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गर्भाशय घोटाला : 30 से अधिक डॉक्टरों पर लगेगा प्रतिबंध
50 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द पटना : गर्भाशय घोटाले के लिए जिम्मेवार 30 से अधिक डाॅक्टर और 50 से अधिक निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा. राज्य मानवाधिकार आयोग ने सभी जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाइ) में व्यापक रूप से हुए गर्भाशय घोटाले पर स्वत संज्ञान लेते हुए कड़ा निर्देश जारी किया […]
50 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द
पटना : गर्भाशय घोटाले के लिए जिम्मेवार 30 से अधिक डाॅक्टर और 50 से अधिक निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा. राज्य मानवाधिकार आयोग ने सभी जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाइ) में व्यापक रूप से हुए गर्भाशय घोटाले पर स्वत संज्ञान लेते हुए कड़ा निर्देश जारी किया है, जिसके बाद 2012 में हुए इस घोटाले में फंसे 30 से ज्यादा डॉक्टरों और 50 से ज्यादा निजी हॉस्पिटलों पर कार्रवाई होना तय है.
राज्य मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद इस घोटाले की पीड़ित 709 महिलाओं को करीब 18 करोड़ का मुआवजा स्वास्थ्य विभाग देगा. साथ ही सभी दोषी डॉक्टरों के प्रैक्टिस पर आजीवन प्रतिबंध लगाने और निजी हॉस्पिटलों पर सख्त कार्रवाई की कवायद भी शुरू हो गयी है. आरएसबीवाइ के तहत राज्य के सभी जिलों में ऑपरेशन हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा गड़बड़ी 10 जिलों में सामने आयी है. इनमें भी सबसे ज्यादा समस्तीपुर में फर्जी ऑपरेशन के 316 मामले सामने आये हैं.
इन जिलों में गड़बड़ी के ये मामले आये सामने : समस्तीपुर : बिना जरूरत के 316 ऑपरेशन हुए, जिनमें 14 फर्जी नाम-पते पर किये गये.
– पांच अस्पतालों पर मुकदमा दर्ज, जिनका रद्द होगा लाइसेंस. इनमें कृष्णा नर्सिंग होम, माला नर्सिंग होम, लाइफ लाइन हॉस्पिटल व प्रज्ञा नर्सिंग होम हैं.
-डॉ महेश कुमार, डॉ माला झा, डॉ राजीव कुमार मिश्रा, डॉ कांती कुमारी, डॉ सुधा वर्मा व डॉ एसके चौधरी समेत 22 डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर लग सकती है रोक.
सारण : यहां 333 ऑपरेशन किये गये. इनमें जीवनदीप अस्पताल, त्रिपाठी नर्सिंग होम, देवतारा नर्सिंग होम पर मुकदमा दर्ज. इनका लाइसेंस रद्द होने के साथ ही डॉ एके त्रिपाठी, डॉ भारती सिंह समेत अन्य डॉक्टरों के प्रैक्टिस पर भी लग सकती रोक.
गोपालगंज : बिना जरूरत के 319 ऑपरेशन. आठ अस्पतालों के लाइसेंस होंगे रद्द.
सीवान : बिना जरूरत के 10 ऑपरेशन. राजमहल लाइफ केयर नर्सिंग होम समेत आठ के लाइसेंस होंगे रद्द.
पटना : कुल 703 ऑपरेशन. इनमें 441 मामलों की हुई जांच, जिनमें दो ऑपरेशन बिना जरूरत के पाये गये. हिंदुस्तान पॉली क्लिनिक पर हो सकती कार्रवाई.
औरंगाबाद : दो अस्पतालों ने हेल्थ वर्ल्ड और एसडी अस्पताल ने आंकड़ा उपलब्धनहीं कराया. इससे इन पर भी हो सकती सख्त कार्रवाई. हालांकि, जिले में कुल 390 ऑपरेशन हुए हैं, जिनमें बिना जरूरत के ऑपरेशन का कोई मामला सामने नहीं आया.
नालंदा : 11 मरीजों का फर्जी ऑपरेशन. बिहार क्लिनिक, जानकी आरोग्य मंगल स्थान, गोकुल परिवार एवं शिशु केंद्र, जया नर्सिंग होम और संजीवनी हॉस्पिटल का लाइसेंस हो सकता है रद्द.
शेखपुरा : बिना जरूरत के 46 ऑपरेशन. डॉ रवि रंजन राकेश, डॉ अजय कुमार, डॉ के पुरुषोत्तम, डॉ अशोक कुमार सिंह के अलावा बरबीघा से डॉ आत्मानंद, डॉ भुवनेश्वर प्रसाद, डॉ कृष्ण मुरारी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. इन पर एफआइआर भी दर्ज है.
पूर्वी चंपारण : 12 फर्जी ऑपरेशन हुए. एएम नर्सिंग होम, भवानी नर्सिंग होम, वात्सल्य नर्सिंग होम, शमीमा हेल्थ सेंटर, सुश्रुत सेवा केंद्र, मां नर्सिंग होम, आस्था नर्सिंग होम समेत सात अस्पताल आरोपित. इनका रद्द हो सकता रजिस्ट्रेशन.
नवादा : बिना जरूरत के पांच ऑपरेशन हुए. सिटी हॉस्पिटल, मां जगदंबा नर्सिंग होम व लाइफ लाइन नर्सिंग होम पर एफआइआर दर्ज. रद्द हो सकता रजिस्ट्रेशन.
मधुबनी : बिना जरूरत के तीन ऑपरेशन हुए. माधुरी नर्सिंग होम पर गिर सकती गाज
जमुई : बिना जरूरत के दो ऑपरेशन और फर्जी नाम-पते से 83 ऑपरेशन किये गये. डॉॅ संजय कुमार मंडल (मां जगदंबा क्लिनिक), डॉ राजेश कुमार, डॉ अमित आनंद का रद्द हो सकता रजिस्ट्रेशन. एमसीआइ को लिखा गया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जनसुनवाई में भी उठा था मामला
हाल में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की आयी टीम तीन दिवसीय दौरे पर पटना आयी हुई थी. इस दौरान टीम ने अपनी खुली जनसुनवाई के दौरान भी इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए गृह विभाग के प्रधान सचिव की जम कर फटकार लगायी थी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू ने कहा था कि गरीबों पर तो जल्द कार्रवाई हो जाती है, लेकिन अमीरों पर कार्रवाई करने में इतनी देरी क्यों हो रही है. आरोपित डॉक्टरों पर अभी तक किसी तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है.
पुरुषों के नाम पर भी बच्चेदानी का फर्जी ऑपरेशन कर पैसा हड़प लिया
गर्भाशय घोटाले के तहत छह जिलों में फर्जी नाम और पता वाले लोगों का ऑपरेशन करके पैसा निकालने के मामले सामने आये हैं. इनमें सबसे ज्यादा जमुई जिले में 83 मामले सामने आये हैं.
अरवल जिले में तो दो पुरुषों के नामों पर बच्चादानी का फर्जी ऑपरेशन करके बीमा के रुपये हड़पने का मामला सामने आया है. जमुई में भी सूची में कई पुरुषों के नाम सामने आये हैं. इसी जिले में दो ऐसे लोगों के नाम भी सूची में हैं, जिनकी मौत हो चुकी है. इसके अलावा जिन जिलों में फर्जी नाम-पते पर ऑपरेशन के जो मामले सामने आये, उनमें समस्तीपुर (14), नालंदा (11), पूर्वी चंपारण (12), नवादा (1), जमुई (83) और अरवल (2) शामिल हैं.
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