, तो फिर इस तरह की हरकत कोई भी क्यों करेगा? नवाल आलम ने बताया कि उनके पक्ष को किसी ने नहीं सुनी और इसका नतीजा था कि उनकी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा कर जेल भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि वे इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से भी करेंगे, क्योंकि उनके साथ अन्याय हुआ और जेल जाने के कारण बदनामी अलग से हुई है.
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