पटना : राजधानी पटना में आयोजित हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के संयुक्त सम्मेलन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि निचली अदालतों में भी ओबीसी अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार निचली अदालतों में ओबीसी को आरक्षण मिले इसके लिए बेहतर कदम उठाये हैं लेकिन पटना हाइकोर्ट ने सरकार के उस पहल पर अपनी सहमति की मुहर अभी तक नहीं लगायी है. मुख्यमंत्री ने कई दूसरे राज्यों के उदाहरण देते हुए कहा कि इन राज्यों की निचली अदालतों और सरकारी नौकरियों में ओबीसी को आरक्षण दिया जा रहा है. बिहार को इसमें अलग मानक अपनाने का कोई विशेष कारण नहीं दिख रहा है.
न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढ़ाने पर विचार
नीतीश कुमार ने न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढ़ाने के लिए अधिक फंड की जरूरत पर बल दिया वहीं अराजपत्रित अधिकारियों के मामले में भी यही बात कही. उन्होंने न्याय पालिक के आधार को और मजबूत करने की बात पर बल दिया. नीतीश के मुताबिक केंद्र प्रायोजित योजनाओं के बेहतर विकास के लिए वित्तीय मदद पर विचार करने की बात कही और केंद्र राज्य के बीच राशि आवंटन के अनुपात का भी मुद्दा उठाया. नीतीश के मुताबिक पहले राज्य और केंद्र का न्यायिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए फंड का अनुपात 75: 25 था. अब यह 60: 40 कर दिया गया है, जो पूरी तरह न्यायसंगत नहीं है. नीतीश कुमार ने बिहार में संसाधनों की कमी बताते हुए केंद्र से मदद की भी बात कही.
केंद्र से प्रर्याप्त धनराशि की जरूरत
नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार को इस बात पर विचार करना होगा कि न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रर्याप्त धनराशि कीजरूरत पड़ेगी. इसके लिए उन्होंने सम्मेलन में यह बात अपने भाषण में कही. राज्य के कानून मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने मुख्यमंत्री की तरफ से यह भाषण पढ़ा.