Advertisement
आरटीइ की शिकायतों की मॉनीटरिंग के लिए गठित नहीं हो सकी है कमेटी
पटना : राज्य के प्राइवेट स्कूलों पर राज्य सरकार लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. शिक्षा के अधिकार (आरटीइ) की शिकायतों के समाधान और उसकी मॉनिटरिंग के लिए कमेटी का गठन किया जायेगा. सरकारी स्कूलों में आरटीइ के अनुपालन के लिए गठित कमेटी ही फिलहाल प्राइवेट स्कूलों में भी आरटीइ के मामलों को देखती […]
पटना : राज्य के प्राइवेट स्कूलों पर राज्य सरकार लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. शिक्षा के अधिकार (आरटीइ) की शिकायतों के समाधान और उसकी मॉनिटरिंग के लिए कमेटी का गठन किया जायेगा. सरकारी स्कूलों में आरटीइ के अनुपालन के लिए गठित कमेटी ही फिलहाल प्राइवेट स्कूलों में भी आरटीइ के मामलों को देखती है.
इसके लिए जिला स्तर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में टीम काम करती है. जल्द ही सभी प्राइवेट स्कूलों के कामों की जांच की जायेगी और इसके लिए अलग से कार्यक्रम भी तय किये जायेंगे. इसको लेकर शिक्षा विभाग नया गाइडलाइन बनाने जा रही है और शिक्षा का अधिकार कानून को राज्य में सख्ती से लागू करवायेगी.
सरकार दूसरे राज्यों की तर्ज पर बिहार के निजी स्कूलों के लिए गाइडलाइन बनाने जा रही है. इसके लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत दूसरे राज्यों के गाइडलाइन का अध्ययन किया जा रहा है. इसमें जो स्कूल नियमों का पालन करते हुए नहीं दिखेंगे उन पर कार्रवाई की जायेगी. निजी स्कूलों में आरटीइ के तहत 25 फीसदी वैसे बच्चों को नामांकन होना है जो गरीब तबके के हैं. सरकार वैसे स्कूलों का सबसे पहले निरीक्षण करेगी, जहां बच्चों का नामांकन किया गया है.
देखा जायेगा कि गरीब बच्चों का वहां नामांकन हुआ या नहीं. राज्य में 2,99,312 बच्चों प्रारंभिक स्कूल में पढ़ते हैं. इसमें 25 फीसदी के आधार पर 86,276 गरीब तबके के बच्चों का नामांकन होना जरूरी है, लेकिन 2015-16 में 45,720 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो सका है. इस आधार पर करीब 54 फीसदी गरीब बच्चों का नामांकन नहीं हो सका है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement