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छुट्टी का मजा लेने में तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड

पटना : सिविल कोर्ट की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल उठ खड़ा हुआ है. सार्जेंट मेजर उदय कुमार सिंह ने जब सिविल कोर्ट की सुरक्षा को लेकर वहां का औचक निरीक्षण किया, तो सैप जवान प्रमोद कुमार, कांस्टेबल सुनील मोहन व भूमेश यादव गायब पाये गये. ये तीनों बिना किसी को बताये लापता […]

पटना : सिविल कोर्ट की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल उठ खड़ा हुआ है. सार्जेंट मेजर उदय कुमार सिंह ने जब सिविल कोर्ट की सुरक्षा को लेकर वहां का औचक निरीक्षण किया, तो सैप जवान प्रमोद कुमार, कांस्टेबल सुनील मोहन व भूमेश यादव गायब पाये गये. ये तीनों बिना किसी को बताये लापता थे.
उनलोगों ने अपनी छुट्टी पर जाने की बात किसी को नहीं बतायी थी. इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए सार्जेंट मेजर उदय कुमार सिंह ने तीनों को निलंबित करने की अनुशंसा एसएसपी मनु महाराज से की है. उन्होंने बताया कि यह घोर लापरवाही और कर्तव्यहीनता है. इसके बाद एसएसपी ने तीनों को निलंबित कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार सार्जेंट मेजर 25 अप्रैल को सिविल कोर्ट का निरीक्षण करने पहुंचे थे, तो सैप जवान को गायब पाया. इसके बाद वे जब 26 अप्रैल को फिर से औचक निरीक्षण करने पहुंचे, तो फिर दो जवान गायब मिले.
इसके बाद उन्होंने 27 अप्रैल को पूरे मामले की जानकारी एसएसपी को देते हुए निलंबित करने की अनुशंसा कर दी. अनुशंसा पर एसएसपी ने निलंबन की कार्रवाई की. एक ओर जहां बिहार के कई कोर्ट में बम विस्फोट की घटना हो चुकी है और सुरक्षा को कड़े करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है, वहीं सिविल कोर्ट की सुरक्षा में तैनात जवान गायब है. गुरुवार को ही भागलपुर कोर्ट के पीछे बम विस्फोट हुआ. इसके पूर्व छपरा कोर्ट परिसर में बम विस्फोट की घटना हुई थी.
पुलिस की निष्क्रियता के कारण पहले भी सिविल कोर्ट में कई घटनाएं हो चुकी हैं. वर्ष 2006 में पेशी के लिए आये कुख्यात अपराधी हरिवंश को उसके विरोधी गुट के अपराधियों ने कोर्ट परिसर में ही गोली मार कर हत्या कर दी थी और फरार हो गये थे. बाद में उन अपराधियों को पकड़ा गया था. इसके अलावा कई अपराधी हथकड़ी सरका कर भाग चुके हैं.
वहीं कोर्ट हाजत में पेशी के लिए आये कैदियों के पास से मोबाइल व सिम बरामद किये गये थे. यही नहीं खाने के लिए चिकेन आदि भी मिले थे. 2015 जनवरी माह में आरा कोर्ट में बम विस्फोट की घटना के बाद उस समय के तत्कालीन एसएसपी जितेंद्र राणा से जब कोर्ट हाजत का औचक निरीक्षण किया था, तो यह बात
सामने आयी थी और पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था. अभी कुछ दिन पहले प्रेम विवाहकरने वाली एक युवती जब अपना बयान देने कोर्ट पहुंची, तो उसके परिजनों ने उसे कोर्ट परिसर में दौड़ा-दौड़ा कर बेरहमी से पीटा
और वहां तैनात पुलिस कर्मी मूकदर्शक बने हुए रहे. इस मामले में भी उक्त केस के अनुसंधानकर्ता को निलंबित कर दिया गया था और कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया था. बाद में इस मामले में दोषी पर कार्रवाई हुई थी.

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