Advertisement
योजना: आइजीआइएमएस में बनेगा नया नेत्र विभाग
पटना: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) परिसर में आइ विभाग के लिए नया भवन बनेगा. दिल्ली के एम्स में बने चक्षु संस्थान के तर्ज पर इसका निर्माण होगा. यहां सुपर स्पेशएलिटी की तरह मरीजों को सुविधाएं मिलेंगी. आइजीआइएमएस प्रशासन ने इसका प्रस्ताव बनाकर राज्य व केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है. अस्पताल […]
पटना: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) परिसर में आइ विभाग के लिए नया भवन बनेगा. दिल्ली के एम्स में बने चक्षु संस्थान के तर्ज पर इसका निर्माण होगा. यहां सुपर स्पेशएलिटी की तरह मरीजों को सुविधाएं मिलेंगी. आइजीआइएमएस प्रशासन ने इसका प्रस्ताव बनाकर राज्य व केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है. अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए 110 करोड़ रुपये की मांग की है. राशि मिलने के बाद भवन का निर्माण शुरू हो जायेगा.
बुजुर्गों को अलग से सुविधा : नयी बिल्डिंग में बनने वाले आइ विभाग में बुजुर्ग मरीजों को विशेष सुविधा मिलेगी. विभाग में बुजुर्ग मरीजों को अलग से चिकित्सीय परामर्श दिया जायेगा. अलग वार्ड में भरती कर इनका इलाज किया जायेगा. इनके लिए डॉक्टरों की एक अलग टीम होगी. टीम में मेडिसिन और नेत्र विभाग के डॉक्टर शामिल होंगे.
20 बेड का अलग से होगा वार्ड : 50 वर्ष से ऊपर के मरीजों के लिए 20 बेड का एक अलग वार्ड होगा. इसमें बुजुर्गों के लिए बेड व अन्य सुविधाएं होंगी. उनकी उम्र के हिसाब से डायट भी दिये जायेंगे. शौचालय की भी अलग से व्यवस्था होगी. ट्रेंड नर्सों की टीम होगी. नयी बिल्डिंग में नेत्र विभाग का आधुनिक ओपीडी भी होगा. प्रबंधन तीन सीनियर डॉक्टर के एक-एक चिकित्सक को मिलाकर ओपीडी टीम बनाने पर विचार कर रहा है.
यह है वर्तमान स्थिति : आइ विभाग में नेत्र दान करने के लिए आइ बैंक बनाया गया है, जो काम कर रहा है. लेकिन नये उपकरणों की कमी है. आंखों की जांच के लिए फोर डी एबी स्केनर, एफएफए कैमरा, आॅटोरिफलेक्टर आदि उपकरण नहीं हैं. आॅपरेशन थियेटर में वेंटिलेटर मशीन, आॅपरेशन के दौरान खून का बहाव रोकने के लिए डायथर्मी मशीन आदि नहीं हैं. विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर किसी तरह मरीजों की जांच करते हैं. यहां मरीजों की संख्या के अनुपात में डॉक्टरों भी नहीं हैं. जबकि, यहां रोजाना 150 से अधिक मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं.
निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा अस्पताल
आइजीआइएमएस निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है. आइ विभाग के लिए नयी बिल्डिंग बनने से यहां सुपर स्पेशएलिटी की सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी. िवभाग में डॉक्टरों की कमी है. बहाली होनी चाहिए.
डॉ सुनील सिंह, उपाध्यक्ष, आइजीआइएमएस
बजट मिलते ही शुरू हो जायेगा काम
दिल्ली एम्स के आइ विभाग के तर्ज पर आइजीआइएमएस का आइ विभाग विकसित किया जायेगा. इसके लिए प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार व केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गया है. उममीद है कि जल्द ही इसकी अनुमति मिल जायेगी. बजट मिलते ही नये भवन के निर्माण का काम शुरू हो जायेगा. नये भवन में बच्चाें से लेकर बुजुर्ग मरीजों तक का ख्याल रखा गया है.
डॉ विभूति प्रसाद सिन्हा, एचओडी, आइ विभाग, आइजीआइएमएस
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement