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ओवरलोडेड थी हवा की टंकी, हुआ ब्लास्ट, मिस्त्री का पेट फटा, मौत

सावधान. एएन कॉलेज के पास एक पंक्चर दुकान की घटना एक पंक्चर दुकान में टंकी में विस्फोट के बाद उसका एक टुकड़ा मिस्त्री के पेट में जा लगा और पेट फट गया. पटना : एएन कॉलेज रोड में रोटी रेस्टोरेंट की बगल में मौजूद एक पंक्चर दुकान में सोमवार को दोपहर करीब 1.30 बजे हवा […]

सावधान. एएन कॉलेज के पास एक पंक्चर दुकान की घटना
एक पंक्चर दुकान में टंकी में विस्फोट के बाद उसका एक टुकड़ा मिस्त्री के पेट में जा लगा और पेट फट गया.
पटना : एएन कॉलेज रोड में रोटी रेस्टोरेंट की बगल में मौजूद एक पंक्चर दुकान में सोमवार को दोपहर करीब 1.30 बजे हवा की टंकी ब्लास्ट कर गयी. इससे वहां काम कर रहे पंक्चर मिस्त्री मुमताज (20) का पेट फट गया. उसकी आंत बाहर निकल आयी.
घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. उधर तेज धमाके के कारण पूरे इलाके में दहशत फैल गयी. बाद में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी. माहौल शांत होने पर लोगों ने वहां जाकर देखा तो मिस्त्री मरा पड़ा था. तत्काल एसकेपुरी थाने को इसकी सूचना दी गयी. पुलिस ने मृतक को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेजा.
नया टोला फुलवारी निवासी मुमताज एएन कॉलेज के पास एक दुकान भाड़े पर लिया था. वह पंक्चर बनाने का काम करता था. उसकी दुकान में वाहनों में हवा भरने वाली टंकी लगी हुई थी. पुलिस के मुताबिक दिन में टंकी में हवा ओवरलोड होने से वह अचानक विस्फोट कर गयी. घटना के दौरान लोहे की टंकी का एक टुकड़ा मिस्त्री के पेट में जा लगा और उसका पेट फट गया. उसकी आंत बाहर निकल आयी. इससे उसकी मौत हो गयी.
उधर तेज धमाका सुन कर पूरा मोहल्ला दहशत में आ गया. मिस्त्री को खून से लथफथ देख लोग वहां जुटे. जानकारी मिलते ही एसकेपुरी थाने की पुलिस वहां पहुंच गयी. हालांकि पुलिस मिस्त्री को अपनी जिप्सी से पीएमसीएच भेजा, लेकिन वह घटनास्थल पर ही दम तोड़ चुका था. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस दौरान बगल में मौजूद ग्रिल बनानेवाली दुकान बंद होने से वहां उस समय मिस्त्री के अलावा कोई नहीं था. अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था.
पटना : एएन कॉलेज के पास एयर टंकी में हुए ब्लास्ट ने इसके रख रखाव की पोल खोल कर रखी दी है. शहर में हर आधा किमी पर पंक्चर की दुकान व पेट्रोल पंपों के आस पास ऐसी टंकियां रखी दिखती हैं, जिनके रखरखाव की कोई गारंटी नहीं होती. सबसे बड़ी बात है कि किसी के पास इसके चलाने का कोई प्रशिक्षण नहीं होता. इन टंकियों की गुणवत्ता की भी कोई जांच नहीं होती. अनुभव के आधार पर ही इसका संचालन किया जाता है.
इसमें कंप्रेशर के आधार पर हवा भरी जाती है, जिसमें छोटी सी लापरवाही कभी भी दोबारा ऐसी किसी घटना का सबब बन सकती है. किसी भी यांत्रिक या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चलाने के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति ही उपयुक्त होता है. इसको चलाने के लिए उसके पास संबंधित ट्रेड का लाइसेंस होना अनिवार्य होता है. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं होता. अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए छोटे-मोटे वाहन मिस्त्री किसी तरह जुगाड़ कर इसको खरीद कर लेते हैं और लापरवाह तरीके से इसका संचालन करते हैं. नतीजा ऐसी घटनाएं होती है.

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