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पनास होटल पर एफआइआर
कार्रवाई. होटल में शराब पीते पकड़े गये सातों व्यवसायी भेजे गये जेल शराब पीनेवाले सातों व्यवसायियों समेत पनास होटल प्रबंधन को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. होटल प्रबंधन में मालिक, जीएम, मैनेजर व अन्य पदाधिकारी शामिल हैं पटना :गांधी मैदान के पनास होटल में पकड़े गये सातों व्यवसायियों को बुधवार को जेल भेज दिया गया. […]
कार्रवाई. होटल में शराब पीते पकड़े गये सातों व्यवसायी भेजे गये जेल
शराब पीनेवाले सातों व्यवसायियों समेत पनास होटल प्रबंधन को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. होटल प्रबंधन में मालिक, जीएम, मैनेजर व अन्य पदाधिकारी शामिल हैं
पटना :गांधी मैदान के पनास होटल में पकड़े गये सातों व्यवसायियों को बुधवार को जेल भेज दिया गया. इन पर गांधी मैदान थाने में थानाध्यक्ष निखिल कुमार के बयान के आधार पर 47 (ए)/ 53(बी)/ 63 बिहार उत्पाद संशोधन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमें पनास होटल प्रबंधन व सातों व्यवसायियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. होटल प्रबंधन के तहत मालिक, जीएम, मैनेजर व अन्य पदाधिकारी शामिल है.
इसमें किसकी कितनी भूमिका हैं यह पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट होगा. पकड़े गये सभी व्यवसायी है.हालांकि इसमें से चार पटना के मूल निवासी है. जेल भेजे गये व्यवसायियों में प्रदीप कुमार लोहिया (रघुकुल मार्केट, रिंग रेाड, सलावतपुर, सूरत, गुजरात, स्थायी पता-इंद्रलोक अपार्टमेंट, जगत नारायण रोड, पटना), अशोक अग्रवाल (520, आदर्श, इंकलेव, वेसू, खटोदरा, सूरत, स्थायी पता-देवालय कॉम्प्लेक्स, हथुआ मार्केट के पीछे, बारी पथ, पीरबहोर), संजय टेकरीवाल (134 आशीर्वाद विला, न्यू सिटी लाइट रोड, उमराह, सूरत), राजीव अग्रवाल (सूटरगंज, ग्वाल टोली, कानपुर, यूपी, स्थायी पता-504 सी ब्लॉक, वासुदेव इंकलेव, कंकड़बाग मेन रोड), सचिन अग्रवाल ( 203, सूर्य देवन अपार्टमेंट, सिटी लाइट रोड, उमराह, सूरत), शैलेश सर्राफ (1101 आशीर्वाद पैलेस, भटार रोड, सूरत ) व संजय कुमार पोद्दार उर्फ सुनील कुमार ( 306, सूर्य देवन अपार्टमेंट, सिटी लाइट रोड, उमराह, सूरत, स्थायी पता-306, जगदीश इंकलेव, आरबीआइ के पीछे, गांधी मैदान) शामिल है.
शादी समारोह में भाग लेने के लिए आये थे पटना : सूत्रों के अनुसार सभी व्यवसायी है और इनका गुजरात व यूपी में बिजनेस है. चार पटना के मूल निवासी है. ये सभी अशोक राजपथ के साड़ी कारोबारी चानन अग्रवाल के बेटे अप्पू की शादी में भाग लेने के लिए आये थे और इन सभी को पनास होटल में ठहराया गया था. शादी का पूरा आयोजन पटना क्लब में था. पकड़े गये अशोक अग्रवाल की खेतान मार्केट में मनीष साड़ी इंपोरियम है.
हालांकि ये व्यवसाय के सिलसिले में सूरत से जुड़े हुए है. संजय पोद्दार की भी खेतान मार्केट में दुकान है. प्रदीप लोहिया शिवगंगे ब्रांड साड़ी के मालिक है. इसके अलावा संजय टेकरीवाल सूरत की साड़ी इंडस्ट्री रतनदीप के संचालक है. शैलेश अग्रवाल की त्रिवेणी ब्रांड से साड़ी का व्यवसाय है. सूरत में कला श्री साड़ी के मालिक सचिन है. राजीव अग्रवाल रतनदीप के प्रतिनिधि हैं.
पकड़े जाने के बाद सभी ने अपने को बताया सूरत का रहनेवाला : पनास होटल में मंगलवार की रात जब पुलिस की टीम ने छापेमारी की, तो उस समय उन लोगों ने यह कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं हैं कि बिहार में शराबबंदी है. वे लोग मुंबई से शराब की बोतल लेकर आ रहे है. क्योंकि, वे लोग सूरत के रहनेवाले है. लेकिन, पुलिस ने जैसे-जैसे पूछताछ शुरू की, वैसे-वैसे सारी हकीकत सामने आने लगी. चार पटना के ही रहनेवाले निकले.
बाकी तीन मूल रूप से सूरत व यूपी के थे. सूचना मिलने पर काफी संख्या में लोग गांधी मैदान थाना पहुंचे. थानाध्यक्ष निखिल कुमार को जगह-जगह से मैनेज करने के लिए फोन भी आने लगे.
मंडियों में पहुंच रही शराब, घरों में सज रहे मयखाने
बिहार में शराबबंदी के बाद तस्करों की चांदी हो गयी है. शराब का काला कारोबार करनेवाले गैंग के लोग शराब के निर्माण के बजाय बार्डर इलाकों से तस्करी करने में लगे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि पहले नकली सामान को असली बता कर सप्लाई करते थे और अब असली सामान को बाॅर्डर इलाकों से लाकर मुंह मांगी कीमत पर बेच रहे हैं. इसमें सबसे सुरक्षित जगह यूपी साबित हो रहा है.
टैक्स कम करने से यूपी में सस्ती हुई शराब अब बिहार में तस्करों को लाभ पहुंचा रही है. सूत्रों की मानें, तो बड़े पैमाने पर शराब ट्रकों व अन्य गाड़ियों से सब्जी व फल मंडी में पहुंच रही है. फिर इसे शराब माफिया महफूज कर दे रहे हैं और फुटकर मेें बाइक से इसकी सप्लाई की जा रही है. इस बदले तरीकों ने शराब के शौकीनों को घरों में समेट दिया है. अब घर में ही मयखाने सजने लगे हैं.
मालवाहक गाड़ियों से आ रही शराब
दरअसल शराब तस्करी कई तरह से की जा रही है. लेकिन, बड़े पैमाने पर यह कारोबार मालवाहक गाड़ियों में चल रही है, जो गाड़ियां पश्चिम बंगाल और नासिक से यूपी के रास्ते बिहार आ रही हैं उसमें आलू-प्याज की बोरी के बीच नशे का यह सामान लाया जा रहा है. इस कारोबार से जुड़े लोग शराब को बाइपास पर और मंडी में दोनों जगह रिसीव कर रहे हैं. यहां से इसे छोटे तस्करों के माध्यम से मुंह मांगी कीमत पर घरों में सप्लाई की जा रही है. इसके अलावा ट्रेन की यात्री कोच के लगेज में भी शराब ला रहे है.
कूरियर की शक्ल में घूमरहे सप्लायर
ऑनलाइन सामान की डिलिवरी करने वाले एजेंट जिस तरह से बड़े बैग में सामान लेकर आते हैं, उन्हीं के शक्ल में शराब तस्करों का गैंग बोतलें पहुंचा रहा है. खास बात यह है कि इस खेल में वहीं लोग जुड़ गये हैं, जो शहर में नकली शराब बनाते और बेचते थे, जो लोग पहले से जुड़े हैं, वह इस धंधे को हवा दे रहे हैं.
इन मंडियों में पहुंच रही है शराब की खेप
बाहर से अानेवाले ट्रकों में ट्रांसपोर्ट नगर, बहादुरपुर बाजार समिति, अंटा घाट, राजेंद्र नगर सब्जी मंडी में शराब चोरी-चोरी लायी जा रही है. गाड़ियों के चालक व खलासी शराब माफियाओं से मिले हुए हैं. मोटी रकम मिलने के कारण शराब की बोतलें यूपी और पश्चिम बंगाल से लायी जा रही हैं. कड़े कानून का खौफ भी इन पर नहीं दिख रहा है.
दियारे में महफूज ग्रामीण इलाकों की शराब
शहरी इलाकों में सब्जी व फल मंडियां, तो ग्रामीण इलाकों की सप्लाई के लिए शराब दियारे में महफूज हो रही है. सोनपुर, छपरा, वैशाली का दीयर क्षेत्रों में शराब छुपायी जा रही है. यहां से ग्रामीण इलाकों में अासानी से शराब पहुंच जा रही है. यहां का कारोबार प्रशासन से बेखौफ होकर अपराध जगत से जुड़े लोग चला रहे हैं
सार्वजनिक स्थानों पर लगना चाहिए चेतावनी बोर्ड
बिहार में शराबबंदी के बाद लोगों को कानून के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए सकारात्मक कदम उठाये जा सकते हैं. इसमें सबसे पहले जिला प्रशासन व उत्पाद विभाग की ओर से सभी सार्वजनिक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगवाये जाने चाहिए. खास कर रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, टमटम पड़ाव आदि स्थानों पर. यहां पर बाहर से आनेवाले यात्रियों को प्रतिबंध के बारे मेें जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें चेतावनी देनेवाले संदेश होने चाहिए.
बोतल पर अंकित है फॉर सेल इन बिहार ऑनली
पनास होटल के कमरा संख्या 308 में बरामद हुई शराब बंदी के पूर्व ही स्टॉक कर ली गयी थी. यह शराब किसने स्टॉक कर रखी थी, इस बिंदु पर छानबीन चल रही है. बरामद ब्लैक डॉग की बोतल व 60 एमएल की बोतल पर केवल बिहार में सेल और उपयोग करने की जानकारी है. हालांकि, उसकी बॉटलिंग करने का पता महाराष्ट्र के नासिक की दी गयी है.
लेकिन, बिहार में उपयोग करने की दी गयी जानकारी यह इंगित करती हैं कि शराब की बोतल पटना में ही खरीदी गयी थी. हालांकि, पकड़े जाने के बाद सातों ने पुलिस को यह जानकारी दी थी कि वे लोग मुंबई से शराब लेकर पटना पहुंचे थे. लेकिन, बोतल पर लिखी जानकारी ने उनकी हकीकत खोल दी. अब यह शराब की बोतल किसके पास स्टॉक थी या फिर किस माध्यम से खरीदी गयी थी. इस बिंदु पर पुलिस अनुसंधान कर रही है. टाउन एएसपी कैलाश प्रसाद ने बताया कि बोतल के ऊपर ऑनली सेल फॉर बिहार अंकित है.
इसका अर्थ है कि शराब पटना में ही खरीदी गयी है. उन्होंने संभावना जतायी है कि संभवत: यह बंदी के पूर्व से ही स्टॉक कर रखी गयी थी. शराब की बोतल पर कंपनी की ओर से नंबर दिया गया होता है. इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि वह बोतल किस दुकान को सप्लाई की गयी थी. यह स्पष्ट है कि बोतलें बिहार में ही खरीदी गयी थी.
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